हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार सभी देवी देवताओं में भगवान शिव को सबसे श्रेष्ट माना जाता है। ब्रम्हाण्ड के सभी देव एवं मानव जाति भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरीके से पूजा, अर्चना करते है तथा व्रत एवं उपवास रखते है। परंतु इन सभी दिनों सबसे श्रेष्ट महाशिवरात्रि को माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए सबसे विशालकाय रूप धारण करते है।
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साथियों आज मैं महाशिवरात्रि पर 10 लाइन के द्वारा आप लोगों से महाशिवरात्रि के बारे में चर्चा करूंगा, दोस्तों मुझे उम्मीद है कि ये लाइन आपको जरूर पसंद आएंगी तथा आप इसे अपने स्कूल तथा अन्य स्थानों पर इस्तेमाल भी कर सकेंगे।
1) महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म के लोगों का सबसे पवित्र व्रत एवं त्योहार माना जाता है।
2) महाशिवरात्रि प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की चतुर्दशी को मनाया जाता है।
3) ऐसा माना जाता है कि इसी दिन से संपूर्ण सृष्टि का संचालन आरंभ हुआ था।
4) इसी दिन भगवान शिव तथा माता पार्वती का विवाह कार्य संपन्न हुआ था।
5) महाशिवरात्रि का पर्व भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।
6) इसी दिन समुद्र मंथन से प्राप्त विष को भोले शंकर ने अपने गले में धारण कर लिए थे और सृष्टि का विनाश होने से बचा लिए थे।
7) इस दिन भगवान शिव के प्रत्येक मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है तथा दूध या जल से उनका अभिषेक कर पूजा पाठ की जाती है।
8) इस दिन भारत की कुंवारी कन्याएं अपनी इच्छा योग्य वर प्राप्ति हेतु निर्जला उपवास रखती है तथा शिव की पूजा करती है।
9) ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव बेलपत्र, धतूरा, बेर फल तथा दुग्धाभिषेक से अति प्रसन्न होते है।
10) शिव महा पुराण के अनुसार इसी रात्रि को भगवान भोलेनाथ एक बड़े ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे तथा ब्रह्मा और विष्णु ने उनकी सर्वप्रथम पूजा की थी।
1) वर्ष की 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे अधिक अंधकारमयी और ऊर्जा का प्रवाह करने वाली रात्रि है।
2) नवरात्रि के तीसरे काल में भगवान शिव पहली बार एक-एक आदि अन्त विहीन ज्योति स्तम्भ के रूप में प्रकट हुए थे।
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3) ब्रह्मा हँस बन कर उस स्तम्भ का अंत और विष्णु जी वराह बन कर धरती के नीचे उसका आदि ढूंढने लगे परन्तु वह असफल रहे।
4) भगवान शिव पावन निराकार स्वरुप अग्नि ज्योतिर्लिंग के रुप में प्रकट हुए थे।
5) कहा जाता है कि इसी दिन शिव के 64 ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे जिनमें से केवल 12 ही दृश्यमान है।
6) भगवान शिव को कई नामों से पुकारा जाता है,जैसे भोले, शंकर, महादेव, महाकाल, नटराज, नीलकंठ, शशिधर, गंगाधर, महारुद्र इत्यादि।
7) इस दिन पूरा दिन निराहार व्रत रहकर भोले बाबा की पूजा की जाती है तथा रात्रि जागरण करके शिव को प्रसन्न करने की चेष्टा की जाती है।
8) भगवान शिव के साधु जैसा रूप और साँप बिच्छुओं से प्यार मनुष्यों को त्याग और जीव मात्र से प्रेम की शिक्षा देता है।
9) नीलकंठ का रूप कैसा निराला है वैसे ही उनकी पूजा भी निराली है वह भांग, धतूरे जैसे जंगली फलो और बेल के पत्ते से ही खुश हो जाते है।
10) महादेव को प्रसन्न करने के लिये किसी अनुस्ठान एवं पुजा आदि की आवश्यकता नही होती है वह थोड़े प्रसाद में ही प्रसन्न हो जाते है तभी तो भोले बाबा कहे जाते है।
निष्कर्ष
उक्त वाक्यों से महाशिवरात्रि त्योहार के महत्व एवं भगवान शिव की महिमा तथा स्वरूप का ज्ञान प्राप्त होता है। अत: हिन्दू धर्म शास्त्र में शिव के श्रेष्ठ होने का प्रमाण प्राप्त होता है।
दोस्तों मैं आशा करता हूँ कि महाशिवरात्रि पर 10 लाइन (Ten Lines on Mahashivratri) आपको पसंद आए होंगे तथा आप इसे भली-भांति समझ गए होंगे।
धन्यवाद
उत्तर- ऊँ नम: शिवाय
उत्तर- काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर में