इस पृथ्वी पर प्रकृति ने लाखों वनस्पतियों का निर्माण किया है। जो मनुष्य के जीवन का संचालन करती है और जीवन की रक्षा भी करती है। सृष्टि पर उपस्थित समस्त जीव-जंतुओं का निर्वहन वनस्पतियों के द्वारा ही होता है। इन्ही वनस्पतियों में से एक जो मानव के वर्तमान जीवन में अत्यंत लाभकारी एवं आवश्यक सिध्द हो रही हैं उस वनस्पती का नाम है, एलोवेरा इसको हम घृतकुमारी, ग्वार पाठा के नाम से भी जानते हैं। इस पौधे की लम्बाई लगभग 15 सेंटीमीटर से 36 सेंटीमीटर तक होती है। एलोवेरा बिना तने वाला गूदेदार, रसीला पौधा होता है।
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एलोवेरा (घृतकुमारी) के पौधे पर 10 वाक्य (Ten Lines on Aloe Vera Plant in Hindi)
आज इस लेख के माध्यम से हम एलोवेरा/घृतकुमारी के बारे में और अधिक जानेंगे।
Ghritkumari ke Paudhe par 10 Vakya – Set 1
1) स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए एलोवेरा के रस बहुत उपयोगी होता है।
2) कई देश जैसे भारत, जापान, चीन अपनी पारंपरिक चिकित्सा में इस पौधे का इस्तेमाल करते हैं।
3) शरीर पर निकलने वाले छोटे-छोटे फोड़े-फुंसियों पर इसका रस लगाने से ठीक हो जाते है ,क्योंकि इसमें मन्नास, एंथ्राक्युईनोनेज़ और लिक्टिन पाए जाते हैं।
4) कब्जियत से राहत दिलाने में एलोवोरा जूस बहुत मददगार होता है।
5) इसके गूदे का प्रयोग बालों एवं त्वचा पर चमक लाता है।
6) शरीर पर जलने और चोट लग जाने पर इसका रस 2-3 बार लगाने से ठीक हो जाता है।
7) महिलाओं में खून की कमी एवं अनियमितता को दूर करने में लाभकारी होता है।
8) शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी एलोवेरा जूस का उपयोग करते हैं।
9) लू से बचाव के लिए एलोवेरा के गूदे को नारियल पानी के साथ मिलाकर सेवन किया जाता है।
10) घृतकुमारी के बीज का उपयोग जैव ईंधन, भेड़ों के कृत्रिम गर्भाधान में भी किया जाता है।
Ghritkumari ke Paudhe par 10 Vakya – Set 2
1) कृषि के क्षेत्र में इस पौधे का उपयोग छोटे-छोटे खेतों में जल संरक्षण के लिए किया जाता है।
2) चेहरे पर कील मुंहासे को ठीक करने के लिए इसके गूदे को लगाया जाता है।
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3) एलोवेरा के रस का स्वाद कड़वा होता है।
4) कुछ खाद्य पदार्थों एवं मिठाईयों में भी इसके रस का प्रयोग किया जाता है।
5) अब बड़े स्तर पर इस पौधे का व्यापार चेहरे पर लगाने वाली क्रीम और जेल के लिए किया जा रहा है।
6) एलोवेरा का पौधा कम वर्षा वाले क्षेत्रो में किसानों के आमदनी का बहुत बड़ा स्रोत बन गया है।
7) असाध्य रोग जैसे एड्स, ब्लड कैंसर की दवाओं में एलोवेरा के जेल का इस्तेमाल किया जाता है।
8) पूरे विश्व में एलोवेरा की 275 प्रजातियां उगाई जाती है।
9) एलोवेरा के रस का एक बार में अत्यधिक इस्तेमाल घातक साबित हो सकता है।
10) महिलाओं को गर्भावस्था में इसके जूस और गूदे का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
उपयुक्त वाक्यों से यह सिध्द होता है कि एलोवेरा का पौधा मानव के लिए एक प्रकार से संजीवनी है। जो मनुष्य को कृषि, व्यापार, सौन्दर्य, स्वास्थ्य, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में लाभकारी सबित हो रहा है। इसलिए हमें इतनी लाभकारी वनस्पति देने के लिए प्रकृति का धन्यवाद देना चाहिए। पर्यावरण और प्रकृति द्वारा दी गई अनमोल विरासत की रक्षा करना हमारा धर्म और मुख्य जिम्मेदारी बनती है।