कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैसा कि शब्द से ही पता चलता है, बुद्धिमत्ता को कृत्रिम रूप से बनाया जाता है ताकि मशीनों को बुद्धिमत्ता के प्रसंग में, मनुष्यों की तरह व्यवहार करने के लिए बनाया जा सके। मशीनों को यदि बुद्धिमत्ता के आदेशों के साथ प्रक्रिया में लाया जाता है, तो वे 100 प्रतिशत परिणाम देते हैं, क्योंकि वे कुशल हैं। मानव मस्तिष्क उसी तरह की क्षमता के लिए सक्षम हो सकता है या संभव है कि नहीं भी हो सकता है क्योंकि यह उस दौरान मस्तिष्क के कार्य करने पर निर्भर करता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता जिसे हम अंग्रेजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी कहते हैं उसका जन्म वर्ष 1950 में हुआ था। जॉन मैकार्थी पहली बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसा कोई शब्द बनाने वाले पहले व्यक्ति थे, इसलिए उन्हें एआई (AI) का जनक माना जाता है। यह कंप्यूटर को एक इंसान के रूप में सोचने, समझने, और प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने की प्रक्रिया है साथ ही डेटा को इनपुट्स और कमांड के रूप में विकसित करके प्रदर्शन किया जाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए हम यहाँ पर आपके लिए अलग अलग शब्द सीमा में कुछ निबंध लेकर आये हैं।
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परिचय
हम कह सकते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस वाले कंप्यूटर और मशीनें हैं जो हमारे काम को आसान बनाती हैं। सरल शब्दों में कहें तो यह कंप्यूटर को इंसान की तरह सोचने और कार्य करने की क्षमता प्रदान करने की प्रक्रिया है। यह कंप्यूटर को इनपुट और दिशा-निर्देश के रूप में डेटा देकर किया जाता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग
एआई के अनुप्रयोग विशाल और विविध हैं, जिनमें स्वास्थ्य देखभाल और वित्त से लेकर परिवहन, मनोरंजन और बहुत कुछ शामिल हैं। जैसे की स्व चालित गाड़िया, एआई-पावर्ड असिस्टेंट, फेशियल रिकॉग्निशन, सिफ़ारिश प्रणाली, रोबोटिक्स आदि। आजकल सबसे लोकप्रिय एआई एप्लिकेशन चैटजीपीटी हैं, यह ऐसा सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को प्रश्न टाइप करते ही उसका उत्तर दे देता है, यह बिलकुल एक इंसान जैसा उत्तर देता है। एआई फोटो जनरेटर, जो एक सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को प्रश्न टाइप करते ही मनमाफिक फोटो जेनेरेट कर देता है। ये बिलकुल ही अकल्पनीय सॉफ्टवेयर है। सोफिया, एक बहुत ही उन्नत ह्यूमनॉइड रोबोट है जो एक व्यक्ति की तरह कार्य और व्यवहार कर सकती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: दोस्त या दुश्मन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को संदर्भ और इसके उपयोग के तरीके के आधार पर दोस्त और दुश्मन दोनों के रूप में देखा जा सकता है। एआई प्रौद्योगिकियां उबाऊ कामों को स्वचालित करके और अधिक कुशल बना सकती हैं। चूंकि एआई कुछ कार्यों को स्वचालित करना आसान बनाता है, इसलिए लोगों को नौकरी छूटने और संभावित बेरोजगारी की चिंता होती है, खासकर उन उद्योगों में जो मैन्युअल काम या बार-बार किए जाने वाले कार्यों पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं। एआई सिस्टम को हैक किया जा सकता है या बदला जा सकता है, जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है और एआई-संचालित प्रौद्योगिकियों का गलत उपयोग भी हो सकता है।
निष्कर्ष
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने विभिन्न उद्योगों में क्रांति ला दी है और इसका तेजी से विकास जारी है। हालाँकि, इसके जिम्मेदार और लाभकारी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए एआई से जुड़े नैतिक विचारों और संभावित जोखिमों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
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परिचय
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान में हो रही प्रगति में से एक है, इसलिए इसे कंप्यूटर विज्ञान की ही एक शाखा के रूप में देखा जा सकता है। यह मशीनों की बुद्धिमत्ता है। आमतौर पर, हम इंसानों की बुद्धिमत्ता को ही समझते हैं, लेकिन जब इसी को मशीन द्वारा दर्शाया जाता है, तो उसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहा जाता है।
एक मशीन तभी कार्य करती है जब उसे निर्देश दिया जाता है लेकिन अगर उसी मशीन में मानव जैसी सोच और विश्लेषण, समस्या को सुलझाने की क्षमता, आवाज पहचानने की क्षमता आदि को स्थापित कर दिया जाए, तो वही इसे स्मार्ट साबित करता है। मानवीय बुद्धिमत्ता कुछ संसाधित निर्देशों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। मशीनों के निर्देश के रूप में कई संसाधित कमांड हैं ताकि वे मनचाहे परिणाम दे सकें।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार
मुख्य रूप से दो प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता होती है, जो इस प्रकार से हैं :
श्रेणी 1
श्रेणी 2
कृत्रिम बुद्धिमत्ता: मानव जाती के लिए खतरा
विकासशील तकनीक के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक वरदान साबित हो रही है। यह कार्यभार को कम करने के साथ-साथ इसे विशेष रूप से हल करके उक्त कार्य को और भी ज्यादा आसान बना सकता है। आधुनिक तकनीक का उपयोग करके एक व्यक्ति अपने कार्य में कई तरह के लाभ उठा सकता है। चूंकि इस दुनिया में हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ भी कुछ ऐसा ही है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कई नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। यदि इस तकनीक का उपयोग नकारात्मक मानसिकता के साथ किया जाता है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सम्पूर्ण मानव जाति को नष्ट भी कर देगा। किसी भी तकनीक को विकसित करने का मतलब यह कभी नहीं होता है कि हमें काम करना बंद कर देना चाहिए, वे केवल हमारे काम को आसान बनाने के लिए हैं। लेकिन अगर हम इस बात को भूल जाते हैं तो हमारे हाथ निराशा के अलावा और कुछ भी नहीं लगेगा।
निष्कर्ष
कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाली कई मशीनें आज की तारीख में उपलब्ध हैं, जो हमारे काम को आसान बनाती हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस तमाम उपकरणों के विकास के कारण कम ज्ञान वाले लोगों को भी काफी मदद मिल जाती हैं। आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास का उपयोग किया जा सकता है।
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परिचय
मशीनें हमारे काम को सरल और आसान बनाती हैं, लेकिन अगर मशीनों में इंसान जैसी समस्याओं को सुलझाने और परिणाम देने की क्षमता आ जाती है तो यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहलाता है। यह कंप्यूटर विज्ञान की उन्नत शाखाओं में से एक है। मशीनों में मानव बुद्धिमत्ता की विभिन्न विशेषताओं को विकसित करने पर ध्यान देने की दिशा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को परिभाषित किया जा सकता है। इन विशेषताओं को विभिन्न डेटा, बुद्धिमत्तापूर्ण एल्गोरिदम के माध्यम से विकसित किया जा सकता है जिन्हें इनपुट के रूप में उपयोग किया जाना है। वर्तमान में हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ तमाम तरह के उपकरणों से घिरे हुए हैं, उदाहरण के लिए, एयर कंडीशनर, कंप्यूटर, मोबाइल, बायोसेंसर, वीडियो गेम, आदि। व्यापाक रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास से मानव जाति को विभिन्न पहलुओं में लाभ होगा।
संकुचित, सामान्य और उत्तम कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है
संकुचित कृत्रिम बुद्धिमत्ता
सामान्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता
उत्तम कृत्रिम बुद्धिमत्ता
कृत्रिम बुद्धिमत्ता: एक विशेषाधिकार या नुकसान
मशीन में मानव बुद्धि को विकसित करने के लिए, कार्य को सरल बनाने के लिए, कंप्यूटर विज्ञान ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में उन्नति की है। यह विशेष अधिकार या नुकसान के रूप में पहचान करने के लिए उपयोग के मानदंडों पर निर्भर करता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमें अपने काम को आसान बनाने के लिए सहायता प्रदान करने में हमारी मदद कर रहा है,
जिस तरह से हम अपने जीवन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को लागू करते जा रहे हैं इससे यह तय होते जा रहा है कि यह एक विशेषाधिकार होगा या फिर नुकसान होगा।
सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से है और वह ये है कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। यह ई-कचरे को जन्म देता है जो सड़ने योग्य नहीं माना जाता है और अगर इसे डंप भी किया जाता है, तो यह तमाम तरह की विषाक्त भारी-भरकम धातुओं को छोड़ देगा, जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता ख़त्म हो जाएगी।
निष्कर्ष
इसमें कोई संदेह नहीं है कि तकनीकी उन्नति, मानव जाति के विकास में एक सहायक रणनीति साबित हो रही है। आज इंसान चाँद पर बसने की योजना बना रहा है। जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता को उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्तर पर विकसित किया जाता है, तो उससे काफी अधिक तकनीकी सहायता मिलेगी। रोबोटिक्स जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता की एक विकासशील शाखा है, इसके उच्च योगदान हो सकते हैं। प्रशिक्षित रोबोट को परीक्षण और निगरानी गतिविधियों के लिए अलग-अलग नमूने प्राप्त करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है। इसलिए कुल मिला जुला कर, यह कहा जा सकता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव जाति को लाभान्वित करने की दिशा में है यदि उसका उपयोग उचित और सकारात्मक तरीके से किया जाए।