दुनिया में परिवर्तन ही साश्वत है। हमने किताबों में इतिहास को बदलने के बारे में अवश्य ही पढ़ा होगा। समय के साथ यह परिवर्तन होना आवश्यक था। जीवों से मनुष्यों के परिवर्तन के बारे में भी हम पूर्ण रूप से जानते हैं। इतिहास में मनुष्य कुछ और था, और आज के इस वैज्ञानिक युग में मानवों की परिभाषा कुछ और ही है। आज की इस रफ्तार भरी जिंदगी में लोग अपनी इच्छाओं के अनुसार खुद को बदलते रहते है। उनके मन मुताबिक काम न होने पर ये दुसरे या दुनिया को कोसते है। इस निबंध के माध्यम से मैंने यह बताने की कोशिश की है कि आप अपनी सोच बदलकर दुनिया को किस प्रकार बदल सकते है।
[googleaddsfull status=”1″]
परिचय
बदलाव की शुरुआत हमें खुद से करनी चाहिए, अगर हम खुद में बदलाव ला सकते है तभी हम इस दुनिया को बदल सकते है। एक कहावत के अनुसार “हर बदलाव की शुरुआत कर, तू खुद को बदलकर, जमाने को बदलना चाहता है, तो खुद से पहल कर”।
कोई इंसान परफेक्ट नहीं होता है, उसके अंदर कुछ खामियां अवश्य होती है। उसे अपनी कमियों को पहचानना, उसे स्वीकार करना और उन कमियों को दूर करना बहुत ही कठिन कार्य है। कमियां हमारे ही अंदर निहित होती हैं, पर ये कमियां हमें नजर नहीं आती और हम इसका दोष दूसरों पर देते हैं। दूसरों को कहने से अच्छा है हम अपनी कमियों को सही से पहचाने और उसमें बदलाव लाने की कोशिश करें।
बदलाव क्या है?
जीवन की परिस्थितियां एक सी नहीं होती है, वो समय के अनुसार बदलती रहती है। परिस्थितियों में यह बदलाव स्वाभाविक है। कभी-कभी ये परिस्थितियां हमें बदलने के लिए मजबूर करती हैं और कभी हम परिस्थिति के अनुसार स्वयं को बदलते हैं। इसके लिए हम जीवन में कड़ी मेहनत करते हैं और हमें अंतर्मन से खुद को बदलना पड़ता हैं। यहां बदलाव का तात्पर्य खुद में बदलाव लाने से है।
हमें खुद में बदलाव लाने के लिए अपनी कमियों को पहचानना होगा और हमें खुद पर पूरा भरोसा करना होगा। जब हम अपनी कमियों को पहचान कर अपने पर भरोसा करके काम करते है, तो हम अपने अंदर के भय और चिंता से मुक्त हो जाते हैं। हमारे अंदर का भरोसा और विश्वाश ही हमारे मस्तिष्क में बदलाव लाता हैं और हमारी वास्तविकता खुद-ब-खुद बदल जाती हैं।
कभी-कभी परिस्थितियों के चलते हमारे अंदर नकारात्मकता पैदा हो जाती हैं। यह नकारात्मक विचार हमारे सोच को बदल देती है और हम यह निर्णय नहीं कर पाते है कि हम गलत है या समाज गलत है। चीजें कभी भी अपने आप नहीं बदलती है, उसे हमें बदलने की आवश्यकता हैं। हम ज्यादातर अपनी गलतियों को दूसरों की गलतियां कहते है और यही हमारी नकारात्मक सोच है। इस दृष्टिकोण को हमें बदलने की जरुरत हैं और हमें अपने सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता हैं। जब हम अपने विचारों को बदलेंगे तभी हमें अपने आस-पास और समाज की चीजें सकारात्मक दिखाई देंगी और इसे ही वास्तविक बदलाव कहते है।
खुद को कैसे बदलें?
लोग आपके कपड़ों, रहन-सहन, या पैसो इत्यादि से आपकी पहचान नहीं करते है बल्कि वो आपकी सोच, आपके काम, और अन्य सामाजिक गतिविधियों को महत्त्व देते हैं। हमारे अंदर का सकारात्मक विचार और हमारा खुद पर भरोसा ही हमें हमारी पहचान दिलाता हैं और यह सब हमारे खुद के अंदर ही निहित होता हैं। हमें सामाजिक रूप से खुद को पहचान दिलाने के लिए कुछ आवश्यक चीजों को अपनाने की आवश्यकता हैं-
निष्कर्ष
हमारे अंदर के सकारात्मक भाव और हमारा खुद पर भरोसा ही हमारी खुद की पहचान है। हम अपने अंदर की कमियों को दूर करके एक नई सकारात्मक सोच ला सकते हैं। दूसरों को गलत ठहराने से अच्छा है कि हम खुद की सोच को बदले और अपनी एक अलग पहचान बनाए।
[googleadds status=”1″]
परिचय
जीवन में हमारे साथ अक्सर कुछ ऐसा होता है जो हमारे सोच को प्रभावित करता है। यह सोच हमारे अंदर एक परिवर्तन लाता है और यह परिवर्तन सकारात्मक या नकारात्मक विचारों के रूप में हो सकते है। हमें अक्सर दूसरों से सुनने को मिलता है कि दुनिया बहुत बुरी है। वास्तव में यह केवल आपके सोचने का एक नजरिया है। आप जिस तरह से दुनिया को देखते है, दुनिया आपको उसी तरह से नज़र आएगी।
यदि आप अपने अंदर एक सकारात्मक सोच रखते है तो समाज और दुनिया के प्रति आपकी सोच सकारात्मक होगी। वास्तव में दुनिया बुरी नहीं हैं, यह केवल हमारे सोचने के नजरिये पर निर्भर करता हैं। इसलिए जो लोग इस दुनिया को बदलने का ख्वाब अपने अंदर रखते है, वास्तव में पहले उन्हें खुद को बदलने की जरुरत है। यदि हम अपनी सोच और नजरिये में बदलाव लाते है तो निश्चित रूप से दुनिया बदली जा सकती है।
खुद में बदलाव लाने की आवश्यकता
यदि आप जीवन और इस दुनिया को बदलने का ख्वाब रखते है, तो सबसे पहले आपको खुद को बदलने की आवश्यकता है। हम अपनी कमियों या गलतियों को दोष देने के बजाय दूसरों और दुनिया को दोषी ठहराते है। दूसरों की कमियों में समय बर्बाद करने के बजाय हमें खुद को बदलने और सही करने में समय बिताने की आवश्यकता है। जब तक हम खुद को नहीं बदलेंगे हम अपना जीवन और इस दुनिया को कभी नहीं बदल सकते। हमारे अंदर का आंतरिक बदलाव ही हमें जीवन में संतुष्टि प्रदान करेगा तभी हम इस दुनिया में बदलाव लाने की सोच रख सकते है। खुद को बदलने के लिए मैंने यहां कुछ टिप्स दिए है जो हमारे जीवन के लिए सहायक सिद्ध होंगे।
[googleadsthird status=”1″]
खुद को कैसे बदले?
आप हमेशा ही अपने जीवन की समस्याओं से घिरे रहते है ऐसे में आप अपने जीवन और इस दुनिया को बदलने का ख्वाब कभी पूरा नहीं कर सकते है। अपने आस-पास रहने वाले लोगों की कुछ बातें हमें गुस्सा भी दिलाती हैं, वास्तव में यह सब उनका नजरिया है। आप उनके नजरिये को नहीं बदल सकते है इसलिए खुद को बदलने की कोशिश करें और दूसरों को भी प्रेरित करें तभी आप दुनिया के बदलने के सपने को पूरा कर सकते है।
जीवन के प्रति आपका जो नजरिया है जरुरी नहीं है की वैसा ही नजरिया दूसरों का भी हो। आप केवल अपने जीवन जीने के तरीकों को चुन सकते है। दूसरों को आप अपने तरीके से जीने के लिए आप बाध्य नहीं कर सकते है। इसलिए आप उनके कुछ आदर्शों को अपना कर अपने जीवन में बदलाव ला सकते है।
आपके आसपास रहने वाले लोगों की अपनी एक अलग सोच होती है। उनके सोचने का तरीका आपकी सोच से भिन्न होती है। लोग अपने विचारों, ज्ञान, भावनाओं, मूल्यों, अनुभवों इत्यादि में आपसे बिल्कुल ही भिन्न होते है। वो अपने तरीके से दुनिया को देखते है और आप अपने तरीके से। इसमें कुछ गलत या सही नहीं है केवल उनका नजरिया अलग है, इसलिए आप सभी का सम्मान करें।
लोगों में दोष का होना एक सामान्य बात हैं, पर हमें उनके दोष पर नहीं उनकी अच्छी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। दूसरों की यह छोटी से बात आपके जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। और उनकी यही अच्छाई आपको उन्हें पसंद करने के लिए मजबूर कर देगी।
आप अपने जीवन में बहुत से अनुभवी लोगों को अपने आस-पास अवश्य देखते होंगे। इसलिए वो कभी-कभी आपके साथ बुरा व्यवहार करते है। पर असल में आप नहीं जानते कि वो ऐसा क्यों कर रहे है। आप उनके नजरियों पर ध्यान दें और उसे अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करें।
आप लोगों को बदलने का व्यर्थ प्रयास न करें जो जैसा है वैसा ही रहने दें। आप केवल उनके विचारों, कार्यों, और अच्छी चीजों को ही स्वीकार करें। यह आपके रिश्ते को और मजबूत करेगा और आपके जीवन को सरल बनाने में सहायक होगा।
आपके जीवन में कौन महत्त्व रखता है इसके बारे में आपको विचार करने की आवश्यकता है। उसने आपके जीवन की अलग-अलग परिस्थितियों में आपका साथ दिया है। आपको उसका आभारी होना चाहिए। ऐसा व्यक्ति आपके परिवार, दोस्त या कोई करीबी हो सकता है। आपको उसे अपने जीवन में महत्वता देने की आवश्यकता है।
सभी अपने जीवन में एक अलग नजरिया रखते है। उनके नजरिये को अपने से तुलना न करें, जो जैसा है उसे वैसे ही स्वीकार करें।
आपकी सोच आपके जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है?
जीवन में कुछ अच्छा न होने पर आप दूसरों को दोष देते है, लेकिन वास्तव में यह आपकी केवल एक सोच है। किसी भी चीज में गलती दुसरे की नहीं आपकी ही होती है। इसलिए हमें अपने सोच को बदलने की आवश्यकता हैं। हमें हमेशा सकारात्मक पहलुओं पर ही ध्यान देने की आवश्यकता हैं न की नकारात्मक पहलुओं पर। नकारात्मक पहलू हमारे जीवन के अनेक कार्यों को और उलझा सकती है और यह हमारे जीवन को और कठिन बना सकती हैं। सकारात्मकता के साथ किसी भी कार्य को करने से हर पहलू धीरे-धीरे हल होती जाएगी और यह आपको खुद को बदलने में सहायता करेगी।
सकारात्मक सोच आपके जीवन के हर चीज को आसान बना देगी और इससे आप अपने आसपास के लोगों की सोच को भी प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रकार आपकी सोच दुनिया को बदलने में सहायक सिद्ध होगी।
क्या आपकी सोच से दुनिया बदली जा सकती है?
आपकी सोच पूरी दुनिया को बदल सकती है, इस बात को ठोस रूप में नहीं कहा जा सकता है परंतु आपका यह प्रयास लोगों की सोच को अवश्य ही बदल सकता हैं। आपकी सकारात्मक सोच आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं में बदलाव लाने में सहायक सिद्ध हो सकती है। जिससे की आप किसी भी कार्य को उत्साह और विश्वास के साथ कर सकते है। इससे आपकी सामाजिक दृष्टि को भी बढ़ावा मिलेगा।
आपकी सकारात्मक सोच आपके आस-पास रहने वाले लोगों के लिए एक प्रेरणा के रूप में हो सकती है, जिसे वो अपने जीवन में अपना कर अपने जीवन में बदलाव ला सकते है। इस प्रकार हम अपनी सोच से दूसरों को प्रभावित कर सकते हैं। हमारी सोच से हम खुद के व्यवहार, शब्दावली, दूसरों के प्रति सम्मान, आदि का बदलाव अपने जीवन में ला सकते है। ये सारी चीजें दूसरों की सोच को भी बदल सकती हैं और जीवन को सरल बना सकती है। इसलिए हम यह कह सकते है कि खुद को बदलकर हम दुनिया में बदलाव ला सकते है।
निष्कर्ष
हम खुद में बदलाव लाकर खुद के जीवन के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों को भी प्रभावित कर सकते हैं और उनके लिए एक प्रेरणा का श्रोत बन सकते है। दूसरों को दोष देने के बजाय हमें अपनी गलतियों को ठीक करने, उन्हें समझने और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता हैं। यही सकारात्मक सोच और खुद पर यकीन हमारे जीवन को सरल और सफल बनाएगा और दुनिया हमें स्वयं ही अच्छी लगने लगेगी।