संकल्प एवं इच्छाशक्ति को मजबूत कैसे करें

अपने संकल्प एवं इच्छाशक्ति को कैसे बढ़ाएं

ऐसी कई किताबें होती है जो आपको सिर्फ दस तरीकों में अमीर बनने के नुस्खे बताती हैं, या दूसरे शब्दों में कहें तो सफलता अर्जित करने के दस आसान तरीकों की जानकारी देती हैं। ये विशेष रूप से आपको अपने मंजित तक पहुंचने के सबसे आसान रास्ते बताने का दावा करती हैं और इतना ही नहीं इन्हें पढ़ने के बाद ऐसा लगता है कि ये वाकई में बेहद कामयाब तरीके हैं और इनके द्वारा सफलता पाना उतना ही आसान है जितना कि भूख मिटाने के लिए जल्दी से झट-पट सिर्फ दो मिनट में तैयार होने वाले नूडल्स बनाना हो। छोटे से छोटे एवं आसान रास्ते तो हमेशा मिल जाएंगे लेकिन कुछ भी करने का चुनाव सिर्फ एक पल की बात है और उससे ज्यादा कुछ भी नहीं।

कार्य करने का निर्णय लें

आप पूछेंगे, कैसे। किसी भी कार्य को करने का निर्णय लेने में सिर्फ एक पल लगता है, लेकिन कार्य को पूरा करने में वक्त लगता है और यह अवधि कितनी भी लंबी हो सकती है। किसी भी कार्य का शुरुआत करते हुए उसे अंजाम तक पहुंचाने में एक लंबा वक्त लग सकता है, या ये भी हो सकता है कि ये कम समय में भी पूरा हो जाए लेकिन शुरुआत करने में सिर्फ एक पल लगता है और उसके लिए जरूरी है उस जादुई शब्द “हाँ” का कहना और उसके साथ ही आप अपनी चुनी हुई दिशा में आगे बढ़ना शुरू करते हैं।

यह सिर्फ इतनी सी बात है कि अगर अगर आप हाँ कहते हैं तो आप उस कार्य को करना शुरू करते हैं और यदि आप नाँ करते हैं तो आप कार्य शुरू नहीं करते हैं।

जब आप हाँ कहते हैं तो आप कार्य करने से जुड़ी सभी आवश्यक वस्तुओं को जुटाने के लिए तत्पर हो जाते है। इस प्रकार यह पहली हाँ बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह वास्तव में आप की दिशा तय करने में मदद करती है। कोई भी व्यक्ति जो अपने परिवार के लिए खाना बनाता है उसे पता होगा कि खाना बनाना उतना मुश्किल नही होता जितना कि इस बात का निर्णय करना कि परिवार के सदस्यों को खाने में क्या चाहिए। रसोइये के लिए एक बड़ी मुश्किल यह होती है कि सभी लोग उससे अपनी-अपनी रूची के अनुसार भोजन बनाने के लिए कहते हैं और उस वजह से रसोइया परेशान हो जाता है। लेकिन जैसे ही इस बात का निर्णय हो जाता है कि भोजन में क्या बनना है तो उसका कार्य आसान हो जाता है क्योंकि फिर उसके लिए सिर्फ इतना ही कार्य रह जाता है कि वह जरूरी सामग्री इकट्ठा करे और उनका इस्तेमाल करते हुए भोजन तैयार कर दे। इस प्रकार सबसे ज्यादा कठिन इस बात का निर्णय करना होता है कि क्या किया जाना है।

इच्छा की शक्ति

जैसे ही आप किसी कार्य को करने का निर्णय लेते हैं आपका पहला चरण उस कार्य को करने के लिए इच्छाशक्ति को जागृत करना होता है। उसके बाद यह महत्वपूर्ण होता है कि उस कार्य के प्रति अपनी अभिरुचि को बनाए रखना और दृढ़ इच्छाशक्ति एवं संकल्प के साथ उस कार्य को करने के प्रयास को जारी रखें। अगर किसी कार्य की शुरुआत अच्छे से हो जाए तो आधा कार्य तो उसी वक्त हो जाता है ऐसा माना जाता है। अगर आपके कार्य की शुरुआत अच्छे से हो जाए तो सिर्फ आधा काम उस कार्य को अच्छे से करने का रह जाता है।

अब यह भी जानना जरूरी है कि जब आप किसी कार्य को करने का फैसला ले लेते हैं तो आखिर वह कौन सी चीज है जो आपको उस कार्य को जारी रखने की प्रेरणा देती है। आपकी इच्छाशक्ति एक घोड़े की तरह होती है, इसे ज्यादा-से-ज्यादा दौड़ने दीजिए इसकी शक्ति और बढ़ेगी और इसकी दौड़ और भी ज्यादा तेज हो जाएगी। यह ज्यादा दूरी तय कर पाएगी और अपनी मंजिल तक भी जल्दी पहुंच जाएगी। अपनी इच्छाशक्ति का इस्तेमाल करें यह आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा और अगर आप इच्छाशक्ति का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो इसमें जंग लग जाएगा।

अपने संकल्प शक्ति का इस्तेमाल करें

तो अब प्रश्न यह उठता है कि हम अपनी इच्छाशक्ति का उपयोग कैसे करें? हो सकता है आपको कभी आलस्य की वजह से हाथ में लिए गए कार्य को छोड़ देने का मन करे तो ठीक उसी वक्त अपनी इच्छाशक्ति में नई जान फूंकें और उन सभी कारणों को जो आपको पीछे खींच रहे हैं उनपर विजय पाते हुए अपने कार्य को पूरा करें। आपकी इच्छाशक्ति वास्तव में महाशक्तिशाली है, बशर्ते आप इसे जाग्रित करें। आप इसे अपने संकल्प द्वारा जागृत कर सकते हैं। इस प्रकार आपके इच्छा को संकल्प द्वारा जब सशक्त बनाते हैं तो यह इच्छाशक्ति में परिवर्तित हो जाता है।

जरा सोचिए आप एक छात्र के रूप में अध्ययन करने के लिए सुबह उठना चाहते हैं क्योंकि उस वक्त आपका मन तरोताजा होता है। लेकिन जब सुबह पांच बजे उठने का समय वाकई में आ जाता है तो आप आलस्य से घिर जाते हैं, खासकर ठंड के मौसम में और आप उस वक्त अपना उठने के विचार को आगे टालना शुरू कर देते हैं। आपके पास दो विकल्प होते हैं या तो आप बिस्तर पर पड़े-पड़े अपना वक्त गंवा दें या तुरंत उठ खड़े हों और अपना कार्य शुरू कर दें। वास्तव में यही वो महत्वपूर्ण क्षण होता है जब आपके लिए निर्णय लेना जरूरी है। यदि इस वक्त आप उठ कर सीधा अपना अध्ययन शुरू कर देते हैं तो यह तय है कि आपकी परीक्षा की तैयारी बेहतर हो जाएगी एवं महत्वपूर्ण विषयों की एक अच्छी समझ आपके अंदर जागृत हो जाएगी। लेकिन आप अगर बिस्तर में पड़े रहेंगे तो ज्यादा से ज्यादा यही होगा कि आप एकाध घंटे ज्यादा सो लेंगे लेकिन सुबह के वक्त, जब आपका मस्तिष्क तरोताजा होता है और आपकी याद करने की शक्ति जबर्दस्त होती है, को इस्तेमाल कर पाने का सुनहरा अवसर आपके हाथ से निकल जाएगा।

 

यह ठीक उसी प्रकार है जैसे कि मान लीजिए आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए या वजन कम करने के लिए एक विशेष आहार योजना का पालन कर रहे हों तो ऐसे में आपको कुछ खाद्य पदार्थों से दूर रहने की आवश्यकता होती है। ये खाद्य पदार्थ अक्सर आपके पसंदीदा होते हैं और आपको प्रलोभित करते हैं। ऐसे में जरा सोचिए आप क्या करेंगे ? क्या आप अपने नियम तोड़ते हुए एवं उन्हें खाने के प्रलोभन के आगे आत्मसमर्पण कर देंगे? या उस प्रलोभन को अपने अनुशासन से तोड़ते हुए उन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर अपने मिशन पर कायम रहेंगे? फैसला आपका है, और यह वास्तव में वही क्षण है जब हम कमजोर बन सकते हैं, क्योंकि उसी वक्त हमें यह निर्णय करना होता है कि हमारे खाने की थाली में कौन सी वस्तु हो। यही आपकी इच्छाशक्ति के परीक्षण का वक्त होता है।

या फिर मान लीजिए आपको किसी विशेष व्यायाम नियम का पालन करना है तब भी आपको निश्चित रूप से अपनी इच्छाशक्ति की जरूरत पड़ेगी। जैसे ही आपकी इच्छाशक्ति कमजोर पड़ेगी आपका स्वास्थ्य एवं शारीरिक शक्ति में गिरावट आने की संभावना बढ़ जाएगी।

सफल होने के लिए दृढ़ संकल्प जरूरी

यह वाकई दिलचस्प है कि आप अपनी इच्छाशक्ति का इस्तेमाल करते हुए और इसे और मजबूत बनाते हुए ही इस दुष्चक्र से निकल सकते हैं और साथ ही इस प्रकार आपकी इच्छाशक्ति और भी सशक्त हो जाएगी जिसे दूसरे वक्त जब आप इस्तेमाल करेंगे तो आप इन स्थितियों का सक्षमता से मुकाबला कर पाएंगे। लेकिन अगर आप अपनी इच्छाशक्ति को कमजोर करेंगे तो आपके उपर फिर से आलस्य छा जाएगा और आप हाथ में लिए गए कार्य को पूरा नहीं कर पाएंगे। इस प्रकार आपकी इच्छाशक्ति बिल्कुल इस कथन की तरह कार्य करती है: अगर आप इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे तो आप इसे खो देंगे। यह स्वयंसिद्ध है कि हमारी मांसपेशियां, नसों एवं मस्तिस्क की कोशिकाएं हमारी इच्छा एवं इसकी शक्ति के लिए कार्य करते हैं!

आपमें सफलता प्राप्त करने की इच्छाशक्ति यदि प्रबल हो तो आप अपनी तय मंजिल की ओर बढने की दिशा में कदम उठाते हैं।

यह अनुभव एवं अवलोकन का विषय है कि कार्य करने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए आपको अपनी इच्छाशक्ति द्वारा मदद मिलती है, क्योंकि इसी के द्वारा आपको सभी जरूरी साधन उपलब्ध कराने में मदद मिलती है और आप अपने कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर पाते हैं। इच्छाशक्ति सिर्फ एक शब्द मात्र नहीं है बल्कि हर कार्य के पूरा होने के पीछे इच्छाशक्ति ही होती है। जब आपके मन में किसी कार्य को करने की इच्छा बलवती हो जाती है तभी आप उस कार्य को पूरी संलग्नता से कर पाते हैं और कार्य के लिए जरूरी सभी अनुकूल कारक एक साथ मिलकर आपके प्रयत्न को सार्थक एवं सफल बनाते हैं।

अगर आप अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से कार्य करते हैं तो कार्य में आने वाली सभी रूकावटें दूर होती चली जाती हैं और जिस कार्य को करना चाहते हैं उससे आपको प्रेम हो जाता है।

तो सिर्फ आपको बस इतना ही करना है कि आप अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाएं एवं अपने दृढ़संकल्प द्वारा कार्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ें। यही एकमात्र रास्ता है और इसमें किसी संदेह की कोई गुंजाईश नहीं है।

 

सकारात्मक बने रहना ही सही मानसिकता है

बाधाओं से लड़ते हुए एवं अपने लक्ष्य पर ध्यान गड़ाकर ही आप अपने कार्या को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने के क्रम को जारी रख सकते हैं। आवश्यकता यह है कि आप अपनी मानसिकता को सशक्त बनाते हुए सही दिशा में कदम बढ़ाएं। खुश रहने से आपकी मानसिकता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और आप सही दिशा में अग्रसर हो पाएंगे। जब आप खुशी के साथ काम करते हैं तो आप बेहतर काम कर सकते हैं और आप अपनी इच्छाशक्ति का बेहतर उपयोग कर पाते है। नकारात्मकता और विलंब कराने वाली सोचों के सामने न झुकने के परिणामस्वरूप जब आपको अपनी मजबूत इच्छाशक्ति की वजह से सफलता मिलती है तो आपको खुशी प्राप्त होती है और फिर से कार्य करने की इच्छा जाग्रित होती है। इसके द्वारा आपको प्रेरणा, प्रोत्साहन और उत्साह कौशल, उत्कृष्टता का लाभ मिलता है जिनसे आपकी गतिविधियों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।

तो, अपने संकल्प एवं इच्छाशक्ति को बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने आत्मबल की शक्ति को बढ़ाए। ऐसा करने से आप कभी भी नाकामयाब नहीं होंगे। यही वह शक्ति है जो आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा  — कार्य शुरू करने का आत्मविश्वास एवं अपने मार्ग पर चलते रहने का आत्मविश्वास इच्छाशक्ति की बदौलत ही बढ़ेंगी और अगर आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर अपनी रणनीति में बदलाव लाना पड़े तो उसमें भी आपकी इच्छाशक्ति ही आपकी मदद करेगी।

यह भी दिलचस्प है कि आप इच्छाशक्ति की बदौलत स्वाभाविक रूप से ही हर उस कदम का चयन करने में कामयाब हो जाएंगे जो आपके सफलता की संभावना बढ़ा सकते हैं। यह भी सच है कि इच्छाशक्ति की बदौलत ही आप किसी विशेष व्यवसाय में अपना करियर बना सकते हैं और अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कोई अन्य जरूरी कदम उठाने में कामयाब हो सकते है।

इच्छाशक्ति को बढ़ाकर ही आप अपने जीवन में शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक या आध्यात्मिक उत्कृष्ठता लाने में कामयाब हो सकते हैं। यह जरूरी है कि आप सकारात्मक बनें, अपने समय और संसाधनों, चाहे वे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक या आध्यात्मिक हों, सभी का उचित प्रबंधन करें ताकि आपका प्रदर्शन और आपकी उत्पादकता उच्चतम स्तर को प्राप्त कर सकें। इस उच्चतम स्तर को प्राप्त करने के लिए व्यायाम, अच्छा भोजन, अच्छी नींद की आदत इत्यादि द्वरा आपकी शारीरिक शक्ति में वृद्धि होगी जो आपके लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होंगे। इच्छाशक्ति एवं संकल्प को सुदृढ़ करने के लिए ऐसी पुस्तकें पढ़े जिनसे आपको प्रोत्साहन मिल सकें और उन लोगों से बातचीत करें जो आपकी सकारात्मक बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें।

अपने संकल्प और इच्छाशक्ति को बढ़ाकर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। यह भरोसा रखें कि जो भी कार्य आपने हाथ में लिया है उसे पूरा करने में आप कामयाब होंगे!

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