भारत के स्वतंत्र और विकसित राष्ट्र के निर्माण में बहुत सारे महान क्रांतिकारियों ने अपना-अपना योगदान दिया। जिसमें से एक मुख्य नाम ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल’ का था। जो एक महान राजनीतिज्ञ, अधिवक्ता के साथ-साथ महान क्रांतिकारी भी थे। जिन्होंने महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर उनके साथ कई आन्दोलनों में भाग लिया। उन्होंने भारतीय किसानों के अधिकारों की मांग और उनकी समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी। पटेल जी ने भारत को आजाद कराने से लेकर एक गणराज्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सरदार वल्लभ भाई पटेल पर 10 लाइन (Ten Lines on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi)
निम्न तथ्यों के आधार पर हम उनकी जीवन से जुड़ी बातों और भारत के विकास में दिए गए योगदान के बारे में जानेंगे।
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Sardar Vallabhbhai Patel par 10 Vakya – Set 1
1) सरदार पटेल जी का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात राज्य के नडियाद शहर में हुआ था।
2) सरदार पटेल, पिता झवेर भाई एवं माता लाडबा देवी की चार संतानों में सबसे छोटे थे।
3) महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को ‘लौह पुरूष’ की उपाधि दी।
4) वे स्वतंत्र भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री एंव गृह मंत्री रहे।
5) 1928 में खेड़ा आन्दोलन से इन्होंने अपने प्रथम संघर्ष की शुरुआत की।
6) 1928 में किसानों के प्रमुख बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व सरदार पटेल ने किया।
7) पूरा विश्व उन्हें एकता और अखंडता की प्रतिमूर्ति भी कहता है।
8) सरदार पटेल एक कुशल अधिवक्ता एवं किसानों के प्रिय नेतृत्वकर्ता थे।
9) उनका मुख्य उद्देश्य भारत की छोटी-छोटी रियासतों को भारत में मिलाना था।
10) ‘भारत का विभाजन’, ‘गांधी नेहरु सुभाष’, ‘आर्थिक एवं विदेश नीति’, ‘मुसलमान और शरणार्थी’ उनके व मुख्य पत्र लेख थे।
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Sardar Vallabhbhai Patel par 10 Vakya – Set 2
1) बारदोली सत्याग्रह की सफलता के बाद गुजरात की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि से सम्मानित किया।
2) खेड़ा सत्याग्रह की प्रथम सफलता के बाद सन 1928 के लगान कर में हुए बदलाव का उन्होंने जमकर विरोध किया।
3) उन्होंने स्वतंत्र भारत को एक गणराज्य बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई।
4) 562 छोटे-छोटे राज्यों का एकीकरण कर भारत में विलय करने वाले वे विश्व के प्रथम व्यक्ति थे।
5) नेहरु जी की इच्छा के विपरीत, सन् 1951 में सोमनाथ मन्दिर का दोबारा निर्माण पटेल जी के प्रयासों से कराया गया।
6) उन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (ICS) को ब्रिटिश सरकार से मुक्त कराकर उसका भारतीयकरण किया।
7) पटेल जी को मरणोपरांत सन 1991 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
8) सन 2018 में धारा 370 और 35 (अ) समाप्त करके जम्मू काश्मीर राज्य को भारत शामिल कर उन्हें सच्ची श्रध्दांजलि दी गई।
9) पटेल जी के सम्मान में ‘स्टेच्यू आफ यूनिटी’ का निर्माण 2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कराया गया।
10) किसानों के नेतृत्वकर्ता सरदार पटेल जी का परिनिर्वाण 15 दिसम्बर 1950 को महाराष्ट्र के मुम्बई शहर में हुआ था।
लौह पुरुष का सम्पूर्ण जीवन आलोचनाओं से भरा रहने के बावजूद वे अपनी विचारधारा से पीछे नहीं हटे। फलस्वरुप भारत को एक गणराज्य बनाने का सपना साकार हुआ। आज भारत विकास की बुलंदियों पर पहुँच पाया है तो इसमें उनका मुख्य योगदान रहा है। भारत सरकार ने अनेकों भारतीय संस्थाओ का निर्माण उनके नाम से करवाकर उन्हें सम्मान देने का कार्य किया है। आज भी भारत के समस्त नागरिक उनके जन्मदिवस को बहुत सम्मान के साथ मनाते हैं और उनकी विचारधारा पर चलने का प्रयास करते हैं।