ईसाई धर्म में गिनती के 3 से 4 त्योहार ही मनाए जाते हैं और उनमें से सबसे मुख्य पर्व क्रिसमस का होता है। जिसका सबसे मुख्य और अहम भाग इस पर्व पर सजाए जाने वाला क्रिसमस ट्री (Christmas Tree) होता है। बच्चों को यह काफी पसंद आता है और उनके साथ ही घर के अन्य लोग भी काफी उत्साह के साथ इस परंपरा में भाग लेते हैं।दिसंबर के पहले सप्ताह से ही लोग इसे सजाने लगते हैं और क्रिसमस के 12 दिनों के पश्चात् इस पेड़ को घर ने निकालकर किसी पवित्र जगह रख दिया जाता है।
क्रिसमस पर 10 वाक्य || क्रिसमस पर भाषण
क्रिसमस ट्री पर 10 लाइन (Ten Lines on Christmas Tree in Hindi)
आज इस लेख के माध्यम से हम क्रिसमस ट्री के बारे में जानेंगे।
यह भी पढ़ें – क्रिसमस पर निबंध
Christmas Tree par 10 Vakya – Set 1
1) ईसाई धर्म के मुख्य त्योहार क्रिसमस पर ईसाई लोग एक वृक्ष को सजाते हैं जिसे क्रिसमस ट्री कहते हैं।
2) यह क्रिसमस ट्री एरोकेरिया के जैसे शंकुधारी वृक्ष से बनाया जाता है, जो देवदार के पेड़ की तरह दिखता है।
3) क्रिसमस के खास पर्व पर वृक्ष सजाने की परंपरा की शुरूआत जर्मनी में हुई थी।
4) लोग अपनी सहजता के अनुसार असली हरा वृक्ष या बाजार में उपलब्ध प्लास्टिक के पौधों से इसे बनाते हैं।
5) इस पेड़ को लोग घंटी, गिफ्ट्स, फल-फूल और विद्युत झालर आदि रंग-बिरंगे खिलौनों से सजाते हैं।
6) ईसाई धर्म में इस वृक्ष को पवित्र माना जाता है और घर के सभी सदस्य इसे एकसाथ मिलकर सजाते हैं।
7) इस वृक्ष में खाने की वस्तुएँ कप केक, चाकलेट आदि भी बांधकर सजाए जाते हैं।
8) इटली के पेरूजा नामक शहर में इजिनो पहाड़ी को लाइटों से सजाकर दुनिया का सबसे बड़ा क्रिसमस ट्री बनाया गया था।
9) क्रिसमस ट्री के शीर्ष पर एक बड़े आकार का तारा सजाया जाता है जिसे बेथलेहम का तारा कहा जाता है।
10) ऐसा माना जाता है कि इस पौधे को घरों में रखने से नकारात्मक्ता दूर होती है और भगवान यीशु की कृपा मिलती है।
यह भी पढ़ें – स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर निबंध
Christmas Tree par 10 Vakya – Set 2
1) क्रिसमस ट्री का पेड़ सदाबहार चीड़ या देवदार का वृक्ष होता है, इन्हें फर वृक्ष भी कहा जाता है।
2) क्रिसमस पर फर (देवदार) के वृक्ष को सजाने की परंपरा ईसाई संत बोनिफेस (Saint Boniface) से जुड़ी हुई है।
3) उनके द्वारा ही पवित्रता और ईश्वर के प्रतीक के रूप में फर का पौधा इस्तेमाल किया गया था।
4) पुराने समय में इस वृक्ष को लोग मोमबत्ती से सजाते थें, बाद में विद्युत लाइटो से इसे सजाने लगे।
5) लोग एक दुसरे को क्रिसमस ट्री तथा उपहार भेंट करते हैं और भगवान यीशु को धन्यवाद देते हैं।
6) इस पौधे को भगवान यीशु का प्रतीक माना जाता है और यह ईसाई धर्म में जन्म और पुनर्जन्म का भी प्रतीक माना जाता है।
7) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नार्वे ने बंधुत्व के रूप में ब्रिटेन को क्रिसमस ट्री उपहार में दिया था।
8) जॉर्जिया में क्रिसमस ट्री को चिचिलाकी (Chichilaki) के नाम से जाना जाता है जो अखरोट के पेड़ की शंक्वाकार शाखा से बनाया जाता है।
9) ऐसा माना जाता है कि इस वृक्ष के शीर्ष की नुकीली शिरा ऊपर स्वर्ग में बैठे ईश्वर की तरफ इशारा करती है।
10) अमेरिका में बहुत से किसान इन वृक्षों की खेती करते हैं और क्रिसमस पर्व के समय अच्छा मुनाफा पाते हैं।
क्रिसमस पर पेड़ को सजाने की यह परंपरा आज लगभग पूरे विश्व में मनाई जाती है और केवल ईसाई धर्म के ही नही बल्कि अन्य धर्म के लोग भी अपने घरों में क्रिसमस ट्री सजाते हैं और लोगों के साथ इस पर्व का आनन्द लेते हैं। उम्मीद करता हूँ कि ऊपर लिखे गए क्रिसमस ट्री पर 10 वाक्य (Ten Lines on Christmas Tree) आपको जरूर पसंद आयेंगे और आपके स्कूल प्रोजेक्ट में काम भी आयेंगे।
सम्बंधित जानकारी:
क्रिसमस ट्री पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न : Frequently Asked Questions on Christmas Tree.
उत्तर – अबतक का सबसे लम्बा क्रिसमस ट्री ब्राजील में ‘रियो डी जेनेरियो’ का है।
उत्तर – भारत के बैंगलोर शहर में देश का सबसे लम्बा क्रिसमस ट्री बनाया गया था।