जैसा की शिक्षक दिवस के नाम से ही समझा जा सकता है यह “शिक्षक का दिन” है। शिक्षक अपने विद्यार्थी के भविष्य को सुदृढ़ करने का कार्य करते हैं और उनके इस सहयोग के लिए वर्ष में एक बार उन शिक्षकों को सम्मान देने का मौका छात्रों को शिक्षक दिवस पर मिलता है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। सामूहिक रूप से वैश्विक स्तर पर 5 सितंबर के दिन को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में यह दिवस देश के प्रख्यात शिक्षाविद् एवं भारत रत्न सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 5 सितम्बर को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस पर भाषण || शिक्षक दिवस 2023
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आईये दोस्तों आज हम शिक्षक दिवस और इससे जुड़े तथ्यों को पढ़ते हैं जो आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित होंगे।
1) भारत में शिक्षकों के सम्मान में 1962 से प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
2) यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाते हैं।
3) वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दुसरे राष्ट्रपति थें।
4) महान शिक्षक के रूप में इनके योगदान के लिए इन्हें 1954 में भारत रत्न प्राप्त हुआ।
5) प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का महत्ववपूर्ण योगदान रहता है।
6) एक छात्र को उसके जीवन की सही दिशा तय करने का मार्ग शिक्षक ही दिखाता है।
7) इस दिन छात्र अपने गुरुओं के सम्मान में उन्हें उपहार देते हैं।
8) स्कूल, कॉलेज में छात्र मिलकर शिक्षकों के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
9) यह समारोह शिक्षकों के समर्पण और उपलब्धियों का प्रतीक है।
10) विश्व भर मे 100 से ज्यादा देश अपने तय तारीख पर शिक्षक दिवस मनाते हैं।
यह भी देखें: शिक्षक दिवस पर निबंध || शिक्षक दिवस का उत्सव पर निबंध
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1) यूनेस्को की शिफ़ारिश के बाद 1994 से प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को “विश्व शिक्षक दिवस” मनाया जाता है।
2) भारत में गुरुपूर्णिमा के दिन भी लोग अपने आध्यात्मिक गुरु की वंदना करते हैं।
3) जो हमें शिक्षा देता है वही हमारा शिक्षक या गुरु कहलाता है।
4) छात्र शिक्षकों को उपहार देते हैं और शिक्षक व स्वयं के मनोरंजन के लिए कार्यक्रम करके इस दिन का आनंद लेते हैं।
5) शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों को एक दिन के लिए उनके कार्य से आराम देकर उनका सम्मान करते हैं।
6) स्कूल व कॉलेजों मे छात्र शिक्षक दिवस के करीब आने पर बड़ी बेसब्री से इसका इंतजार करते हैं।
7) छात्रों द्वारा पहले से ही कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी शुरु कर दिया जाता है।
8) छात्र अपने शिक्षकों के सम्मान में कुछ भाषण देते है और शिक्षक भी छात्रों को संबोधित करते हैं।
9) इंसान को जीवन में सफल होने के लिए शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है।
10) प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन मे उसके शिक्षक और गुरुओं के विचारो का प्रभाव पड़ता है।
शिक्षण का कार्य सबसे अधिक जिम्मेदार और प्रभावशाली कार्य है। हर छात्र इस दिन को बहुत खुशी, सम्मान और उत्साह के साथ मनाता है। शिक्षक द्वारा राष्ट्र और उसके लोगों के लिए दिए गये योगदान के लिए छात्रों एवं शिक्षण संस्थान द्वारा शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाता है। शिष्य एवं गुरु के एक-दुसरे के प्रति निःस्वार्थ प्रेम का इतिहास हमारे देश में बहुत पहले से चला आ रहा है। जिसका उदाहरण शिष्य आरुणी द्वारा गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए मुसलाधार बारिश में रात भर खेतों के मेढ़ पर सोये रहना और अर्जुन से कोई बड़ा धनुर्धर न बन जाये इसलिए गुरु द्रोणाचार्य द्वारा एकलव्य से उसका अंगूठा गुरुदक्षिणा में मांग लेना है।
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