प्राचीन काल के भारत में महिलाओं का बहुत सम्मान किया जाता था। परंतु जैसे जैसे समय बीतता गया महिलाओं की स्थिति में भीषण बदलाव आया। महिलाओं के प्रति लोगों की सोच बदलने लगी थी। बहुविवाह प्रथा, सती प्रथा, दहेज़ प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या आदि जैसे मामले उजागर होना एक आम…
रबीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। उनका जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोर-साँको में हुआ था। इनके माता-पिता का नाम शारदा देवी (माता) और महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) था। टैगोर ने अपनी शिक्षा घर में ही विभिन्न विषयों के निजी शिक्षकों के संरक्षण में ली। कविता लिखने…
मौलिक अधिकार (फंडामेंटल राइट्स) भारतीय संविधान का अभिन्न अंग हैं। सभी नागरिकों के बुनियादी मानवाधिकारों को मौलिक अधिकारों के रूप में परिभाषित किया गया है। संविधान के भाग-III में यह कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति के लिंग, जाति, धर्म, पंथ या जन्म स्थान की स्थिति के आधार पर…
सैनिक वह इंसान होता है जो पूरे देश को अपना परिवार समझता है और सीमा पर डट कर सब की रक्षा करता है। वे दिन-रात मेहनत करके दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं और सच्चे देशभक्त कहलाते हैं। उनका जीवन बहुत ही कठिन होता है फिर भी वे हमारी रक्षा…
वर्षा किसानों के जीवन और कृषि अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसान वर्षा का इंतजार करते हैं क्योंकि अच्छी फसल के लिए वर्षा का होना बहुत जरूरी होता है। देश के कई भागों के किसान वर्षा के जल पर निर्भर रहते हैं। वर्षा ऋतु केवल कृषि ही…
चंद्रयान(Chandrayaan), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) द्वारा चाँद पर भारत के मिशन की एक श्रृंखला है। यह भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है। आपको इसके बारे में कुछ बुनियादी जानकारी होनी चाहिए। हमने चंद्रयान पर 10 पंक्तियों के कुछ सेट बनाए हैं। आपको इन्हें पढ़ना चाहिए और मुझे…
ऐसे कई सारे अवसर आते है जब आपको देशभक्ति से जुड़े स्लोगन लिखने या सुनाने होते है, एक विद्यार्थी के रुप में यह आपके पढ़ाई या अन्य पाठ्यक्रम गतिविधियों का भी हिस्सा हो सकता है। इसके साथ ही बहुत सारे अवसरों पर जैसे कि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) या अन्य…
स्वतंत्रता दिवस पर कविता, 15 अगस्त को देश के आजाद होने पर अपने भावों की काव्यात्मक अभिव्यक्ति का प्रदर्शन है। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को एक लम्बें स्वतंत्रता संग्राम के बाद आजाद हुआ था। तभी से हर साल 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं।…
सिनेमा घरों में पिक्चर शुरू होने से पहले राष्ट्र गान बजने पर खड़े हो जाने मात्र को ही बहुत से लोग देशभक्ति समझते हैं, लेकिन कुछ ही घंटे बाद सिनेमा घर से बाहर निकलते ही हमारी देशभक्ति उस दो घंटे के पिक्चर की तरह ही समाप्त हो जाती है। अब…
आज हम अपने घरों में बैठ कर जिस आजादी का जश्न मनाते हैं वो हमें यूँ ही नहीं मिली है। जिस 15 अगस्त की तारीख आने पर हम सभी हर्षोल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं और स्वतंत्रतादिवस को एक ऐतिहासिक पर्व के रूप में मानते हैं, उस तारीख़ की भी…