नारी सशक्तिकरण एक ऐसा विषय है जिस पर कई महान लोगों द्वारा लिखा गया है, और अभी भी लिखा जा रहा है। यूं तो नारी जितनी ही सरल है, यह विषय उतना ही पेचीदा। नारी के सम्मान में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। धरती से लेकर आसमान तक ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जिसमें नारी ने अपना पंचम न लहराया हो, ऐसा कोई काम नहीं जो नारी ने न कर दिखाया हो। फिर भी नारी को अपने अस्तित्व के लिए लड़ना पड़ता है।
[googleaddsfull status=”1″]
नारी सशक्तिकरण पर कविताएं (Poems on Women Empowerment in Hindi)
कविता 1
“जगत जननी: नारी”
उतारो मुझे जिस क्षेत्र में
सर्वश्रेष्ठ कर दिखाउंगी,
औरों से अलग हूं दिखने में
कुछ अलग कर के ही जाउंगी।
चाह नहीं है एक अलग नाम की
इसी को महान बनाउंगी,
नारी हूं मैं इस युग की
नारी की अलग पहचानबनाउंगी।
जो सदियों से देखा तुमने
लिपटी साड़ी में कोमल तन को,
घर-घर में रहती थी वो
पर जान न सके थे उसके मन को।
झुकी हुई सी नज़रें थी
वाणी मध्यम मधुर सी थी,
फिर भी तानों की आवाज प्रबल थी
हिम्मत न थी उफ़ करने की।
अब बदल गयी है ये पहचान
नारी की न साड़ी परिभाषा,
वाणी अभी भी मध्यम मधुर सी
पर कुछ कर गुजरने की है, प्रबल सी आशा।
चाहे जो भी मैं बन जाउं
गर्व से नारी ही कहलाउंगी,
चाहे युग कोई सा आये
मै ही जगत जननी कहलाउंगी।
दुनिया के इस कठिन मंच पर
एक प्रदर्शन मैं भी दिखलाऊंगी,
कठपुतली नहीं किसी खेल की
अब स्वतंत्र मंचन कर पंचम लहराउंगी।
[googleadds status=”1″]
कविता 2
“नारी तुम अबला नहीं हो”
करुणा कि सागर को धार बना के
तुम भी लहरों सी हुंकार भरो।
अबला नहीं हो तुम नारी
इस बात का अभिमान करो।
दिखाए कोई आंख अगर तो
न तुम सहम सी जाना।
चाहे पकड़े कोई हाथ तुम्हारा
न डर कर तुम चुप रह जाना।
उठो लड़ो और आगे बढ़ो
अपनी समस्याओं का खुद समाधान बनो।
अबला नहीं हो तुम नारी
इस बात का अभिमान करो।
माना कि दुनिया का मंच कठिन है
पर इसपर डट कर बनी रहना।
चाहे लगे कोई राह कठिन
नेपथ्य में न खड़ी रहना।
हिम्मत को साथी चुन कर
हर मंजिल को तुम फ़तह करो।
अबला नहीं हो तुम नारी
इस बात का अभिमान करो।
जन्म से लेकर मृत्यु तक
आखिर कब अपने लिये जियोगी।
समाज के ठेकेदारों के लिए
कब तक अपनी इच्छाओं को कुचलोगी।
समाज के कल्याण का हिस्सा
अब इज्जत से तुम भी बनो।
अबला नहीं हो तुम नारी
इस बात का अभिमान करो।
तुम्हे भी जीने का अधिकार मिला है
इस जीवन को न व्यर्थ करो।
उठो, चलो और आगे बढ़ो
और नारी जीवन को सार्थक करो।
सदियों से महान हो तुम
सदैव सर्वोच्च ही बनी रहो।
अबला नहीं हो तुम नारी
इस बात का अभिमान करो।