10 वाक्य

द्रौपदी मुर्मू पर 10 वाक्य (10 Lines on Draupadi Murmu in Hindi)

द्रौपदी मुर्मू – भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति, दूसरी महिला राष्ट्रपति व भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन चुकी हैं जिसका शपथ वे 25 जुलाई को लेंगी। वे एक आदिवासी नेता और उड़ीसा की एक सक्रिय राजनीतिज्ञ हैं।

जैसा की हम सब जानते है कि भारत में 15वां राष्ट्रपति चुनाव जुलाई 2022 में हुआ था, राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद का सेवा कार्यकाल 2022 में समाप्त हुआ। इस पद के लिए भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में भारतीय राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम द्रौपदी मुर्मू सामने आया। द्रौपदी मुर्मू का नाम 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार के रूप में तय किया गया था जो की उन्होंने 21 जुलाई 2022 को जीत लिया। नीचे दिए गए इन पंक्तियों के माध्यम से आज हम द्रौपदी मुर्मू के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

द्रौपदी मुर्मू पर निबंध

द्रौपदी मुर्मू पर 10 लाइन (Ten Lines on Draupadi Murmu – 15th President of India in Hindi)

यहाँ मैं भारत की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर दस पंक्तियाँ सेट के रूप में प्रस्तुत कर रही हूँ। जो कि आपको द्रौपदी मुर्मू को बेहतर तरीके से जानने में मदद करेगा। भाषा को सरल रखा गया है ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सके।

Draupadi Murmu par 10 Vakya – Set 1

1) 20 जून 1958 को द्रौपदी मुर्मू का जन्म उड़ीसा के बैदापोसी गाँव में हुआ था।

2) द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी से संबंधित एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं।

3) झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ही हैं।

4) उन्हें एनडीए द्वारा 2022 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकित किया गया था और अब वे राष्ट्रपति बन चुकी हैं।

5) वह भारत के राष्ट्रपति पद के लिए नामित होने वाली पहली अनुसूचित जनजाति महिला हैं।

6) द्रौपदी मुर्मू पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल हैं।

7) द्रौपदी मुर्मू भाजपा में अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष रहकर लोगों की सेवा कीं।

8) राजनीति में आने से पहले द्रौपदी मुर्मू एक सहायक शिक्षिका थीं।

9) 2007 में, उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए ओडिशा विधान सभा द्वारा नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

10) मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था और उनके तीन बच्चे थे (दो बेटे एक बेटी) जिसमे से उनके पति व दो बेटों की मृत्यु हो चुकी है।

Draupadi Murmu par 10 Vakya – Set 2

1) अपने दोनों बेटों और पति को खोने के बाद, उनका निजी जीवन त्रासदी से भरा गया।

2) 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत ने द्रौपदी मुर्मू को पार्षद चुना।

3) 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक उन्होंने मत्स्य पालन और पशु संसाधन विभाग का कार्यभार संभाला।

4) 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक उन्होंने वाणिज्य और परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का पद संभाला।

5) 2000-2009 तक भाजपा से वे रायरंगपुर, मयूरभंज (उड़ीसा) से दो बार विधायक हुई।

6) मुर्मू 2009 का चुनाव जीतने में सफल रहीं जब भाजपा, बीजद (बीजू जनता दल) को हराने में विफल रही।

7) मुर्मू को संभावित उम्मीदवार माना जाता था जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन छोड़ने की योजना बनाई थी।

8) भाजपा के लिए मुर्मू की राष्ट्रपति पद की जीत आदिवासीयों का भरोसा जीतने में एक अच्छा कदम साबित होगा।

9) 2015 से 2021 तक, उन्होंने झारखंड के 9वें राज्यपाल के रूप में कार्य किया।

10) 2022 में द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति व दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं।


Draupadi Murmu par 10 Vakya – Set 3

1) द्रौपदी मुर्मू संथाल समुदाय से हैं, जो जनजाति के जातीय समूहों में से एक है।

2) उनके पिता बिरंची नारायण टुडू थे।

3) वह ग्राम प्रधानों के परिवार से संबंध रखती है।

4) उनकी स्कूली शिक्षा केबीएचएस उपरबेड़ा स्कूल, मयूरभंज से हुई थी।

5) वह रमा देवी महिला विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से बीए की डिग्री ली थीं।

6) एक आदिवासी परिवार में पैदा होने के कारण उन्हें कई कठिनाइयों और सामाजिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।

7) द्रौपदी मुर्मू की भारतीय राजनीति में एक विनम्र छवि है।

8) आदिवासी समुदाय के प्रति उनके संघर्षों ने उन्हें काफी प्रसिद्धि और सम्मान दिया।

9) अपने दो छोटे बेटों के खोने के बाद, वह अपनी इकलौती बेटी इतिश्री मुर्मू के साथ रहती है।

10) मुर्मू अपने पति और बेटे की मौत के कारण डिप्रेशन में चली गई थी।

Draupadi Murmu par 10 Vakya – Set 4

1) मुर्मू ने 1997 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।

2) 1979 से 1983 तक, उन्होंने सिंचाई विभाग ओडिशा में कनिष्ठ सहायक के रूप में भी काम किया।

3) अपने बच्चों की देखभाल के लिए उन्होंने 1983 में अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी।

4) गरीबी और त्रासदियों से जूझने के बाद भी मुर्मू ने हमेशा लगन के साथ समाज की सेवा की।

5) 2016 में, मुर्मू ने घोषणा की कि वह अपनी मृत्यु के बाद कश्यप मेमोरियल आई अस्पताल, रांची को अपनी आंखें दान करेंगी।

6) मुर्मू ने अपने ससुराल का घर एक स्कूल को ट्रस्ट के रूप में दान कर दिया था।

7) एक छोटे से क्षेत्र व आदिवासी समाज से होने के बावजूद उनकी कड़ी मेहनत ने उन्हें भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुँचाया।

8) भाजपा की सदस्य होने के नाते, उन्होंने राजनीति और प्रशासन में अनुभव का खजाना हासिल किया।

9) द्रौपदी मुर्मू, यशवंत सिन्हा (अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस) के खिलाफ, राष्ट्रपति का चनाव 21 जुलाई 2022 को जीतकर भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन चुकी हैं।

10) मुर्मू ने कहा कि वह इस शीर्ष पद को पाने पर प्रसन्न और आश्चर्यचकित महसूस कर रही हैं।


2022 का राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई 2022 को शुरू हुआ जिसका परिणाम 21 जुलाई 2022 को घोषित हुआ।

द्रौपदी मुर्मू के नाम के आगे कई ‘प्रथम’ जुड़ चुका हैं। और राष्ट्रपति चुने जाने पर उनके नाम के साथ एक और ‘प्रथम’ जुड़ गया है। झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य करते हुए, वह हमेशा आदिवासी मामलों, शिक्षा और झारखंड के लोगों की सामाजिक भलाई के मुद्दों में रुचि दिखाती रहीं हैं। उम्मीद है कि वह भारत की एक महान राष्ट्रपति साबित होंगी।

मुझे आशा है कि भारत की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर उपरोक्त पंक्तियाँ एक प्रसिद्ध आदिवासी नेता के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन को समझने में सहायक होंगी।

FAQs: द्रौपदी मुर्मू पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.1 झारखंड के वर्तमान राज्यपाल कौन हैं?

उत्तर: श्री रमेश बैस झारखंड के वर्तमान (2022) राज्यपाल हैं।

Q.2 द्रौपदी मुर्मू की उम्र कितनी है?

उत्तर: द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। जून 2022 में वह 64 साल की हो गयीं।

Q.3 भारत में राष्ट्रपति बनने की न्यूनतम आयु सीमा क्या है?

उत्तर: भारत में राष्ट्रपति बनने के लिए न्यूनतम आयु 35 वर्ष है।

Q.4 भारत की वर्तमान राष्ट्रपति कौन हैं?

उत्तर: भारत की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं।

अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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द्वारा प्रकाशित
अर्चना सिंह

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