10 वाक्य

हनुमान जयंती पर 10 वाक्य (10 Lines on Hanuman Jayanti in Hindi)

श्रद्धा एवं भक्ति की मिसाल कायम करने वाले, त्रिलोक विजेता रावण को अपने शौर्य से विचलित करने वाले, महाबली महावीर, राम जी के आंखों के तारे, मैया सीता के सबसे दूलारे, पवन सूत हनुमान जी का नाम आते ही समस्त हिंदू धर्म के लोगों का सिर श्रद्धा से झुक जाता है। केशरी नंदन हनुमान जी की लोकप्रियता इतनी है कि भारत वर्ष के लगभग हर गांव तथा कस्बें में इनकी एक न एक मूर्ति दर्शन के लिए मिल ही जाएगी, राम भक्त हनुमान जी महाराज माता अंजना के कोख से जन्में थे।

हनुमान जयंती पर 10 लाइन (Ten Lines on Hanuman Jayanti in Hindi)

साथियों आज मैं हनुमान जयंती पर 10 लाइन के द्वारा आप लोगों से हनुमान जयंती के बारे में चर्चा करूंगा, दोस्तों मुझे उम्मीद है कि ये लाइन आपको जरूर पसंद आएंगी तथा आप इसे अपने स्कूल तथा अन्य स्थानों पर इस्तेमाल भी कर सकेंगे।

Hanuman Jayanti par 10 Vakya – Set 1

1) हनुमान जी के जन्म के लिए किसी निश्चित समय को मान्यता नहीं मिली है। आस्था के आधार पर भक्तों ने इनकी जयंती को दो अवधाराओं में विभाजित कर दिया है।

2) कुछ तपस्वियों का समूह यह मानता है कि श्री हनुमान जी का जन्म चैत के महीने में पूर्णिमा के दिन हुआ था।

3) तपस्वियों का दूसरा समूह मानता है कि भगवान हनुमान का जन्म अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष में 14वें दिन हुआ था।

4) अगर हम तमिलनाडु जैसे कुछ दक्षिण भारत के राज्यों की बात करे तो वहां पर हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्मदिन पर न मनाकर उस दिन मनाया जाता है जब हनुमान जी प्रभु श्री राम से पहली बार मिले थे।

5) दक्षिण भारत के लोग हनुमान जयंती नहीं मनाते बल्कि वो उनकी जयंती को वर्धन्ति के रूप में मनाते हैं क्योंकि जयंती तो मृत लोगों का मनाया जाता है जीवित का नहीं।

6) हिंदू धर्म के अनुसार भगवान हनुमान अमर है और वो अभी भी इस ग्रह पर निवास करते हैं।

7) इस दिन भक्त लोग शुद्ध एवं सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।

8) इस दिन भक्त लोग पूरे दिन व्रत रखते हैं तथा हनुमान जी महाराज की पूजा अर्चना करते है एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी करते हैं।

9) हनुमान जयंती भी हिंदू धर्म का एक धार्मिक त्योहार है जो लोगों के मन में अध्यात्म तथा शांति एवं सुख का संचार करता है।

10) भोर के समय में जन्म लेने के कारण भगवान हनुमान की जयंती का रिवाज भी भोर से ही शुरू हो जाता है।

Hanuman Jayanti par 10 Vakya – Set 2

1) हनुमान जी भारत के साथ साथ नेपाल के हिंदूओं के भी प्रमुख देवता है।

2) पूरे भारत में खासकर उत्तर भारत में लोग हनुमान जयंती को बड़े ही हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाते हैं।

3) भक्त लोग इस दिन भगवान हनुमान के मंदिर जाकर उनको फल तथा मिठाईयां चढ़ाते हैं तथा उसका एक हिस्सा प्रसाद के रूप में घर भी लाते हैं।

4) इस दिन हनुमान जी के मंदिर को फूलों, आम के पत्तों, अशोक के पत्तों तथा अन्य चीजों से मनोहर रूप में सजाया जाता है।

5) इस दिन मंदिर में अनेक प्रकार के कार्यक्रमों (रामायण, हनुमान चालीसा तथा आल्हा आदि) का भी आयोजन काया जाता है।

6) इस दिन मंदिरों पर समुदायिक भोजन (भंडारा) का भी आयोजन किया जाता है जिसमें लगभग सभी भक्तों का योगदान रहता है।

7) ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान की पूजा करने से वो संकट मोचन, उनके सारे संकट को हर लेंगे तथा उन्हे खुशी एवं आरोग्य जीवन का वरदान देंगे।

8) हनुमान जयंती के दिन भगवान हनुमान को सिंदूर तथा पुष्प एवं मालाओं से सजाया जाता है। 

9) इस दिन भगवान हनुमान को बूंदी के लड्डू का भोग लगाया जाता है क्योंकि बूंदी के लड्डू उन्हें बहुत पसंद है।

10) इस दिन कुछ लोग भगवान हनुमान के साथ साथ भगवान शिव की भी पूजा अर्चना करते हैं क्योंकि हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी भगवान शिव के ही रूप है।


निष्कर्ष

हनुमान जयंती हिंदू धर्म का एक बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार है, इस दिन हनुमान भक्त भगवान हनुमान की पूजा करते हैं तथा उनसे तेज, ओज, ऊर्जा एवं शक्ति मांगते है तथा उनसे अपने दुखों को हरने की भी विनती करते हैं। अन्य त्योहारों की भाति यह त्योहार भी लोगों में उत्साह भरता है तथा उन्हें आनन्द की अनुभूति कराता है।

दोस्तों मैं आशा करता हूँ कि हनुमान जयंती पर 10 लाइन (Ten Lines on Hanuman Jayanti) आपको पसंद आए होंगे तथा आप इसे भली-भांति समझ गए होंगे।

धन्यवाद

हनुमान जयंती पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on Hanuman Jayanti in Hindi)

प्रश्न.1 साल 2022 में हनुमान जयंती किस तारीख को मनाया जाएगा?

उत्तर- साल 2022 में हनुमान जयंती 16 अप्रैल दिन शनिवार को मनाया जाएगा।

प्रश्न.2 हनुमान जी किसके स्वरूप माने जाते हैं?

उत्तर- हिंदू धर्म के अनुसार हनुमान जी भगवान शिव के स्वरूप माने जाते हैं।

Sandeep Vishwakarma

संदीप कुमार विश्वकर्मा एक पेशेवर कॉन्टेंट राइटर के साथ-साथ एक बेहद उम्दा कवि भी हैं, माँ हंस वाहिनी की कृपा इन पर हमेशा बनी रही है। अपने बचपन के सपने को साकार करने के लिए इन्होंने इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद भी लेखन शैली को अपने जीवन का आधार बनाया और आज इनके कलम से निकला एक-एक शब्द युवाओं के मन को झकझोर कर रख देता है। अपनी लेखनी के माध्यम से संदीप जी युवाओं के दिलों पर राज करते हैं।

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