स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर भाषण

स्वास्थ्य और तंदरुस्ती

हमने यहां स्कूल के छात्रों के लिए स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती विषय पर विभिन्न शब्द सीमा के अंतर्गत भाषण प्रस्तुत किए हैं। ये सभी बेहद उत्कृष्ठ भाषण साधारण भाषा में लिखे गए हैं और आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इनमें से किसी भी एक व्याख्यान का चयन कर सकते हैं।

स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर भाषण

स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर भाषण 1

आदरणीय शिक्षकों एवं मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को मेरा हार्दिक अभिनंदन एवं सुप्रभात। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम यहाँ इस खास अवसर का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। मैं इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती विषय पर आपके सामने व्याख्यान प्रस्तुत कर रहा हूं। हमारा शरीर स्वस्थ एवं तदुरुस्त हो तो मन भी शांतिपूर्ण रहता है। इस तरह से अच्छे स्वास्थ्य एवं तदुरुस्ती बनाए रहने से हम शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक रूप से बेहतर होने का एहसास पाते है। पूरे विश्व में स्वास्थ्य और फिटनेस के पैमाने बदल रहे हैं। जहां पुरुषों के लिए स्वस्थ एवं तंदुरुस्त होने के लिए यह अपेक्षा की जाती है कि उनका शरीर भरा-पूरा एवं उनकी मांसपेशियां बलिष्ठ हों, वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के स्वस्थ होने का पैमाना उनके शरीर के छरहरे होने से तय होता है। जीवन भर प्रत्येक मनुष्य अच्छा स्वास्थ्य पाने की कोशिश करता रहता है। हालांकि, एक सुगठित शरीर पाना असंभव तो नहीं है, लेकिन इसके लिए कठिन नियम का पालन करना आवश्यक है। एक स्वस्थ एवं सुगठित शरीर पाने के लिए तंदुरुस्त होना सबसे पहली प्राथमिकता है और इसके लिए कुछ नियमों का पालन पूरी निष्ठा के साथ किया जाना आवश्यक है। स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पाने के लिए आप खुद भी प्रयास कर सकते हैं एवं आवश्यकता होने पर एक निजि प्रशिक्षक के मार्गदर्शन द्वारा भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास किया जा सकता है।

स्वास्थ्य और तंदरुस्ती

स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती

आजकल लोग इतने व्यस्त रहते हैं कि स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती प्राप्त करने के लिए वे बिल्कुल भी समय नहीं निकाल पाते हैं। आज के कॉर्पोरेट संस्कृति में लोगों का ज्यादातर समय अपने कारोबार में ही निकल जाता है और वे ज्यादातर एक जगह बैठ कर ही कार्य करते हैं। इस वजह से उनका वजन बढ़ने लगता है और जैसे-जैसे वे मोटे होते जाते हैं उनके शरीर में आलस्य का समावेश होने लगता है। धीर-धीर उनके शरीर में दर्द होना शुरू हो जाता है फिर भी अपनी व्यस्तता की वजह से वे अपने स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती के प्रति लापरवाह बने रहते हैं एवं  हाथ पर हाथ धरे हुए बिना किसी प्रेरणा के अपने कंपनी संबंधी कार्यों में व्यस्त रहते हैं। इस वजह से उन्हें एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे-बैठे कार्य करना पड़ता है और परिणामस्वरू उनका स्वास्थ्य खराब होता चला जाता है और उनका शरीर कई व्याधियों का घर बन जाता है। वहीं दूसरी तरफ एव स्वस्थ शरीर का मालिक हमेशा खुशी महसूस करता है और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है और इस वजह से समाज में भी उसे सम्मान प्राप्त होता है। अपने कार्यस्थल पर भी एक स्वस्थ एवं तंदुरुस्त व्यक्ति अधिक ऊर्जावान बने रहने के कारण प्रशंसा पाते है और एक अधिक वजन वाला एवं अस्वस्थ व्यक्ति को यह खुशी नहीं मिल पाती है। साथ ही अपने वजन एवं बुरे स्वास्थ्य की वजह से उसे मन ही मन दुख भी होता है।

स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बने रहने के लिए एक सख्त अनुशासन जरूरी है और इसमें स्वस्थ खान-पान, सही समय पर स्वच्छ भोजन करना, दैनिक शारीरिक व्यायाम, ध्यान, योग, व्यक्तिगत साफ-सफाई, स्नान, आदि कई नियमों का कठोरता से पालन करने जैसी गतिविधियां शामिल है। स्वस्थ एवं तदुरुस्त जीवन शैली का पालन करना सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए बेहद आवश्यक है।

लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने शरीर के उचित पोषण का ध्यान रखें एवं स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं। उन्हें अपने कार्य के लिए लंबे समय तक एक स्थान पर बैठने से बचना चाहिए और एक सक्रिय जीवनशैली का अनुसरण करना चाहिए। एक खुशहाल जीवन जीने के लिए स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बने रहना आवश्यक है। धन्यवाद!

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 स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर भाषण 2

यहां उपस्थित सभी महानुभावों, शिक्षकों एवं मेरे प्रिय साथियों, मैं आप सबका सम्मान करता हूं एवं मेरी तरफ से आप सभी को सुप्रभात। मैं इस विशेष अवसर पर स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती विषय पर भाषण प्रस्तुत करना चाहता हूं एवं इस विषय पर बोलने के लिए मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं अपने कक्षा अध्यापक का धन्यवाद करता हूं।

लगातार बिगड़ते हुए पर्यावरण की स्थिति में अपने स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती का ध्यान रखना नितांत आवश्यक है। स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती एक ही सिक्के के दो पहलू हैं एवं दोनो ही एक स्वस्थ और सुखी जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। उचित स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती के बिना कोई भी शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक कार्य अच्छी तरह से नहीं किया जा सकता है। जबतक आपका शरीर स्वस्थ एवं तंदुरुस्त नहीं होगा आप मानसिक रूप से भी अच्छा महसूस नहीं कर पाएंगे। अपने जीवन के कल्याण के लिए आपको स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बना रहना आवश्यक है और तभी आप एक संतुलित जीवन जी पाएंगे एवं यही संतुलन आपके काम-काज में भी परिलक्षित होगा।

अच्छे स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती से हमरा तात्पर्य आपके आपके हृदय, तंत्रिका तंत्र, गुर्दे, जिगर, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, आदि सभी प्रणालियों का कुशलता से कार्य करना है। जिस व्यक्ति के ये सभी अंग सही तरह से कार्य कर रहे हों उसे ही वास्तविक रूप से स्वस्थ एवं तंदुरुस्त कहा जा सकता है। आजकल के इस भीड़ भरे एवं प्रदूषित वातावरण में स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बने रहना इतना आसान नहीं है। पूरी मानव बिरादरी के लिए तकनीकी प्रगति के बावजूद इस आधुनिक दुनिया में स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बने रहना एक एक बड़ी चुनौती है। जब भी स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती के विषय पर चर्चा होती है हमारे मन में कई सवाल उत्पन्न होते हैं और उन सवालों में प्रमुखता से यह प्रश्न शामिल होता है कि हमें स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बने रहने के लिए कौन-कौन से नियमों का पालन करना चाहिए।

मानव शरीर के सभी अंग ऐसे तो स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं लेकिन अगर किसी भी एक अंग में परेशानी आ जाए तो यह दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर देता है। इस प्रकार मानव शरीर के सभी अंगों का स्वास्थ्य एक दूसरे पर आश्रित होता है एवं किसी भी एक अंग के अस्वस्थ होने पर यह दूसरे अंगों को प्रभावित करता है। इस प्रकार यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि हम अपने आंतरिक अंगों को किस प्रकार स्वस्थ बनाएं रखें ताकि हमारा पूरा शरीर निरोगी रह सके। मानव शरीर के आंतरिक अंगों को हम देख तो नहीं पाते हैं लेकिन इनमें से किसी अंग के किसी भी समस्या से ग्रसित होने पर यह हमारे शरीर में कई प्रकार की जटिलताएं उत्पन्न कर देता है और इस प्रकार हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम अपने आंतरिक अंगों के स्वास्थ्य को बनाए रखें।

ये सभी अंग अपने स्वास्थ्य के लिए एक दूसरे पर आश्रित होते हैं और इनको सुरक्षित एवं इनकी कार्यकुशलता बनाए रखना आवश्यक है। इसके लिए हमें दैनिक रूप से शारीरिक व्यायाम, स्वस्थ एवं स्वच्छ भोजन शैली एवं एक उचित दिनचर्या का पालन करना आवश्यक है और तभी हम अपने स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती को बनाए रखने में कामयाब हो सकते हैं। स्वच्छ एवं संतुलित भोजन हमारे शरीर के सभी अंगों के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन, प्रोटीन, खनिज, स्वस्थ वसा एवं कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करने से हमारे शरीर की मांसपेशियां सुदृढ़ होती हैं, त्वचा का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, रीढ़ की हड्डी सीधी एवं मजबूत तथा पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है। नियमित व्यायाम करने से हमारे दैनिक कामकाज के लिए  पूरे शरीर के लिए रक्त परिसंचरण का सुधार होता है एवं हमारे शरीर एवं मन में संतुलन स्थापित होता है।

व्यायाम द्वारा हमारे हृदय के कार्य करने की शक्ति बढ़ती है और यह तेजी से हमारे शरीर में स्वस्थ रक्त का संचार करता है और हमारे कार्य करने की शक्ति में वृद्धि होती है। इस प्रकार, हम यह कह सकते हैं कि उचित व्यायाम और उचित पोषक भोजन का नियमित रूप से सेवन द्वारा एक व्यक्ति के सभी अंग पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रहते हैं और वह संपूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त कर पाता है। व्यायाम एवं स्वस्थ भोजन शैली हमारे शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है और सभी उम्र के लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बने रहने के लिए कोशिश करें। यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं जो आपको लंबे समय तक स्वस्थ एवं तंदुरुस्त जीवन जीने में मदद कर सकते हैं:·

  • हमें नियमित रूप से वर्ष में एक बार अपने शरीर की एवं खास तौर पर अपने  रक्त आदि विभिन्न शारिरिक अवयवों की जांच-पड़ताल करानी चाहिए एवं यह सुनिश्चित करना चाहिए की सब कुछ सामान्य है।·
  • हमें उचित और पर्याप्त नींद लेना चाहिए।
  • हमें रोज व्यायाम के लिए जाना चाहिए।
  • हमें स्वस्थ, स्वच्छ एवं पोषक भोजन खाना चाहिए।
  • हमें नाश्ता एवं दिन के अन्य भोजनों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
  • हमें हर रोज खूब पानी पीना चाहिए।
  • हमें मानसिक तनाव से बचने का प्रयास करना चाहिए।
  • हमें अपनी समस्याओं से परेशान होने के बजाए उनका समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए।

धन्यवाद !

स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर भाषण 3

यहां उपस्थित सभी आदरणीय शिक्षकों का सम्मान करते हुए मैं अपने सभी सहयोगियों एवं अन्य लोगों को यहां एकत्रित होने के लिए धन्यवाद देता हूं। हम सभी यह जानते हैं कि हम यहां स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती विषय पर संवाद करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। मैं इस विषय पर भाषण देने के लिए आप सभी की आज्ञा चाहता हूं।

हम सभी जानते हैं कि इस प्रतिस्पर्धी एवं और भीड़-भाड़ वाली दुनिया में अपनी व्यस्तता की वजह से अपने स्वास्थ्य का देखभाल करना भूल चुके हैं। रोज सुबह अपने परिवार के लिए पैसे कमाने के लिए शुरू हुई दौड़ बिना रुके रात में ही समाप्त हो पाती है। इस भागमभाग मे लोग खुद के लिए जरा भी वक्त नहीं निकाल पाते। उनका सारा वक्त केवल पैसा कमाने, खाने और सोने में ही निकल जाता है। ऐसी दिनचर्या मे वे अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कोई प्रयास नहीं कर पाते हैं। हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक रूप से शारीरिक व्यायाम, शरीर की साफ-सफाई आदि का ध्यान रखने की आवश्यकता है। कहा जाता है कि “स्वास्थ्य ही धन है”। यह कहावत बिल्कुल सच है, क्योंकि केवल अच्छा स्वास्थ्य ही हमारा बुरे से बुरे समय में साथ निभाता है और जीवन के सभी चुनौतियों का सामना करने में हमारी मदद करता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य सबसे ज्यादा मूल्यवान और कीमती है। अच्छा स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक हर स्तर पर अच्छा बने रहने में हमारी मदद करता है।

एक स्वस्थ एवम तंदुरुस्त बने रहने के लिए यह आवश्यक है कि हम ज्यादा-से-ज्यादा प्रकृति के साथ अपनी निकटता बनाएं एवं स्वच्छ पर्यावरण में रहें। हमें इसके लिए स्वच्छ एवं पोषक भोजन, दैनिक शारीरिक व्यायाम, और व्यक्तिगत साफ-सफाई आदि अपनाने की आवश्यकता है। इन सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने पर हमारा स्वास्थ्य अच्छा हेता है। अधिक आबादी, बड़े पैमाने पर हो रहा औद्योगीकरण, प्रदूषण एवं इन सभी की वजह से हमारा बिगड़ता स्वास्थ्य एवं बढ़ती मानसिक अशांति चिंता का कारण है। हमारा स्वास्थ्य खराब होने से हमारे जीवन को हमेशा खतरा बना रहता है क्योंकि इस प्रकार दिल का दौरा, कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हेपेटाइटिस, एड्स, गुर्दे की विफलता, जिगर की समस्याओं, आदि कई भयानक बीमारियों के चपेट में हमारे आने की संभावना बढ़ जाती है।

आजकल लोगों के जीवन का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा पैसा, नाम एवं शोहरत कमाना हो गया है। वे जीवन के सभी क्षेत्रों में जीत हासिल करते हुए समाज एक बड़ा दर्जा हासिल करने के प्रयास में लगे रहते हैं और इस कभी भी न खत्म होने वाली अंधी दौड़ में शामिल होने के लिए अपना पूरा समय खर्च कर देते हैं और इस वजह से मानसिक विकारों से भी ग्रस्त हो जाते हैं।

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जबरद्स्त प्रतियोगिता है और इस वजह से हर किसी का जीवन व्यस्त हो चुका है। पुराने समय में लोग प्रकृति की सुंदरता एवं जीवन के विभिन्न रंगों का आनंद लेने के लिए पर्याप्त वक्त निकालते थे। लेकिन आजकल लोग बेहद तनावयुक्त जीवन जी रहे हैं जो उनके शारिरिक एवं मानसिक तंदुरुस्ति के लिए निश्चित रूप से बाधक है और इस वजह से ज्यादातर लोग कई रोगों से पीड़ित है। शारीरिक स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती को बनाए रखने के लिए हमें संतुलित एवं पोषक आहार लेना चाहिए एवं एक स्वस्थ एवं तनाव मुक्त जीवन प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।

लोगों को बेहद सादा, हल्का एवं ऐसा भोजन करना चाहिए जिसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और दूध का समावेश हो। दूसरे शब्दों में हमें विटामिन, खनिज, और प्रोटीन से भरपूर हल्का भोजना खाना चाहिए। भोजन में फल एवं ताजा सब्जियों की अधिकता हमें कैंसर, मोतियाबिंद, मधुमेह, दिल के दौरे आदि बीमारियों से बचाती हैं। फास्ट फूड एवं तैलीय खाद्य पदार्थों, शीतल पेय एवं वसायुक्त भोजन के अधिक प्रयोग द्वारा इन सभी बीमारियां के होने का खतरा बढ़ जाता है और इस लिए लोगों को इन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। हर व्यक्ति को अच्छे भोजन एवं व्यायाम संबंधित निम्न आदतों का पालन करना चाहिए:·

  • सही समय पर नाश्ता कर लेना चाहिए एवं रात का भोजन हल्का होना चाहिए एवं इसे सोने से तीन घंटे पहले खा लेना चाहिए।
  • हमें जीवन के लिए भोजन करना चाहिए और खाने-पीने के शौकीन बनने से बचना चाहिए।
  • हमें भोजन के साथ ताजा सलाद निश्चित रूप से खाना चाहिए।
  • हमें देर तक भूखा नहीं रहना चाहिए, न ही भरपेट भोजन करना चाहिए और भूख से ज्यादा तो बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
  • हमें फास्ट फूड्स एवं डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
  • हमें पीले, नारंगी और हरे रंग की सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए ये सभी हमारे हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहतर आहार है।
  • उम्र बढ़ने के साथ में हमें भोजन की मात्रा को कम करना चाहिए और साथ ही और अधिक व्यायाम करना चाहिए।
  • हमें अपने शरीर की संरचना को ध्यान में रखते हुए हल्का या भारी शारीरिक व्यायाम करना चाहिए।
  • नियमित रूप व्यायाम हमारे शरीर के उपापचय को बढ़ाता है जिससे हमारा भोजन ठीक प्रकार से पचता है और उसके पोषक तत्वों का अवशोषण करने में हमारा शरीर कामयाब होता है और साथ ही यह हमारे शरीर में जमा हो रहे अतिरिक्त वसा को भी खत्म करता है।
  • हमे दैनिक रूप से घर पर ही योग एवं ध्यान का अभ्यास करना चाहिए।
  • हमे उचित नींद लेने के लिए सही समय पर सोना चाहिए और जल्दी सोना और जल्दी उठना इस नियम का कड़ाई से पालन करना चाहिए। साथ ही हमें सोने से पहले गर्म दूध का सेवन करना चाहिए एवं यह ध्यान रखना चाहिए कि सोते वक्त हमारे मन में किसी भी प्रकार का तनाव ना हो। धन्यवाद !

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स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर भाषण 4

सभी उपस्थित मानुभावों को सुप्रभात। मैं इस विशेष अवसर पर स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर भाषण प्रस्तुत करने की अनुमती चाहता हूं। आजकल लोग अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने में कोताही बरत रहे हैं और उन्हें अच्छे स्वास्थ्य के महत्व का कोई एहसास नहीं है। हालांकि, हम सभी यह जानते हैं कि “स्वास्थ्य ही धन है” लेकिन फिर भी स्वास्थ्य के प्रति सजग लोगों की संख्या बहुत कम रह गई है। हमारे जीवन के सभी दैनिक क्रियाकलापों को अच्छे से पूरा करने के लिए हमारा स्वस्थ एवं तंदुरुस्त होना आव्श्यक है। कुछ लोग स्वस्थ होने का मतलब सिर्फ इतना ही जानते हैं कि उनका शरीर स्वस्थ होना चाहिए और वे मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा करने के बारे में कोई उपाय नहीं करते। यह एक गलत अवधारणा है। स्वस्थ होने का मतलब है हमारा शरीरिक, मानसिक दोनों ही स्वास्थ्य उत्तम हो एवं हम सामाजिक और बौद्धिक रूप से भी विकसित हों।

एक अस्वस्थ मन शरीर की अस्व्स्थता को बढ़ा देता है और इसके विपरीत स्वस्थ मन बड़ी से बड़ी बीमारियों से हमें लड़ने की शक्ति देता है। मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य का उचित संतुलन होना चाहिए और इसके लिए हमें जीवन एवं प्रकृति की सुंदरता का आनन्द लेना बहुत आवश्यक है। एक अच्छा मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति आंतरिक रूप से अच्छा महसूस करता है और उसकी आंतरिक शक्ति भी बढ़ जाती है। हमें अपने शरीर की देखभाल उचित प्रकार करने में सक्षम होना चाहिए एवं इस लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें इस बारे में हमें पता होना चाहिए। हमें एक स्वस्थ दिनचर्या का कड़ाई से पालन करना चाहिए। हमें दैनिक रूप व्यायाम करना चाहिए तथा उचित एवं पोषक आहार का सेवन करना चाहिए तभी हम स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रह सकते हैं।

हमारे शरीर को स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि हम चीनी, नमक, वसा एवं शराब का सेवन कम से कम करें और अपने भोजन में प्रोटीन एवं विटामिन के सेवन को बढ़ाएं। लोगों को अपने शरीर की प्रकृति एवं ऊर्जा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ही भोजन करना चाहिए। संतुलित एवं पोषक भोजन हमारे शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने में सहयोग करते हैं। संतुलित एवं पोषक भोजन से व्यक्ति का शरीर ऊर्जावान बना रहता है और मन प्रसन्न रहता है। दूसरी ओर खराब पोषण व्यक्ति को  कमजोर एवं दुखी बनाता है उसे बात-बात में गुस्सा आता है और उसका दिमाग चिंतित रहता है और वह जल्दी थक जाता है।

शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाए रखने के लिए भी स्वस्थ आहार का सेवन जरूरी है और इससे मन की स्थिति भी अच्छी रहती है जिससे हमें चिंता से राहत मिलती है और अवसाद का स्तर कम होता है। हमें अपने खाली समय में भी विभिन्न मानसिक खेल जैसे कि क्रॉस एवं पज्जल (पहेली) खेल खेलना, जोड़-घटाव एवं गणना संबंधी खेल खेलते हुए अपने मस्तिष्क को व्यायाम करने का अवसर देना चाहिए और इस प्रकार व्यस्त रखना चाहिए। दूसरे शब्दों में अगर कहा जाए तो इस प्रकार हमारा मानसिक व्यायाम होता है जिससे हमारा मन शांत होता है। हमें अपने व्यस्त जीवन शैली और जीवन के दैनिक क्रियाकलापों में से कुछ समय प्रकृति का आनंद लेने के लिए भी निकालना चाहिए। हम सभी को अपना जीवन स्वस्थ बनाने एवं इसे लंबा करने के लिए जितना हो सके अच्छे उपायों का अनुसरण करना चाहिए।

स्वस्थ एवं तंदुरुस्त होने के फायदे

स्वस्थ एवं तंदुरुस्त होने से हमें कई लाभ प्राप्त होते हैं और उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • स्वस्थ एवं तंदुरुस्त होने से हमारे वजन को नियंत्रित करने में हमें मदद मिलती है।
  • इससे हमें स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न विकारों एवं मौसमी अस्वथताओं एवं समस्याओं से मुकाबला करने में मदद मिलती है।
  • इससे हमारा मानसिक स्तर अच्छा होता है और हमारे शरीर की ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है।
  • हमारे मन में नकारात्मक विचार नहीं आते एवं हम रात में अच्छी नींद ले पाते हैं।
  • हमारे हृदय का स्वास्थ्य अच्छा होता है और हमारे शरीर का उपापचय नियंत्रित होता है।
  • स्वस्थ एवं तंदुरुस्त होने से कैंसर का खतरा कम होता है।
  • हमारे हड्डियों की शक्ति बढ़ती है और साथ ही हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
  • इससे हम ज्यादा उम्र तक जवान बने रहते हैं और हम एक लंबा जीवन जीने में कामयाब हो पाते हैं।

धन्यवाद!