भारत सरकार ने पुराने और अस्वस्थ वाहनों से होने वाले नुकसान से निपटने के लिए कबाड़ वाहनों के नष्टीकरण की नीति लाने की घोषणा की है। पुराने वाहन अधिक ईंधन इस्तेमाल करते है और सामान्य से 15% अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। ऐसे वाहनों के पुर्जे (पार्ट्स) सही काम नहीं करते जो कभी भी दुर्घटना के कारण बन सकते हैं। ऐसी ही समस्याओं के इंतजाम के लिए यह नई नीति भारत में लागू की जा रही है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।
राष्ट्रीय वाहन परिमार्जन नीति पर 10 लाइन (Ten Lines on National Vehicle Scrappage Policy in Hindi)
इस नीति से एक तरफ तो पर्यावरण को बचाया जायेगा और लोगों को भी कई लाभों के जरिए प्रोत्साहित किया जायेगा। आईए हम सरकार द्वारा लागू इस राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति के महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में जानते हैं।
Rashtriya Vahan Parimarjan Niti par 10 Vakya – Set 1
1) भारत में व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी का शुभारंभ 13 अगस्त 2021 को किया गया।
2) इसे राष्ट्रीय वाहन परिमार्जन नीति के नाम से भी जाना जाता है।
3) इस नीति का उद्देश्य अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को सड़कों से हटाना है।
4) व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी।
5) यह नियम वाहन के फिटनेस जाँच और पंजीकरण समय के आधार पर लागू किया जायेगा।
6) निजी वाहनों (Private Vehicles) के लिए यह समय 20 वर्ष तय किया गया है।
7) वाणिज्यिक या कमर्शियल (Commercial) वाहनों के लिए 15 वर्ष का समय तय किया गया है।
8) इस नीति के तहत निश्चित समय के बाद वाहनों की अनिवार्य ऑटोमेटेड फिटनेस जाँच की जाएगी।
9) वाहन को उसके समय के आधार पर नहीं बल्कि फिटनेस जाँच के परिणाम के आधार पर नष्ट किया जायेगा।
10) यह नियम 1 अक्टूबर 2021 से लागू होगा और इसका पालन करने वालों को इससे कई लाभ मिलेंगे।
Rashtriya Vahan Parimarjan Niti par 10 Vakya – Set 2
1) नेशनल व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा पहली बार गुजरात में एक निवेशक सम्मलेन में की गई थी।
2) इस नीति का उद्देश्य देश को स्वच्छ रखना व देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी करना है।
3) पुराने अनफिट वाहनों के रोक से प्रदूषण में कमी आएगी और ईंधन का आयात घटेगा।
4) स्क्रैपिंग नीति से सस्ते दाम में कच्चा माल उपलब्ध होगा जिससे आयात में कमी होगी।
5) व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी लागु होने के बाद जगह-जगह ऑटोमेटेड फिटनेस जाँच केंद्र बनाए जायेंगे जिससे रोजगार उपलब्ध होंगे।
6) सरकार का मानना है कि इस नीति से व्यापार बढ़ेगा जिससे देश का सतत विकास होगा।
7) इस पॉलिसी के अंतर्गत वाहनों के फिटनेस जाँच में असफल होने के उपरांत ही वाहन नष्ट किए जायेंगे।
8) वाहन मालिक को स्क्रेपिंग के लिए दिए वाहन का 4 से 6% मूल्य और एक प्रमाणपत्र दिया जायेगा जिससे वह अनेको लाभ ले सकते हैं।
9) प्रमाणपत्र (Certificate) से उसे नए वाहन खरीदने पर 5% की छुट व मुफ्त रजिस्ट्रेशन सुविधा के साथ रोड टैक्स में 25% तक की छुट दी जाएगी।
10) यह नियम जर्मनी, कनाडा और अमेरिका समेत कई विकसित यूरोपीय देशों में 10 से 15 वर्ष पहले से चल रहा है।
वर्तमान समय में देश के विकास के लिए आधुनिकता के साथ-साथ संसाधनों के बचाव की भी आवश्यकता है। सरकार द्वारा लागू इस नीति से लोगों की जीवनशैली में बदलाव आएगा और साथ ही पर्यावरण के बचाव में भी सहायक होगा। स्क्रैप से प्राप्त लोहा, स्टील, ताम्बा और अन्य उपकरण तथा कच्चा माल आसानी से निर्माता कंपनियों को प्राप्त होगा जिससे निर्माण में कम लागत लगेगी और दुसरे देशों से इनके आयात में भी कमी आएगी जो देश की अर्थव्यवस्था में सहायक होगा। हम सभी को इस वाहन स्क्रेपिंग नीति का स्वागत करना चाहिए और देश के विकास और सुरक्षा में भागीदार बनना चाहिए।