रक्त मानव शरीर की सभी क्रियाओं के लिए सबसे आवश्यक पदार्थ है। भारत में रोजाना हजारों लोगों को रक्त की आवश्यकता पड़ती है जिसमें लगभग 55% लोगों की ही आवश्यकता पूरी हो पाती है। विकसित देशों में लोग स्वयं ही समय-समय पर रक्तदान करते हैं जबकि अन्य देशों में इसकी बड़ी कमी होती है। सरकार द्वारा और कई निजी संस्थाओं द्वारा रक्तदान शिविर लगाए जाते है ताकि लोगों में जागरूकता फैले पर अभी भी इसका कोई ख़ास नतीजा नहीं निकल रहा है। रक्तदान एक महादान है क्योंकि हमारा छोटा सा दान किसी के परिवार में खुशियों का कारण बनता है।
रक्तदान पर 10 लाइन (Ten Lines on Blood Donation in Hindi)
आईये दोस्तों आज हम इस 10 Line on Blood Donation लेख के माध्यम से रक्तदान की आवश्यकताओं और इसके फायदों के बारे में जानते हैं।
Raktdaan par 10 Vakya – Set 1
1) अपनी स्वेच्छा से किसी की सहायता के लिए दिया गया रक्त ‘रक्तदान’ कहलाता है।
2) वैश्विक स्तर पर 2004 से प्रतिवर्ष 14 जून को ‘विश्व रक्तदान दिवस’ मनाया जाता है।
3) रक्त समूह के खोजकर्ता कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) के जन्मदिवस के रूप में इसे मनाया जाता हैं।
4) रक्त मानव शरीर में जीवन का संचार करने वाला मुख्य तरल पदार्थ है।
5) हमारा एक यूनिट रक्तदान कुल 3 जिंदगियों को बचा सकता है।
6) रक्तदान को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां फैली है जिनके कारण लोग रक्तदान से डरते हैं।
7) किसी की जान बचाने के लिए लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करना जरूरी है।
8) भारत में प्रतिदिन लगभग 12000 लोगों की रक्त न मिलने के कारण मृत्यु हो जाती हैं।
9) शरीर के लिए रक्त परम आवश्यक पदार्थ है इसलिए रक्तदान को “महादान” कहा जाता है।
10) भारत में रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए 1975 से हर साल 1 अक्टूबर को “स्वेच्छा रक्तदान दिवस” मनाया जाता है।
Raktdaan par 10 Vakya – Set 2
1) रक्तदान किसी की जिंदगी बचाने के लिए किया गया निःस्वार्थ सेवा का कार्य है।
2) मानव शरीर में मुख्य 4 प्रकार के रक्त समूह पाए जाते हैं- ए(A), बी(B), एबी(AB) और ओ(O)।
3) एबी(AB) रक्त समूह सभी से रक्त ग्रहण कर सकता है और ओ(O) सभी को रक्त दे सकता है।
4) रक्तदाता के रक्त की पूरी जाँच के बाद ही रक्तदान की अनुमति मिलती है।
5) एड्स, हेपेटाइटिस, मधुमेह, अस्थमा और दिल के मरीज रक्तदान नहीं कर सकते हैं।
6) रक्तदान को लेकर सभी देशों के अपने-अपने नियम कानून बनाये गये हैं।
7) भारत में रक्तदान करने की निर्धारित आयुसीमा 18 से 65 वर्ष तक की है।
8) भारत में एक बार रक्तदान के बाद 3 माह के बाद ही दूसरी बार रक्तदान कर सकते हैं।
9) सरकार की कई पहल के बाद भी सामूहिक रक्तदान में कमी है लोग केवल संबंधियों के लिए रक्तदान करते हैं।
10) रक्तदान से लीवर तथा दिल की बीमारी और हृदयघात के खतरे को कम किया जा सकता है।
भारत में ऐसे कई जिले हैं जहाँ ब्लड बैंक ही नहीं है ऐसे में हमें आवश्यकता है कि हम स्वयं और लोगों को जागरूक करें और रक्तदान से किसी की जिंदगी बचाने में सहायता करें। लोगों में कई प्रकार के डर व्याप्त है जबकि रक्तदान के बाद कुछ समय के लिए मूर्छा, चक्कर या जी मिचलाने की सामान्य समस्या ही होती है। रक्तदान से पूर्व ही रक्तदाता की पूरी जाँच की जाती है कि वह सभी मापदंडों के अनुसार रक्तदान के लिए काबिल है या नहीं। हम सभी को संकल्प लेना चाहिये और रक्तदान के इस महान कार्य में शामिल होना चाहिए।