छठ पूजा (Chhath Puja/Dala Chhath) बिहार में मनाया जाने वाला एक मुख्य और प्रसिद्ध त्यौहार है जो अब भारत के उत्तरी राज्यों के साथ अन्य स्थानों पर भी मनाया जाने लगा है। एक कथा है कि असुरों से हारने के बाद माता अदिति को छठी माँ की आराधना से एक तेजस्वी पुत्र हुआ। वह पुत्र भगवान आदित्य थे जिन्होंने असुरों को पराजित किया और देवताओं की विजय हुई, तब से छठ/डाला छठ पर्व मनाया जा रहा है।
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छठ पूजा/डाला छठ 2023 पर 10 लाइन (Ten Lines on Chhath Puja/Dala Chhath 2023 in Hindi)
आईये आज इस लेख के माध्यम से हम प्रसिद्ध पर्व छठ के बारे में जानेंगे। आशा करता हूँ कि ये लेख आपको पसंद आएगा।
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Chhath Puja par 10 Vakya – Set 1
1) भारत के उत्तरी राज्यों में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में छठ का पर्व एक विशेष महत्व रखता है।
2) इस दिन लोग छठी माता की पूजा करते हैं जिन्हें हम माता कात्यायनी के नाम से भी पुकारते हैं।
3) छठ पूजा का मुख्य व्रत हिन्दी कैलेंडर के कार्तिक महीने की शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।
4) छठ पूजा का पर्व भारतीय संस्कृति का हिस्सा है जो वैदिक काल से मनाया जा रहा है।
5) छठ पूजा में माताएं अपने बच्चों के लिए 3 दिन का उपवास रखती हैं जिसमे 36 घंटो का निर्जला व्रत रहता है।
6) षष्ठी पूजा में फल, मिठाई और ठेकुआ या खस्ता नामक मुख्य प्रसाद चढ़ाया जाता है।
7) छठ पूजा में मूर्ति पूजा न करके सूर्य, प्रकृति आदि की पूजा ऋग्वेद में लिखित आर्य परंपरा के अनुसार किया जाता है।
8) छठ पूजा भारत के उत्तरी राज्य बिहार के वैदिक आर्य संस्कृति का एक मुख्य हिस्सा है।
9) वर्ष 2021 में छठ पूजा का पर्व नवंबर महीने की 10 तारीख को मनाया जाएगा।
10) छठ/डाला छठ पूजा का महापर्व फिजी, मॉरीशस और टोबैगो आदि देशों में भी बड़े श्रद्धा से मनाया जाता है।
Chhath Puja par 10 Vakya – Set 2
1) भारत में मुख्यतः उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी छठ पर्व मनाया जाता है।
2) छठ/डाला छठ पूजा का पर्व रोशनी के पर्व दीपावली के त्यौहार के 6 दिन के बाद मनाया जाता है।
3) छठ पूजा का व्रत स्त्री या पुरुष में से कोई भी कर सकता है, परन्तु अधिकतर महिलाओं द्वारा यह व्रत किया जाता है।
4) 4 दिवसीय छठ पूजा का आरम्भ पहले दिन ‘नहाए-खाए’ से होता है, इस दिन केवल शाम में दाल, चावल व सब्जी खाते हैं।
5) दूसरा पंचमी के दिन ‘खरना’ होता है जिसमे सूर्यास्त के बाद गुड़, चावल व गन्ने के रस से बनी खीर खाने के बाद व्रत आरम्भ हो जाता है।
6) तीसरे दिन मुख्य षष्ठी व्रत रखा जाता है और सूर्यास्त के समय व्रती सूर्य को अर्घ्य देते है।
7) कार्तिक सप्तमी के दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उसके बाद व्रत का पारण करते हैं।
8) छठ पूजा (Chhath Puja) में व्रती पहले दिन नदी या तालाब में स्नान करते हैं और बाकी दिन भी जलकुण्ड में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
9) छठ/डाला छठ पूजा में शाम के समय भगवान सूर्य की एक पत्नी प्रत्युषा और सुबह के समय दूसरी पत्नी उषा के सम्मान में उन्हें अर्घ्य दिया जाता है।
10) छठ पूजा को हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाला सबसे कठोर और अनुशासित व्रत पूजा माना जाता है।
छठ पूजा और व्रत करने से छठी माता सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और सुख-वैभव का आशीर्वाद देती हैं। जो लोग नदी या तालाब में नहीं जा पाते हैं, वे घर पर ही जलकुण्ड बनाकर बाकी विधि-विधान से पूजा करते हैं। छठ पूजा का व्रत माताओं द्वारा अपने पुत्र के लिए प्रेम और त्याग को परिभाषित करता है। इस पर्व की इतनी लोकप्रियता है कि अन्य देशों में रहने वाले भारतीयों के साथ-साथ गैर हिन्दू भी छठ पूजा का पर्व मनाते हैं।
FAQs: Frequently Asked Questions on Chhath Puja
उत्तर – भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को महिलाएं पुत्र की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं जिसे हलछठ, हलषष्ठी छठ या ललई छठ कहा जाता है।
उत्तर – ललई छठ हिन्दी पंचांग के भाद्रपद माह तथा छठपूजा कार्तिक माह में किया सकता है।
उत्तर – ललई छठ में व्रती महिलाएं भगवान बलराम की पूजा करती हैं ताकि उन्हें भगवान बलराम जैसे बलशाली पुत्र की प्राप्ति हो।
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