हम सभी एक-दूसरे से भिन्न हैं, मगर हमारा मकसद एक ही है। हम सभी सफल होना चाहते हैं और ज्ञान भी प्राप्त करना चाहते हैं। हमने सीखा है कि विश्लेषण करने के लिए दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करना और अलग अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेना बेहद जरूरी है। मैंने यहाँ प्रतियोगिता के कुछ सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा की है और उम्मीद करता हूँ कि यह आपके लिए मददगार साबित होगा।
परिचय
हम सभी का अपना एक सपना होता है मगर समस्या है दिन-प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या और लगातार कम होती पदों की संख्या। इसका साफ़ मतलब है कि हर कोई संगीतकार या चिकित्सक नहीं बन सकता है। इसलिए, यदि आप कुछ बनना चाहते हैं या आपके पास कोई क्षमता है, तो आपको दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी और खुद को साबित भी करना होगा। इस प्रक्रिया को ही ‘प्रतियोगिता’ का नाम दिया गया है। आसान भाषा में, यह एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से आप यह दिखा सकते हैं कि कैसे आप दूसरों से बेहतर हैं।
प्रतियोगिता क्यों जरूरी है
1. प्रतियोगिता के भी अपने कुछ फायदे होते हैं और अगर कोई इसमें नाकाम हो जाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह इसके लायक नहीं, यह दर्शाता है कि वे अभी इसके लिए तैयार नहीं है और उसे अगली बार के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता है।
2. मैं यह भी कह सकता हूँ कि प्रतियोगिता हमें अपनी प्रगति में सुधार लाने तथा विश्लेषण करने में काफी मदद करती है।
3. अगर आप उनमे से हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं, तो निश्चित रूप से प्रतियोगिता आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है जो आपको सफलता दिलाएगी।
4. प्रतियोगिता जरूरी है क्योंकि यह हमें हमारी काबिलियत को पहचानने तथा ज्यादा सीखने में मदद करती है। यह लोगों को कुशल बनने के लिए भी प्रेरित करती है।
प्रतियोगिता के प्रकार
1. प्रतियोगिता के कई प्रकार होते हैं जिनमे से कुछ तैयार किये जाते हैं और कुछ आंतरिक होते हैं।
2. कभी कभी हम खुद अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देते हैं; हम खुद से ही जूझते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। इसे ही आतंरिक प्रतियोगिता कहते हैं।
3. जब हम लोगों से प्रतिस्पर्धा करते हैं और खुद को साबित करने की कोशिश करते हैं तो यह सांसारिक प्रतियोगिता कहलाती है।
4. इसका आयोजन स्कूल-कॉलेज में, अलग-अलग प्रतिष्ठानों में, तरह-तरह की भर्ती प्रक्रियाओं के लिए, नौकरी के क्षेत्र, आदि स्थानों पर किया जाता है।
निष्कर्ष
हम सभी के जीवन का एक मकसद होना चाहिए और हमें इसके बारे में पता होना चाहिए और उसके अनुसार कार्य भी करना चाहिए। हर किसी की क्षमता अलग होती है और पैसे कमाने के लिए हम अपनी क्षमता का इस्तेमाल अपने सबसे मजबूत पहलू के रूप में करते हैं। यह वाकई में बहुत ही दिलचस्प होता है जब हम सक्षम होते हैं और हम प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसलिए, मेरे विचार में, प्रतियोगिता एक अच्छी चीज है और यह हर जगह होनी चाहिए।
परिचय
हम सभी सफल होना चाहते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुँचाना चाहते हैं। लेकिन सफल सिर्फ वही कहलाते हैं जो जीतते हैं और शीर्ष पद तक पहुँच पाते हैं। हम शीर्ष पर पहुँचने के लिए मुकाबला करते हैं और यक़ीनन यह हमें सीखने और बेहतर बनने में मदद करता है। प्रतियोगिता एक ऐसी चीज है जो हमें कई मायनों में मदद करती है और यह हर क्षेत्र में होनी भी चाहिए। हमें लोगों को तरह-तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि उन्हें उनकी क्षमताओं का पता चलें।
प्रतियोगिता का क्या मतलब है?
जब लोगों का एक समूह, एक खास पद या जगह को जीतने के लिए साथ में आता है लेकिन उसे केवल एक व्यक्ति ही हासिल करता है तो उसे ही प्रतियोगिता कहते हैं। यह किसी भी प्रकार का और किसी भी क्षेत्र से सम्बंधित हो सकता है। इस पूरे संसार में अलग अलग तरह की प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं। कभी हम जीतते हैं और कभी हारते हैं। मगर हराना यह नहीं दर्शाता कि हम उसके लायक नहीं है बल्कि ये हमें और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है।
प्रतियोगिता हमेशा एक अच्छे उद्देश्य के साथ ली जानी चाहिए क्योंकि कभी कभी लोग इसे गलत तरह से ले लेते हैं और बाद में उन्हें भुगतना पड़ता है। साफ़-सुथरी प्रतिस्पर्धा करने से हमें प्रगति करने में मदद मिलती है जबकि अगर हम अपनी ईर्ष्या को संतुष्ट करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं तो यह हमारे लिए कभी बेहतर साबित नहीं होता।
प्रतियोगिता के प्रकार
यह तरह तरह के हो सकते हैं, निर्भर करता है कि आप किस स्थान पर हैं। स्कूलों में यह शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, आदि के रूप में हो सकता है। कार्यालयों में यह पदोन्नति या मूल्यांकन के लिए हो सकता है। जीवन में सफल होने तथा बहुत कुछ पाने के लिए हो सकता है। हम जहाँ भी जाते हैं हमें प्रतियोगिता मिलती हैं और यह एक बेहतर तरीका है खुद को साबित करने का।
प्रतियोगिता का महत्त्व
निष्कर्ष
प्रतियोगिता के कई फायदे होते हैं और एक अच्छी प्रतिस्पर्धा सिर्फ सफलता ही नही दिलाती बल्कि ये आपको आगे बढ़ने और सीखने में भी मदद करती है। जीवन में हमेशा सीखने को मिलता है और प्रतिस्पर्धाएं वो रुकावट होती है जो हमें इस बात का एहसास दिलाती है आपने कितना सीखा। जो समझ जाते हैं कि इन रुकावटों से कैसे निपटना है वो इनसे कभी प्रभावित नहीं होते और हमेशा सफल होते हैं।
परिचय
यह संसार प्रतियोगिता से भरा पड़ा है, फिर चाहे बात शिक्षा की हो या फिर करियर बनाने की। हम सभी बेहतर को ही तवज्जो देते है और सफल होना चाहते हैं। आप तभी सफल होते है जब कोई फेल होता है। यह हर जगह होता है और हमारे आज के युग का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। प्रतिस्पर्धा हमें हमेशा सीखने के लिए प्रेरित करती है क्योंकि हम सभी जीतना चाहते हैं और उसके लिए ज्यादा मेहनत करते हैं। जब हम प्रतिस्पर्धा करते हैं तो हम आगे बढ़ते है और ये एक अच्छा संकेत है।
प्रतियोगिता को कैसे जीतें
हर किसी के पास प्रतिस्पर्धा के लिए कुछ प्लान या रणनीति होती है। मैंने यहाँ पर कुछ बेहतर रणनीतियों के बारे में बताया है जो निश्चित रूप से आपकी मदद करेगी।
1. अपनी काबिलियत को पहचानें और सही रणनीति बनाये: सामान्यतः दो तरह की चीजें होती है, एक ‘आप क्या जानते हैं’ और दूसरी ‘चीजें जो आप नहीं जानते’। कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनके पास काफी क्षमता होती है साथ में आत्मविश्वास भी जो चीजों को समझने और बेहतर करने में उनकी मदद करता है।
सबसे पहले आपको उन चीजों की लिस्ट बना लेनी चाहिये जो आप जानते हैं और फिर उसकी जिसके बारे में आप नहीं जानते और फिर खुद का विश्लेषण कीजिये। अब इस बात का भी विश्लेषण कीजिये कि क्या आप निर्धारित समय सीमा में अनभिज्ञ हिस्से से प्रतिस्पर्धा कर पा रहे हैं? अगर हाँ, तो निश्चित तौर पर आपको तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, और अगर नहीं तो आप उसपर ध्यान केन्द्रित कीजिये जिसके बारे में आप पहले से जानते हैं। इसे ही कहते हैं सही रणनीति।
2. प्रतिस्पर्धा की तरह मत लें: जब आप जीतने के बारे में सोचने लगते हैं तब आप सीख नहीं पाते, आपको सिर्फ उन चीजों को याद रखना है जिसकी आपको जरूरत है। जब आप सीखना शुरू करते हैं आपका ज्ञान बढ़ने लगता है और इस तरह आपको जीतने से कोई नहीं रोक सकता।
3. उचित अध्ययन सामग्री रखें: आज की तारीख में हम पढ़ाई के लिए ज्यादातर इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हैं मगर हमें ये पता होना चाहिए कि क्या और कितना पढ़ना है। क्योंकि इन्टरनेट एक समुद्र की तरह है जिसका कोई अंत नहीं और ऐसे में यहाँ जितना खोजेंगे उतना ही भ्रम भी उत्पन्न होगा। इसलिए इसका बेहतर ध्यान रखें कि आपको किस विषय पर खोज करना है, इससे आपका समय और मेहनत दोनों बचता है।
प्रतिस्पर्धा के सकारात्मक पहलू
प्रतिस्पर्धा किसी भी तरह की हो सकती है यह निर्भर करता है परिस्थिति के ऊपर। कभी हम बेहतर बनने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं और कभी अच्छे नंबर लाने के लिए। लेकिन जब तक प्रतिस्पर्धा साफ़-सुथरी है, अच्छी है; अन्यथा ये हमें नुकसान भी पहुंचा सकती है। मैंने यहाँ साफ़-सुथरी प्रतिस्पर्धा के कुछ सकारात्मक प्रभाव को दर्शाया है;
1. ध्यान केन्द्रित होती है: जब हम कुछ पाने के लिए कड़ी मेहनत करते है या कोई प्रतिस्पर्धा जीतते है तब हम और भी ज्यादा केन्द्रित हो जाते हैं। ऐसा करने से हमें अपनी क्षमता बढ़ाने तथा बेहतर करने में काफी मदद मिलती है।
2. प्रगति में मिलती है मदद: जब आप किसी से प्रतिस्पर्धा करते है या खुद का कोई रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं, तो आप पहले से और ज्यादा मेहनत करते है और ऐसा करने से स्वतः ही आपकी प्रगति होती है।
निष्कर्ष
प्रतिस्पर्धा एक अच्छी चीज है और यह मायने नहीं रखता कि आप किस क्षेत्र में हैं, खुद को परखने के लिए आपको हमेशा अलग-अलग प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेते रहना चाहिए। ये सभी आपके ज्ञान और सीखने की क्षमता का विश्लेषण करने का एक माध्यम है। अगर आप एक पुलिस ऑफिसर बनना चाहते हैं तो उनसे प्रतिस्पर्धा करें जो पुलिस ऑफिसर बनना चाहते हैं, तब आपको एक सामान्य परीक्षा के जरिये खुद को साबित करना होगा। ये कई मायनों में काफी मददगार होता है और हमें बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है। मेरे विचार में, यह एक बहुत ही बेहतर चीज है और हर किसी को अलग अलग प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेना चाहिए जिसमे वो बेहतर कर सकता हो।