गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की प्रथा भगवान श्री कृष्ण के समय द्वापर युग से चली आ रही है। इस दिन इन्द्रदेव की पूजा के बजाय ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत का पूजा किया जिससे इन्द्र नाराज हो गये और उनके प्रकोप से बचाने के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाकर उसके नीचे ब्रजवासियों को शरण दिया। तब से प्रतिवर्ष लोग इस दिन भगवान गोवर्धन की पूजा करने लगें।
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गोवर्धन /अन्नकूट पूजा पर 10 लाइन (Ten Lines on Govardhan Puja/Annakut Puja in Hindi)
आज हम इस लेख के माध्यम से आपको गोवर्धन पूजा/अन्नकूट पूजा के बारे में जानकारी देंगे।
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Annakut Puja par 10 Vakya – Set 1
1) गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) हमारी माता के समान गाय की पूजा किए जाने वाला एक त्योहार है।
2) यह प्रत्येक वर्ष दिपावली त्योहार के एक या दो दिन के बाद मनाया जाता है।
3) हिन्दी पंचाग के कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को गोवर्धन पूजा मनाया जाता है।
4) ग्रेगोरियन कैलेंड़र के अनुसार गोवर्धन पूजा अक्टूबर या नवम्बर महीने में मनाया जाता है।
5) लोग गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का स्वरूप बनाते हैं और प्रसाद व फूल चढ़ाकर पूजा करते हैं।
6) इस दिन लोग गाय और मवेशियों को स्नान कराके फूल-मालाओं से उनकी पूजा करते हैं।
7) गोकुल और मथुरा में यह पूजा बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है।
8) गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) मनाए जाने की कथा भगवान श्री कृष्ण से संबंधित है।
9) भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इन्द्र देव के अहंकार को तोड़ा था।
10) पूजा के बाद लोग गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं और भगवान से अपनी और अपने पशुओं के रक्षा की कामना करते हैं।
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Annakut Puja par 10 Vakya – Set 2
1) गोवर्धन पूजा हिन्दूओं द्वारा मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है।
2) इस दिन सभी ब्रजवासी भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं।
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3) इस पर्व पर भगवान श्रीकृष्ण के सभी मन्दिरों को फूल–मालाओं से सुसज्जित किया जाता है।
4) भारत के कुछ हिस्सो में इस त्योहार को अन्नकुट पर्व के नाम से भी पुकारते हैं।
5) इस दिन गुड़ और चावल खिलाकर लोग गौ माता की पूजा करते हैं।
6) गोवर्धन पूजा अहंकार पर समर्पण और प्रेमभाव की जीत का प्रतीक है।
7) लोग गोवर्धन पर्वत को देवता मानते हैं क्योंकि वे हमें भोजन, आश्रय, ईंधन और पशुओं के लिए चारा देते हैं।
8) अन्नकुट के पर्व में भगवान कृष्ण को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है जिसे 56 भोग कहा जाता है।
9) गोवर्धन पूजा के दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
10) इस दिन भगवान वामन द्वारा राक्षस राजा बलि के वध के उपलक्ष्य में ‘बलि प्रतिपदा’ नामक त्योहार भी मनाया जाता है।
भगवान कृष्ण को लीलाधर भी कहा जाता है क्योंकि वो हमेशा ही जगत कल्याण के लिए चमत्कार करते रहते हैं। भगवान कृष्ण के चमत्कारों में से एक ये भी है जिसके उपलक्ष्य में हम हर साल गोवर्धन पूजा का पर्व मनाते हैं। यह त्योहार इस बात का प्रतीक है कि मवेशी हमारे लिए केवल सामान्य जानवर नहीं हैं बल्कि वे हमारे लिए पूजनीय हैं। हमारा देश इन्हीं अनोखे त्योहारों के लिए जाना जाता है।
FAQs: Frequently Asked Questions on Govardhan Puja
उत्तर – 6 नवंबर 2021 तारीख को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
उत्तर – गोवर्धन पूजा का पर्व द्वापर युग में उत्तर प्रदेश के गोकुल में मनाया गया था।
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