निबंध

परीक्षा की तैयारी कैसे करें पर निबंध (How to Prepare For Exams Essay in Hindi)

विद्यार्थियों के ज्ञान और विषय के बारें में उनकीं जानकारी को परखने के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता हैं। परीक्षा के द्वारा ही हम उनकी क्षमताओं का आकलन कर सकते हैं। परीक्षा का नाम सुनते ही हर विद्यार्थी के मन में एक अनजान सा भय आ जाता है। यही भय विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने में मन को एकाग्रचित नहीं करने देता है। परीक्षा के आने से पहले ही विद्यार्थी अवसाद में चलें जाते हैं। परीक्षा में असफल होने का भय हमेशा विद्यार्थियों के मन में बना रहता हैं, जिसके कारण वे अपनी तैयारी सही ढंग से नहीं कर पाते हैं। परीक्षा की अच्छी तैयारी किस प्रकार से की जाये इसके बारे में मैंने निचे विस्तार में बताया हैं। उम्मीद है यह आप सभी के लिए मददगार साबित होगा।

हम परीक्षा की तैयारी कैसे करें पर दीर्घ निबंध (Long Essay on How to Prepare For Exams in Hindi, Ham Pariksha ki Taiyari kaise karen par Nibandh Hindi mein)

Long Essay – 1400 Words

परिचय

छात्रों का जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा होता है। उनके मन में परीक्षा के डर के साथ-साथ परीक्षा पास करने का भय भी भरा होता है। परीक्षा कैसे पास करें, विषयों में नंबर कैसे अधिक लायें, कक्षा में प्रथम स्थान कैसे प्राप्त करें, इसी प्रकार के सवाल हमेशा विद्यार्थियों के मन में चलते रहते है। इन सभी बातों का एक ही हल है, “परीक्षा की अच्छी तैयारी”।

भयभीत न होकर परीक्षा की तैयारी करें

परीक्षा का नाम सुनते ही छात्रों के मन में एक डर पैदा हो जाता है। परीक्षा के लिए वह किस तरह तैयारी करें जिससे की परीक्षा परिणाम में वह सबसे आगे आ सकें। ऐसी ही बहुत सारी बातें एक विद्यार्थी के मन में तनाव व अवसाद पैदा करती है। छात्रों के साथ ही उनके घर वाले भी चिंतित और परेशान रहते है।

परीक्षा का समय छात्रों के लिए एक कठिन समय होता है। इस प्रकार की समस्या से निपटने के लिए छात्र को अपने पाठ्यक्रम के विषयों पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। जो छात्र कक्षा में पढ़ाये गये पाठ्यक्रमों का निरंतर अभ्यास करते है उनके लिए यह समस्या थोड़ी कम हो जाती है, पर अन्य छात्रों को भी इससे घबराये बिना परीक्षा की तैयारी में जुट जाना चाहिए।

परीक्षा की परिभाषा

कक्षा में अध्यापकों द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी और ज्ञान विद्यार्थियों को दी जाती है। विद्यार्थियों में इन विषयों के मूल्यांकन के लिए लिखित, प्रायोगिक और मौखिक रूप में की आयोजन को ही हम परीक्षा कहते है। इसके द्वारा ही हम छात्रों की बौद्धिक क्षमताओं को जान पाते है। सामान्य रूप से परीक्षा का आयोजन मार्च-अप्रैल के महीनों में वार्षिक रूप में किया जाता है। पर नवीनतम दिनों में ऐसी परीक्षाएं हर महीने आयोजित की जाती है।

वार्षिक परीक्षा के आते ही छात्र उनकी तैयारियों में जुट जाते है। नोट्स तैयार करना, स्टडी मैटेरियल इकठ्ठा करना इत्यादि की तैयारी छात्र पहले ही शुरु कर देते है। इसकी वजह से वे थोड़े तनाव और चिंतित होते है। सभी माता-पिता भी अपने बेटे के साथ परेशान और चिंतित होते है, वे अपने बच्चों का मार्गदर्शन, उनका समर्थन और उन्हें हौसला देते है। किसी भी विद्यार्थी के लिए परीक्षा वह पड़ाव है, जो उनके आगे का भविष्य निर्माण और निर्धारण करता है। परीक्षा के परिणाम ही छात्रों के भविष्य बनाता है और उन्हें जीवन का उद्देश देता है।

परीक्षा के प्रकार

आमतौर पर परीक्षा 3 प्रकार से आयोजित की जाती है –

  1. मौखिक परीक्षा – मौखिक परीक्षा में परीक्षार्थी की क्षमता का आकलन मौखिक और कम समय निर्धारण में किया जाता है। इस प्रकार की परीक्षा में छात्रों को उत्तर त्वरित और मौखिक रूप में दिया जाता है।
  2. लिखित परीक्षा – लिखित परीक्षाओं के माध्यम से उनके लिखने की क्षमताओं और उनके शब्द त्रुटियों का आकलन किया जाता है।
  3. प्रायोगिक परीक्षा – प्रायोगिक परीक्षाओं के माध्यम से छात्रों के विषय को प्रयोगों के रूप में करना होता है और उन चीजों को करके दिखाना होता है।

परीक्षा के तनाव से कैसे मुक्त हो

परीक्षा की तारीख नजदीक आते ही छात्रों के मन में तनाव, भ्रम और नकारात्मकता जन्म लेने लगती है। तिथि के नजदीक आते ही उनके मुश्किले बढ़ने लगती है। छात्र यह तय नही कर पाता की तैयारी कैसे और कहा से शुरु की जाये।

सभी छात्रों के उपर परीक्षा में उच्च स्थान और अच्छे नंबर लाने का दबाव होता है। इसी दबाव के कारण वह सही और अच्छे से अपनी तैयारी नहीं कर पाता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाता है। एक होनहार छात्रों में भी यह बात देखने को मिलती है, और इसके कारण उसके अंक औसत से भी कम आते है।

अच्छी तैयारी करने के तरीके

छात्रों को व्यर्थ की चिंताओं, तनावों और घबराहट को दूर करके अपने परीक्षा की तैयारी में जुटने की आवश्यकता है। तनाव मुक्त रहकर सही और अच्छी तैयारी करने के विभिन्न तरीके है, जिनमें से मैंने कुछ आपके सामने रखे है।

  • परीक्षा की तैयारी पूर्व से ही करें।
  • अपने विषयों के सिलेबस के अनुसार ही अपनी तैयारी करें।
  • स्टडी मटेरियल और नोट्स इत्यादि इकठ्ठा कर लें।
  • टाइम-टेबल बनाएं और उसपर अमल करें।
  • एक योजना के साथ अपनी तैयारी को अंजाम दें।
  • अनुशासन में रहें।
  • नोट्स और किताबों के साथ रोजाना सुबह-शाम उनका अभ्यास करें।
  • रोजाना पौष्टिक आहार ग्रहण करें।
  • समय के अनुसार प्रयाप्त नींद लें।
  • थोड़ा समय शारीरिक व्यायाम के लिए अवश्य निकालें।
  • समयानुसार पढ़ाई से ब्रेक अवश्य लेते रहें।
  • ब्रेक के समय दिमाग को शांत और खुश रखने के लिए खुद का मनोरंजन करें।
  • तनाव को छोड़ खुद पर विश्वास बनाएं रखें।
  • परीक्षा के दौरान हमेशा सकारात्मक सोच रखें।

परीक्षा के लिए कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें

परीक्षा के तारीख निर्धारित होने के बाद छात्र हमेशा ही तनाव और चिंतित रहते है। इस बात का उन्हें ध्यान रखना चाहिए की वो अपने मन को शांत रखे, सारा जोर अपनी पढ़ाई की ओर रखें। परीक्षा की तैयारी के वक्त सभी छात्रों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • टाइम टेबल के साथ पढ़ाई के समय का निर्धारण

कई बच्चे बिना टाइम-टेबल के परीक्षा की तैयारी करते है तो कई टाइम-टेबल बनाकर। पर सभी बच्चों को हर विषय को पढ़ने के लिए एक टाइम-टेबल अवश्य बनाना चाहिए और उसे फॉलो करना चाहिए। इसके साथ ही समयानुसार उन्हें अंतराल भी लेना आवश्यक है। टाइम-टेबल बनाने के साथ छात्रों को अपनी पढ़ाई के लिए समय का निर्धारण भी करना चाहिए। ऐसा माना जाता है की सुबह का समय पढ़ाई के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है, इसे ही हम ब्रम्ह-समय कहते है। इस समय पढ़ी गयी बातें लम्बे समय तक के लिए आपके दिमाग में बनी रहती है।

  • खुद को सेहतमंद रखें

परीक्षा आते ही छात्र चिंता और तनाव से भर जाते है, जिसके कारण वो समय से खाना-पीना नहीं करते और अंततः बीमार पड़ जाते है। अतः आपको अपना ख्याल रखना चाहिए और हो सके तो समय निकाल व्यायाम करें।

  • खुद को टी.वी. या सोशल मिडिया से दूर रखे

छात्रों को यह बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए की परीक्षा खत्म होने तक वो खुद को टी.वी. और सोशल मिडिया से दूर रखें, ताकि आपके दिमाग में फ़िज़ूल की बात न रहें। एक फ्रेश माइंड के साथ आपके द्वारा पढ़ी गई बातें आपको लम्बे समय तक याद रहती है।

  • दिमाग को सकारात्मक बनाये

परीक्षा, पढ़ाई और ज़िन्दगी का केवल एक हिस्सा है। परीक्षा महत्वपूर्ण अवश्य है पर आपकी जिंदगी से ज्यादा महत्त्व नही रखता। छात्र अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई अवश्य करें, वे अवश्य सफल होंगे।

बचे हुए दिनों में हम परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

बहुत से छात्र की यह परेशानी होती है कि अभी तक उन्होंने कुछ नहीं पढ़ा है, और वो अब क्या करें, पढ़ाई कैसे शुरू करें इत्यादि। छात्रों को इस बात से घबराने या परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, वो बस अपने आपको शांत रख अपने मेहनत और खुद पर भरोसा करके पढ़ाई में लग जाये। पढ़ाई के लिए जो जरूरी किताबे या नोट्स है सभी को इकठ्ठा करें। समय निर्धारण के साथ अपनी पढ़ाई शुरू करें। छात्र कोशिश करें की अपने क्लास या कोचिंग के नोट्स से पढ़े ताकि आपका कोर्स जल्दी और मन की शंका दूर रहे।

कुछ ऐसे भी छात्र होते है जो रोजाना नहीं पढ़ते है, तो ऐसे छात्र दिन में 2-3 घंटो के साथ अपनी पढ़ाई की शुरुआत करें और बाद में अपना समय बढ़ा ले। समयानुसार छात्र विषय के महत्वपूर्ण चीजों पर ज्यादा जोर दें। छात्रों को खुद को भरोसा दिलाना होगा की वो अच्छा और बेहतर कर सकते है।

परीक्षा के दिनों को ध्यान में रखकर अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करके आप विषयों के महत्वपूर्ण चुने हुए और जो कारगर साबित हो उसी की पढ़ाई करे तो आप अवश्य सफल होंगे। मुझे उम्मीद और भरोसा है जो चीजे मैंने आपको बताई है, वो आपकी परीक्षा और जीवन में हमेशा मददगार साबित होंगी।

निष्कर्ष

छात्र को परीक्षा की तैयारी के लिए अपने समय के प्रबंधन के साथ ही अपनी प्रतिभा और कौशल को भी दर्शाने की आवश्यकता है, ताकि वह समय रहते ही अपने विषय को अच्छे से पढ़कर खत्म कर सकें। छात्र को खुद के उपर भरोसा और विश्वास रखने की आवश्यकता है। वक्त रहते शुरू किया गया काम, आपकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास अवश्य आपको सफल बनाएगा। छात्रों को परीक्षा के दिनों समय से उपयुक्त भोजन, उचित निद्रा, व्यायाम इत्यादि अच्छी चीजों को अपनाकर एक सेहतमंद स्वास्थ्य के साथ परीक्षा दें और एक बेहतर सफलता को प्राप्त करें।

अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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अर्चना सिंह

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