यह हमेशा से ही कहा जाता है कि यदि सफलता का मार्ग स्पष्ट हो, तो किसी भी प्रकार की व्याकुलता के बिना ही यह लक्ष्य प्राप्त करने में हमारी मदद करती है। उसी प्रकार हमारे राष्ट्र को स्वच्छ बनाये बिना राष्ट्र और लोगों का विकास नहीं हो सकता है। कचरा एक व्याकुलता की तरह है, जो भारत के लोगों के जीवन के स्तर को खराब कर रहा है। स्वच्छ भारत अभियान हमारे देश को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने का सरकार द्वारा एक प्रयास है। इस विषय पर मैंने यहां विस्तार पूर्वक चर्चा की है जो कि आपको निबंध लेखन और आपकी जानकारी में काफी सहायक सिद्ध होगा।
स्वच्छ भारत अभियान भारत के लिए कैसे मददगार है पर दीर्घ निबंध (Long Essay on How Swachh Bharat Abhiyan has helped India in Hindi, Swachh Bharat Abhiyan Bharat ke liye kaise madadgar hai par Nibandh Hindi mein)
1350 Words Essay
परिचय
‘बापू’ के नाम से प्रख्यात महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था। उन्होंने स्वछता की तुलना भगवान के समान रूप में की थी। स्वच्छ वातावरण वहां के रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य और आसपास की स्वच्छता को बढ़ावा देती है। पानी, हवा और मिट्टी के दूषित होने की समस्या से लोगों में तरह-तरह के रोग पैदा होते हैं। स्वच्छ भारत अभियान राष्ट्रपिता के सपने को पूरा करने की एक पहल है और महात्मा गांधी की 150वी. जयंती तक हमारे देश को स्वच्छ राष्ट्र की ओर आगे ले जा रही है।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा पूरे देश में खुले में शौच और अपशिष्ट प्रबंधन को समाप्त करने की दिशा में सबसे बड़ा अभियान शुरू किया गया है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को इस अभियान की शुरुआत की थी। भारत को स्वच्छ भारत बनाने और राष्ट्रपिता के सपने को साकार करने के लिए महात्मा गांधी की जयंती पर इस अभियान की शुरुआत की गयी थी।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को इस कार्यक्रम के बारे में जागरूक करने और मिशन को सफलता पूर्वक लागू करने के लिए और इस अभियान में अपना सहयोग देने के लिए देश की कई स्वयंसेवी संस्थान इस अभियान में भाग ले रहे हैं। इस मिशन को दो चरणों में विभाजित किया गया हैं, जिसमें से एक पांच साल की अवधि तक के लिए था, जो अक्टूबर 2019 को समाप्त हो गया। इस अभियान का दूसरा चरण 2020-21 में शुरू किया जायेगा।
भारत में स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता
भारत में स्वच्छता अभियान की बहुत ही आवश्यकता है, इसके कई कारण है। यह भविष्य में हमारे देश के लोगों की अज्ञानता के कारण होने वाले नुकसान से बचा सकता है।
- गैर जिम्मेदाराना तरीके से कचरे को बहार कहीं भी फेकने की हमारी आदत सही नहीं है, और भविष्य में विशेष रूप से प्लास्टिक का कचरा हमारे लिए एक गंभीर मुद्दा बन जाएगी।
- ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच बहुत ही बड़ी चिंता का विषय है। गांवों में लोग शौचालयों का उपयोग करना पसंद नहीं करते हैं, और शहरों में लोग शौचालयों की अच्छी तरह सफाई नहीं करते हैं। इस तरह यह स्वच्छता की खराब तस्वीर को दर्शाती है।
- विशेष रूप से सरकारी स्थानों और कार्यालयों की दीवारों पर तंबाकू और पान इत्यादि खा कर थूकना सबसे खराब दिखता है और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं है।
- खुले में कचरा फेकने से हमारी हवा, पानी और मिट्टी प्रदूषित होती है, इसके कारण लोगों में कई तरह के हवा जनित रोग और जल जनित रोगों का मूल कारण बनती है।
- ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में जहां लड़कियों और लड़कों के लिए उचित स्वच्छता वाले शौचालय उपलब्ध नहीं होते हैं, और यदि शौचालय होते भी है तो बहुत ही गंदे और बदतर स्थिति में होते हैं।
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य
हमारे आस-पास का गंदा वातावरण, पानी और हवा कई मुद्दों को जन्म देते हैं, और स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसके तहत कार्यान्वयन के साथ इसकी निगरानी की जाती है। यह अभियान राष्ट्र के लोगों को राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने में मदद करती हैं। यह लोगों को गंदे वातावरण के परिणामों और इससे फैलने वाली बीमारियों के बारे में बताने का सबसे अच्छा तरीका है।
यह लोगों को इन गंदगी से होने वाले बुरे परिणामों से अवगत कराएगा और स्वच्छता के महत्त्व के सीखने में हमारी मदद करेगा। यह व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अपने आस-पास के वातावरण को साफ़ रखे और दूसरे लोगों को भी इसका पालन करने के लिए प्रेरित करें। खुले में शौच के उन्मूलन और बेहतर स्वच्छता के लिए गावों के घरों और स्कूलों में शौचालयों की स्थिति में सुधार लाने की कोशिश करें। इससे आस-पास की सड़कों और वातावरण की स्वच्छता बढ़ेगी।
भारत में स्वच्छ भारत अभियान कैसे मनाया जाता है?
स्वच्छ भारत अभियान ने भारत के लोगों में कई बदलाव लाए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगो के घरों में शौचालयों का निर्माण हुआ हैं। गांवों में लोगों को घरों में शौचालय निर्माण के लिए लोगों को सरकार की ओर से स्वीकृत 12000 रुपये की धनराशि दी जाती है। गावों के लोगों को खासतौर पर महिलाओं को खुले में शौच के लिए जाने की जरूरत नहीं है। गावों में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता से कई गंभीर बीमारियों के जोखिम भी कम हुए है।
कचरे के संग्रह और उसके निपटारे के लिए उचित अपशिष्ट निपटान प्रणाली ने काफी सहायता की है। अब गीले और सूखे कचरे के निपटान के लिए अलग-अलग डस्टबिन होंगे। इससे इधर-उधर फेके जाने वाले कचरे के ढेर की समस्या काफी कम हुई है। यह मुख्य रूप से कीड़े, मोल और चूहों के लिए प्रजनन का स्थल बन जाता है। इन कचरों के सड़ने से उत्पन्न होने वाली कचरे की दुर्गन्ध को कचरे के डिब्बों में डालने से काफी कम हो जाती है। लोगों ने झाड़ू लगाने, कूड़े को कूड़ेदान में डालने और अपने वातावरण को साफ रखने की आदत को धीरे-धीरे अपना लिया है।
स्वच्छ भारत अभियान के परिणाम
स्वच्छ भारत अभियान भारत में शुरू की गई सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। यह कई वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त खुले में शौच की समस्या को दूर करने में बहुत ही कारगर साबित रहा है। लोग इस अभियान से बदलाव को मानने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या काफी हद तक कम हो गई है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाखों से अधिक शौचालयों का निर्माण खुले में शौच को कम करने में वरदान साबित हुआ है। सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण अधिक से अधिक संख्या में कराया गया हैं। इस तरह स्वच्छता में काफी सुधार हुआ है, जिसके कारण अच्छा स्वास्थ्य और चारों तरफ स्वच्छता देखने को मिली है। लोगों के घर-घर जा कर कचरे के संग्रह, पृथक्करण और ठोस कचरे के उचित निपटान जैसी सुविधाएं प्रदान की गयी हैं। शौचालयों के निर्माण से लोगों को सफाई कर्मचारियों के रूप में रोजगार भी मिला है।
स्वच्छ भारत अभियान सफल है या असफल?
भारत के प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली के राजघाट में महात्मा गांधी के 145 वी. जयंती पर इस राष्ट्र व्यापी अभियान की शुरुआत की थी। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं ही हाथों में झाड़ू उठाई और मंदिर के आस-पास के क्षेत्र की सफाई की, जो देश के नागरिकों के लिए एक प्रेरणा दाई उदहारण के रूप में है। स्वयंसेवकों के रूप में कई छात्र और हस्तियां भी इस अभियान में आगे आए और लोगों को इस अभियान के बारे में अधिक से अधिक जागरूक किया। लोगों की अवधारणा को समझने और हमारे देश को स्वच्छ बनाने में मदद करने के लिए कई विज्ञापन, वीडियो और लघु फिल्में भी बनाई गयी है।
इसलिए यह कहा जा सकता है कि यदि नीतियों और कार्यक्रमों को सही तरीके से लागू किया जाए तो परिणाम निश्चित रूप से सकारात्मक और आश्चर्यजनक होंगे। इस अभियान में प्रधानमंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, अधिकारी, मशहूर हस्तियां, युवा हस्तियां, स्वच्छता कार्यकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों आदि विभिन्न हस्तियां शामिल थे। इस अभियान को पूरे भारत के लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ और यह काफी हद तक सफल भी हुआ है। फिर भी भारत को एक स्वच्छ और हरे-भरे राष्ट्र में बदलने के लिए अभी भी बहुत से प्रयास करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
स्वच्छ भारत अभियान या स्वच्छ भारत मिशन हमारे राष्ट्रपिता ‘महात्मा गांधी’ और भारत को स्वच्छ बनाने का उनके सपनों को श्रद्धांजलि देने का एक प्रयास रहा है। स्वच्छता के लिए इस आंदोलन ने देश के कई लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है, और लोगों को स्वच्छता और अपने आस-पास अच्छी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया है।