लाला लाजपत राय (28 जनवरी 1865–17 नवम्बर 1928) भारत एक महान देश है। यहाँ हर युग में महान आत्माओं ने जन्म लेकर इस देश को और भी महान बनाया है। ऐसे ही युग पुरुषों में से एक थे, लाला लाजपत राय। जो न केवल महान व्यक्तित्व के स्वामी थे, बल्कि…
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (23 जनवरी 1897–18 अगस्त 1945) गुलामी की बेड़ियों में जकड़े हुये भारत को आजाद कराने के लिये अनेक देशभक्तों ने अपने-अपने तरीकों से भारत को आजाद कराने की कोशिश की। किसी ने क्रान्ति के मार्ग को अपनाया तो किसी ने अहिंसा और शान्ति के मार्ग को,…
राम प्रसाद बिस्मिल (11 जून 1897 - 19 दिसम्बर 1927) “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजूएँ कातिल में है।” देशभक्ति की भावना से भरी हुई, हमेशा क्रान्तिकारी स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा दोहरायी जाने वाली इन पंक्तियों के रचयिता, राम प्रसाद बिस्मिल, उन महान…
बाल गंगाधर तिलक (23 जुलाई 1856 – 1 अगस्त 1920) बाल गंगाधर तिलक वो व्यक्ति थे जिसने देश की गुलामी को बहुत विस्तृत रुप से देखा था। इनके जन्म के एक बर्ष बाद ही अंग्रेजों के खिलाफ भारत को आजाद कराने के लिये 1857 की पहली क्रान्ति हुई थी। गंगाधर…
कबीर दास की जीवनी भारत के महान संत और आध्यात्मिक कवि कबीर दास का जन्म वर्ष 1440 में और मृत्यु वर्ष 1518 में हुई थी। इस्लाम के अनुसार ‘कबीर’ का अर्थ महान होता है। कबीर पंथ एक विशाल धार्मिक समुदाय है जिन्होंने संत आसन संप्रदाय के उत्पन्न कर्ता के रुप…
तुलसीदास की जीवनी संस्कृत से वास्वतिक रामायण को अनुवादित करने वाले तुलसीदास जी हिन्दी और भारतीय तथा विश्व साहित्य के महान कवि हैं। तुलसीदास के द्वारा ही बनारस के प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर की स्थापना हुयी। अपनी मृत्यु तक वो वाराणसी में ही रहे। वाराणसी का तुलसी घाट का नाम…
संत रविदास कौन थे रविदास भारत में 15वीं शताब्दी के एक महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे। वो निर्गुण संप्रदाय अर्थात् संत परंपरा में एक चमकते नेतृत्वकर्ता और प्रसिद्ध व्यक्ति थे तथा उत्तर भारतीय भक्ति आंदोलन को नेतृत्व देते थे। ईश्वर के प्रति अपने असीम प्यार…
एशियाई महाद्वीप (दक्षिण एशिया) के दक्षिणी क्षेत्र में भारत स्थित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवाँ, जनसंख्या में दूसरा और विश्व में सबसे बड़े लोकतंत्रिक देश के रुप में जाना जाता है। भारत की पहचान अपनी अलग सभ्यता, संस्कृति और परंपरा के लिये भी है, जहाँ एक…
भारत का राष्ट्रीय गान भारत का राष्ट्रगान भारतीयों द्वारा कुछ खास अवसरों पर गाया जाता है। इसकी शुरुआत “जन-गण-मन” से होती है और अन्त जय-हे, जय-हे, जय-हे जय जय जय जय-हे पर। इसे अत्यधिक संस्कृत भाषा बंगाली में लिखा गया था। वास्तविक राष्ट्रगान रबिन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था जिसे…
वन्दे मातरम् भारत का राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् है जिसे बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1882 में आनन्दमठ् उपन्यास में लिखा गया। वास्तव में, इसे दो भाषाओं में लिखा गया था बंगाली और संस्कृत। किसी भी राष्ट्रीय अवसर पर अपनी मातृभूमि के लिये राष्ट्रगीत को गाया जाता है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान…