बैडमिंटन एक प्राचीनतम खेल है और इसे पूरे विश्व में खेलना बहुत पसंद किया जाता है। इस खेल की खास बात यह है की इसे हम अपने सहूलियत के हिसाब से नियम बना के खेल लेते हैं। आईये इसे विस्तार में जानते हैं।
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प्रस्तावना
इस खेल को दो लोगों के बेच खेला जाता है, परंतु कई बार चार लोग भी इसमें शामिल रहते हैं। इसे शटल की सहायता से खेला जाता है और एक चिड़िया होती है जिसे कोई खिलाड़ी अपने प्याले में गिरने नहीं देता। यह चिड़िया, असल चिड़ियों के पंखो के बने होते हैं, जो की अत्यंत हलके होते हैं।खास तौर से सर्दियों के मौसम में लोग इसे खेलना पसंद करते हैं। बच्चे ही नहीं बड़े भी इस खेल हो बड़े चाव से खेलते हैं।
बैडमिंटन का इतिहास
बैडमिंटन की शुरुआत ब्रिटिश भारत में माना गया है और इसे ज्यादातर कुलीन वर्ग के लोग खेला करते थे। और भारत से बाहर ये उन अंग्रेज अधिकारियों के साथ गया जो रिटायर होने के बाद भारत से चले गए और जहाँ गए इस खेल को भी लेते गए। धीरे धीरे खेल के नियमों में परिवर्तन होने लगे और शटलकॉक व शटल में कई बदलाव आये।
बैडमिंटन खेलने के लाभ
बैडमिंटन खेलने से हमारा रक्तचाप नियंत्रित रहता है। हृदय आघात का खतरा भी काम रहता है। मांसपेशियां मजबूत होती है। शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक होता है। हमारा मन भी तरोताजा और प्रसन्न होता है।
निष्कर्ष
बैडमिंटन को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है और हर वर्ष विभिन्न देशों द्वारा कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इसे ओलम्पिक में स्थान प्राप्त है। पी. वी. सिंधु, साइना नेहवाल, और श्रीकांत भारत के कुछ प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Badminton in Hindi
परिचय
बैडमिंटन एक आउटडोर खेल है, जिसे खेलने में बहुत ही मज़ा आता है और बच्चों के लोकप्रिय खेलों में से एक है। इस खेल की शुरुआत कई वर्षों पूर्व ब्रिटिश भारत में हुई थी और समय के साथ इस खेल में परिवर्तन आते गए और यह और भी बेहतरीन होता चला गया। यह एक ऐसा खेल है जिसे बच्चे से लेकर बड़े भी जानते हैं और खेलना पंसंद करते हैं।
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सन् 1992 में अधिकारिक तौर पर इसे ओलिंपिक खेलों में जोड़ा गया, जो की बार्सिलोना में आयोजित किया गया था। इस ओलिंपिक में महिला एवं पुरुष सिंगल्स और डबल्स शामिल थे।
खेल के कुछ आयाम
इस खेल में उपयुक्त होने वाला सबसे प्रमुख वस्तु है रैकेट, जो की पहले लकड़ी का हुआ करता था परंतु समय के साथ इसमें कई परिवर्तन आये जैसे की, इसमें प्रयुक्त होने वाला धातु, धागा, आदि। अब इसे हलके से हलके धातु से बनाया जाता है, ताकि हवा में इसकी पकड़ अच्छी हो।
इसके अंदर लगने वाला धागा भी मोटा एवं पतला, दो प्रकार का होता है। धागा लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार लगवाते हैं।
खेल को एक कोर्ट में खेला जाता है जिसकी लम्बाई और चौड़ाई, उसमे खेलने वाले खिलाडियों की संख्या पर निर्भर करता है।
इस खेल में कुल 21 पॉइंट्स होते हैं और प्रत्येक खिलाड़ी का लक्ष्य होता है अधिक से अधिक अंक प्राप्त करना। कई बार, बराबर अंक हो जाने पर इसे आगे कुछ और अंको तक भी खेला जाता है।
प्रत्येक खिलाड़ी रैकेट की सहायता से कॉक को हवा में उछालते है और कोशिश करता है की उसके प्रतिभागी के कोर्ट में उनका कॉक गिर जाये। जितने बार सामने वाले का कॉक प्रस्तुत दायरे के अंदर गिरता है, आपके उतने अंक बनते हैं।
जिसके अंक अंत में सबसे अधिक होते है, खेल का विजेता वाही होता है।
निष्कर्ष
लोगों को अपने स्वस्थ्य का ख्याल रखते हुए कुछ न कुछ शारीरिक क्रिया करते रहना चाहिए। और ऐसे-ऐसे खेलों को अपने जीवन में अवश्य शामिल करना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा आउटडोर खेल है और एक बार जरुर खेल के देखे, आनंद आता है। लोगों को बाहर पैसे खर्च करने से अच्छा है की वे ऐसे खेल खेलना शुरू कर दें। स्वस्थ्य रहें और प्रसन्न रहें और दूसरों को भी प्रेरित करें की वे खेलें और अपने स्वस्थ्य का स्तर बेहतर करें।
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परिचय
बैडमिंटन दो लोगों के बीच खेले जाने वाला खेल है जिसमे एक शटलकॉक को शटल की सहायता से नीचे नहीं गिरने दिया जाता। इसे घर के अंदर गार्डन एरिया में भी खेला जा सकता है, या फिर बैडमिंटन कोर्ट में। देखा जाये तो इस खेल में ज्यदा नियम नहीं है और तो और लोग इसमें अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने नियम बना लेते हैं।
बैडमिंटन से जुड़ी यादें
मुझे अभी भी बड़े अच्छे से याद है सर्दियों के वे दिन, जब दिन की शुरुआत दो शटल और एक कॉक के साथ हुआ करती थी। न दिन का पता चलता था न रात का, वो तो जब तक घर वाले डंडे लेकर ढूंढने न निकले, हम टस से मस न हुआ करते थे। दरसल यह खेल मेरा और मेरे दोस्तों का पसंदीदा खेल हुआ करता था। लेकिन देखा जाये तो अभी भी मेरे जज्बातों में कोई फर्क नहीं पड़ा है। जहाँ दो लोगों को खेलते देखती हूं एक बार हाथ जरुर आजमा लेती हूं, क्या करे मन में लालच आ जाता है।
चाहे कुछ भी हो जाये कॉक को अपने पाले में गिरने नहीं देती थी और इस चक्कर में कई बार गिर भी जाया करती थी, पर उस दौर में खेल के आगे क्या चोट और क्या बड़ों की डाट, सब सह लेती थी। वाकई यह एक लाजवाब खेल है। और हम सब को इसे जरुर खेलना चाहिए। बड़े अपना कुछ समय जिम में कसरत करते बिताते हैं, पैसे देकर कसरत करने से अच्छा है इस तरह के खेल खेले जाएँ। इससे सबकी सेहत भी ठीक रहती है और अप बच्चों के साथ समय भी बीता सकते हैं।
बैडमिंटन में उपयुक्त होने वाले उपकरण
रैकेट आमतौर पर बहुत हलके होते हैं, जो इन्हें बेहतरीन गति प्रदान करते हैं। इसमें लगने वाले तार भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं जो खिलाड़ी अपने पसंद के लगवाते हैं। खेल में उपयुक्त होने वाली दूसरी सामग्री है शटलकॉक जिसे आम भाषा में हम चिड़िया भी कहते हैं। यह पंछियों के पंखो से बना होता है, पंखों को एक रबर के गोले पर इस प्रकार स्थापित किया जाता है की वह शंकु के आकर के बन जाते हैं। ये भी कई प्रकार के होते हैं जिसे लोग अपने आवश्यकता के अनुसार ले जाते हैं। तीसरा आवश्यक सामग्री है नेट, जो दोनों खिलाडियों के बीच लगाया जाता है।
बैडमिंटन के कुछ नियम
आम तौर पर हम अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने नियम बना के इसे खेल लेते हैं, पर इस खेल को अंतरराष्ट्रीय तौर पर ख्याति प्राप्त है और इसके कुछ नियम हैं जिनका पालन इसे खेलते समय किया जाता है।
इस खेल को कई प्रकार से खेला जाता है, जैसे की एक-एक या दो-दो खिलाडियों के बीच खेला जाता है। खिलाडियों के संख्या के आधार पर कोर्ट की लम्बाई एवं चौड़ाई होती है।
इस खेल में कुल 21 पॉइंट होते हैं, और हर खिलाड़ी का प्रयास होता है की, प्रस्तुत दायरे के अंदर सामने वाले का कॉक गिरा दिया जाये। कई बार अंको की बराबरी हो जाने पर खेल को आगे कुछ अंकों तक भी जारी रखा जाता है।
निष्कर्ष
बैडमिंटन काफी लोकप्रिय खेल है और पूरे विश्व में लोग इसे बड़ी उत्सुकता से खेलते हैं, और हम सब को भी इसका आनंद जरुर लेना चाहिए। इससे पैरों और हाथों की बहुत अच्छी कसरात होती है और हमारे अंदर चुस्ती और स्पूर्ति आ जाती है। आप भी इसका आनंद जरुर ले और स्वस्थ्य रहें।