भारत मे स्वच्छता अभियान के तहत हमारे शहर के साथ-साथ गांवों को भी गंदगी मुक्त बनाने का सपना है। जहां एक ओर शहरों की सफाई के लिए हमारे नगर-निगम के कर्मचारी लगे हुए है, वही गांवो मे भी हमारी नगर पंचायतों द्वारा नियुक्त सफाई कर्मी हमारे गांवो की सड़को की सफाई करते है। जिससे कि पहले की अपेक्षा हमारा गांव बहुत ही स्वच्छ और सुन्दर दिखने लगा है। सारे ग्रामीण भी इस बात का ध्यान रखते है कि कोई कचरा इधर-उधर न फेंके। सभी लोग आपस मे एकजुट होकर गांव को स्वच्छ रखने मे अपना सहयोग करते है। मैने यहां तीन अलग-अलग शब्द सीमा के निबन्ध को प्रदर्शित किया है।
गन्दगी मुक्त मेरा गांव पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Dirt Free My Village in Hindi, Gandagi Mukt Mera Gaon par Nibandh Hindi mein)
निबन्ध 1 (250 शब्द ) – मेरा छोटा सा गांव: गन्दगी मुक्त
परिचय
मेरा गांव शहर से बिल्कुल नजदीक और शोरगुल से दुर है। यहां से कुछ ही दूरी पर आवश्यकता की सारी सामाग्री हमे उपलब्ध हो जाती है। गांव के रास्ते हमें प्रमुख मार्गो से जोड़ते है। घर से थोड़ी ही दूर पर हमे दवा, दुध, सब्जियां इत्यादि सारी दैनिक आवश्यकता की चीजे हमे प्रायः मिल जाया करती है। मेरा गांव बहुत अधिक बड़ा तो नही पर यहां तकरीबन 2,000 लोगों की आबादी वाला एक छोटा और प्यारा सा गांव है। इसमे सभी लोग आपस मे मिलजुलकर प्यार और शांति से रहते है। मेरे गांव मे तकरीबन 150 परिवार रहते है।
स्वच्छ और सुन्दर गांव
जैसा कि मैनें आपको बताया कि मेरा गांव बहुत बड़ा नही है, इसलिए मेरे गांव को स्वच्छ रखना ज्यादा मुश्किल नही है। मुख्य सड़क से घुसते ही चौड़ी और साफ सुथरी सड़क और किनारों पर हरे पेड़ मेरे गांव की सुन्दरता को बढ़ाते है। मुख्य सड़क से गांव के रास्ते पर जाते ही सामने की ओर दोनों तरफ बहुमंजिली इमारत है, जो कि इन दिनों हमारे गांव का लैड़-मार्क बन गया है।
गांव मे प्रवेश करते ही पक्के मकान और स्वच्छ रास्तों के साथ साफ सुथरी गलीयां दिखाई देती है। यहां जगह-जगह पर कुड़ेदान की व्यवस्था और चारों तरफ पेड़ पौधों की हरियाली दिखाई देती है। जो कि हमारे गांव की सुन्दरता को और अधिक बढ़ाती है।
पहले और अब के गांव मे अन्तर
एक दशक पहले और आज के गांव मे काफी बदलाव देखा जा सकता है। जहां पहले यहां के काफी मकान कच्चे ही हुआ करते थे, पर अब कितनों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठा कर अपने मकानों को पक्का और सुन्दर कर लिया है। पहले की अपेक्षा गांव मे पेड़-पौधें काफी अधिक मात्रा मे लगाएं गए है, जिससे मेरा गांव और भी खुबसुरत दिखाई देता है।
15 अगस्त 2014 मे प्रधानमंत्री के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान शुरु करने के बाद मेरे गांव की स्थिति मे काफी बदलाव आया है। जहां पहले गन्दगी इधर-उधर बिखरी रहती थी वही आज कही गंदगी का नामों निशान नही मिलता है। गांव की साफ-सफाई को देखते हुए हर कोई स्वचछता मे अपना योगदान देता है।
निष्कर्ष
मेरे छोटे से गांव को साफ और स्वच्छ बनाएं रखने के लिए हर कोई अपनी तरह से मदद करता है। हर कोई अपनी जिम्मेदारी को समझता है और कुछ ज्यादा नही तो अपने घर और आसपास की जगहों को साफ रखते है और किसी को गन्दगी करने से रोकते भी है।
निबन्ध 2 (400 शब्द) – गांव के कर्मठ सरपंच और उनके कार्य
परिचय
मेरे गांव के सरपंच बहुत कर्मठ, समझदार, पढ़े-लिखे और अच्छे दिल के व्यक्ति है। वो प्रधानमंत्री द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान से काफी प्रभावित है, जिसके चलते उन्होने गांव मे सफाई कर्मीयों की भर्ती भी की है। जो कि प्रत्येक दिन गांव की सड़को और गलीयों की सफाई कर उन्हे स्वच्छ बनाते है। हमारे ग्रामप्रधान ने गांव वालो को जागरुक भी किया है कि वो इधर-उधर गंदगी न करके अपने गांव और अपने शहर के साथ-साथ अपने प्रधानमंत्री के अभियान को सफल बनाएं।
स्वच्छता के प्रति जागरुकता और कार्य
प्रधानमंत्री के द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान से सारा देश प्रभावित और जागरुक हुआ है। वही मेरे सरपंच भी इस स्वच्छता अभियान से काफी प्रभावित है और जागरुक है। उन्होने न केवल अपने घर बल्की इसके फायदों के बारे मे सारे गांव को जागरुक किया है। गांव के लोग भी स्वच्छता के प्रति काफी जागरुक है, और इस बात का ध्यान रखते है कि गांव मे कही गंदगी न हो।
मेरे गांव के सरपंच ने गांव मे सफाई और जागरुकता को बनाए रखने के लिए जगह-जगह कूड़ेदान और स्लोगन से लोगों को जागरुक किया है। अब गांव के लोग भी स्वच्छता के प्रति जागरुक हो गये है, वो सभी अपना कूड़ा-कचरा कूड़ेदान मे ही डालते है, और इस बात का भी ध्यान रखते है कि कोई भी अपना कचरा इधर-उधऱ न फेक दें। इसके लिए हमारे ग्राम प्रधाम ने सख्त चेतावनी दी है कि यदि कोई कचरा इधर-उधर फेकते पकड़ा गया तो उन्हे जुर्माना भरना पड़ेगा।
जब सरकार ने शौचालय स्वचछता अभियान चलाया था तो हमारे सरपंच ने और गांव के लोगों ने इसमे अपना पूर्ण योगदान दिया था। और नतीजन आज मेरे गाव के हर घर मे शौचालय की सुविधा है। अब आज मेरे गांव के किसी सदस्य को बाहर खेत मे जाने की आवश्यकता नही होती है। जिसके कारण मेरे गांव के साथ-साथ आस-पास का पर्यावरण भी अच्छा करने मे मदद मिली है।
अब मेरे गांव की कोई भी सड़क कच्ची नही रह गयी है। एक दशक पहले जहां कच्ची सड़क और खड़ंजे हुआ करते थे, आज वही हर सड़क पक्की बन गयी है। जहां कभी कच्ची सड़कों के कारण चारों ओर किचड़ और गंदगी रहती थी वही आज चारो तरफ बस सफाई और स्वच्छता है।
जहां पहले कच्ची और खुली नालिया हुआ करती थी वही अब सारी नालिया पक्की और ढ़की हुई है। अब कही किसी तरफ नालों का गंदा पानी फैला नही होता है। जिससे चारों तरफ बस स्वच्छता ही होती है और कही भी गंदगी का नाम नही है।
हमारे गांव मे एक तालाब भी है जिसकी अच्छे से देखभाल की जाती है और समय पर उसमे दवा का छिड़काव और साफ-सफाई की देखरेख की जाती है।
निष्कर्ष
स्वच्छता अभियान को ध्यान मे रखते हुए मेरे ग्राम प्रधान की मेहनत, लगन और कर्मठता ने हमारे गांव को काफी स्वच्छ बना कर रखा है। इसमे गांव से लोग भी आपसी मेलजोल रखकर गांव को स्वच्छ रखते है। हमारे गांव मे नगरनिगम जैसी सुविधा तो उपलब्ध नही है पर मेरा गांव साफ सफाई के मामले मे किसी से कम नही है।
निबन्ध 3 (600 शब्द) – गंदगी मुक्त मेरा गांव
परिचय
प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के तहत मेरा गांव हमेशा साफ और स्वच्छ रहता है। गांव की पक्की साफ-सुथरी सड़के व गलियां गांव को सुन्दर बनाती है। यहां कूड़ा फेंकने के लिए कुड़ेदान और गांव की गलियों, सड़को और आस-पास की सफाई करने के लिए सफाई कर्मचारी भी है, जो इमानदारी से अपने काम को करते है और चारों ओर से गंदगी को साफ रखते है। इस कार्य मे हमारे ग्रामीण भी उनका साथ देते है और गांव को स्वच्छ रखने मे मिलकर आगे बढ़ते है।
गांव को स्वच्छ रखने की रणनीती तैयार करना
मेरे गांव के सरपंच ने गांव की स्वच्छता के लिए कुछ रणनीतियां भी बनायी है। इसके लिए उन्होने 5 लोगों की एक समिति बनाई है, जो कि रोजाना की साफ-सफाई की देखभाल करते है और रोजाना के कार्यो की सुचना ग्रान प्रधान को देते है। समिति के कार्य के कुछ फायदे।
- हर दिन गांव मे हुए कार्यो की समिक्षा करना।
- सफाई कर्मी ठीक से कार्य करे उसको देखना।
- कोई बेवजह कचरा न फैलाएं उसको देखना।
- सफाई के साथ-साथ रात मे रास्तों पर प्रकाश की व्यवस्था कराना।
- तालाब को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी भी इन्ही सदस्यों के उपर है।
सफाई के कार्यो का सारा देखभाल इन्ही सदस्यों के द्वारा किया जाता है और यदि कोई ऐसी बात हो तो सरपंच को सूचित करना। और उस कार्य को कराने या उसके बारे मे उन्हे जानकारी देना। सभी सदस्य सरपंच के साथ साप्ताहिक मिटिंग भी करते है और जरुरी बातों के बारे मे बात कर उसे कराने को कहते है। महीने मे एस पंचायत मिटिंग भी रखी जाती है जिसमे सभी लोग अपनी परेशानीयों के बारे मे सरपंच से कहते है, और संभवतः ग्राम प्रधान उनकी समस्याओं को हल करने की कोशिश करते है। इससे हमारे गांव के सभी सदस्य ग्राम प्रधान को बहुत सम्मान देते है।
गावं की स्वच्छता से लाभ
मेरा गांव हर तरह से सफाई के मामले मे बहुत अच्छा और सुन्दर दिखता है। और इस सफाई के हमे कई लाभ भी होते है। उनमें से कुछ इस प्रकार है।
- स्वच्छ होने के कारण मेरा गांव बहुत ही सुन्दर दिखता है।
- इससे हमारे गांव मे बीमारियां बहुत कम हो गयी है।
- स्वच्छता के कारण मलेरियां, हैजा जैसी कई बीमारियों से हमें आजादी मिली है।
- इसके कारण हर परिवार खुशहाल है।
- स्वच्छता के कारण हमारे आसपास का वातावरण भी काफी अच्छा होता है।
कुछ अन्य लाभ
गांव की स्वच्छता से न केवल किसी एक व्यक्ति को लाभ होता है, बल्कि इससे सारा गांव ही लाभान्वित होता है। जैसे कि –
- परिवार स्वस्थ रहता है।
- आसपास का माहौल अच्छा और खुशहाल बना रहता है।
- चारों तरफ साफ-सफाई के कारण हमारे मन मे साकारात्मक सोच आता है।
- आस-पास सफाई होने के कारण वातावरण भी काफी अच्छा होता है।
- बिमारियों से बचाव होता है।
मेरे गांव मे एक प्राथमिक पाठशाला भी है, जहां सारे बच्चे पढ़ने का लिए जाते है और वहां एक खुशहाल माहौल मे वो अच्छी बाते सिखते है। आगे चलकर इनमे से कुछ गांव के लिए तो कुछ सामाज मे अपना योगदान देंगे।
यहां प्राथमिक उपचार के लिए गांव मे एक अस्पताल भी है, जो कि हमारे पूर्व प्रधान का अस्पताल है। इसमे प्राथमिक उपचार के लिए मरीजों को ले जाया जाता है। गांव मे आंगनवाड़ी की डॉक्टर भी है जो गांव की महीलाओं और बच्चों के स्वास्थय की देखभाल करते है।
गांव के बाहर एक मंदिर भी है जहां शाम को गांव के बुजुर्ग, युवा सभी इकट्ठा होते है, और शाम का आनंद लेते है। जहां बड़े लोग भजन किर्तन करते है, वही युवा अपने भविष्य के बारे मे चर्चा करते है। कुल मिलाकर हमारा गांव एक खुशहाल गांव है।
कुछ याद रखने योग्य बातें
- हर रोज अपने गांव की सफाई करना।
- नालियों की सफाई करना।
- आस-पास गन्दगी न फैलाएं।
- खुले मे शौच न करें और शौचालय का ही प्रयोग करें।
- पशुओं के मल-मूत्र और गंदगी को न फैलने दे।
कुछ साधारण सी बातों का ध्यान देकर हम अपने गांव को स्वच्छ और खुशहाल रख सकते है, और अपने आने वाली पिढ़ियों को भी जागरुक करें।
निष्कर्ष
महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए हमारे देश के प्रधान मंत्री के आह्वाहन मे मेरा गांव भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहा है। स्वच्छता के इस अभियान मे मेरे गांव को प्रधानमंत्री के हाथों ग्राम प्रधान को पुरस्कृत भी किया गया है। स्वच्छता के कारण मेरे गांव का महौल बहुत ही खुशहाल रहता है। यहां लोग पहले से कम बीमार पड़ते है और सभी का परिवार काफी खुश रहता है। इसके कारण हमारे आसपास का वातावरण काफी स्वचछ रहता है। मेरा गांव गंदगी से मुक्त रहकर समाज और देश के अभियान मे अपना महत्पुर्ण योगदान दे रहा है। मै चाहता हूं कि आप सब भी अपने शहर और गांव को स्वच्छ रखकर स्वच्छता अभियान मे अपना योगदान अवश्य दें।