होमवर्क का हिंदी अर्थ है “गृहकार्य”, यानी की घर के लिए दिया गया काम। मुझे यकीं है आप सभी इस शब्द से वाकिफ होंगे। अपने स्कूल के दिनों या अपनी छुट्टी के दिनों में भी कई घंटे होमवर्क के रूप में आप सब ने अवश्य बिताये होंगे। स्कूल के दिनों में यह रोजाना या हमारी छुट्टियों के दिनों के लिए हमारे अध्यापक होमवर्क दिया करते हैं। हमारे क्लास में जो कार्य या पढ़ाई छूट जाए या अधूरी रह जाती है, हमारे टीचर उसे होमवर्क के रूप में हमें देते है। हमारे छुट्टियों में घर पर पढ़ाई के लिए कुछ समय देने के लिए भी अध्यापक हमें कार्य देते है। इसे ही हम होमवर्क कहते है।
स्कूल के दिनों में होमवर्क कितना जरूरी है, इस बात को आप शायद अपने भविष्य के दिनों में महसूस करेंगे। मैंने इस निबंध में अपने कुछ अनुभवों और इसकी कितनी आवश्यकता है उसके बारें में चर्चा की है, यक़ीनन यह आपके लिए यह सहायक साबित होगी।
परिचय
हम सभी का जीवन संघर्षों से भरा होता है। सभी को अपने छात्र जीवन में और उसके संघर्षों के बारे में अवश्य पता होगा। सभी छात्र अपने स्कूल के दिनों में अच्छा मार्क लाने का उनपर बहुत अधिक दबाव होता है। सभी चाहते है की एग्जाम में उनके मार्क अच्छे आये, और इसके लिए वो कड़ी मेहनत भी करते है। सभी छात्रों के जीवन में होमवर्क बहुत ही आवश्यक होता है। रोजाना के स्कूल समाप्ति के बाद अध्यापकों के द्वारा हर बच्चे को होमवर्क दिया जाता है। कभी-कभी छुट्टियों के दिनों में भी छात्रों को होमवर्क दिया जाता हैं। कोई भी छात्र छुट्टी के समय में पढ़ाई नहीं करना चाहता है। हर छात्र को और उसके परिवार को होमवर्क की आवश्यकता क्या है और यह छात्रों के लिए कितना जरूरी और महत्वपूर्ण है यह जानना बहुत आवश्यक है।
होमवर्क क्या है?
स्कूल के घंटों के बाद जो कार्य, प्रोजेक्ट या अभ्यास अध्यापकों द्वारा छात्रों को विषय के कुछ कार्य घर से करके लाने को कहां जाता है, उसे ही हम गृहकार्य या होमवर्ककहते है। यह कार्य स्कूल में उस विषय या पाठ्यक्रम के लिए मिलें कम समय छात्रों को अभ्यास करने के लिए दिया जाता है। इस कार्य में बच्चे अपने माता-पिता, बड़े या किसी और की सहायता ले सकते है। किसी भी छात्र को खुद के लिए यह सीखने का एक अच्छा तरीका है। इस कार्य को उसे अन्यथा नहीं लेना चाहिए, और हर किसी को खुद के भविष्य को ध्यान में रखकर इसमें रूचि और कार्य को कड़ी मेहनत से करना चाहिए।
होमवर्क की आवश्यकता क्यों है?
निरंतर अभ्यास और कड़ी मेहनत ही सफलता की निशानी है। यही बात छात्रों पर भी लागू होती है। हर किसी छात्र को सफल होने के लिए कड़ी मेहनत और अभ्यास की जरुरत होती है। इसलिए उसे स्कूल के घंटों के समय के बाद भी घर पर निरंतर अभ्यास की आवश्यकता है। छात्र जो कुछ भी कक्षा में पढ़ता या सिखाता है उसका अभ्यास घर पर अवश्य करना चाहिए, ताकि वह विषय आपके दिमाग में बैठ जाए। इसलिए अध्यापक होमवर्क का कार्य छात्रों को देते है।
कक्षा में विद्यार्थी जो कुछ सिखता है तो वह कुछ समय के लिए उसके दिमाग में रहता है, यदि इसका अभ्यास वह घर पर कर ले तो वो चीज लम्बे समय के लिए दिमाग में बना रहता है। यदि वो अभ्यास न करे तो बाद में वो इसे भूल जाता है। उन सभी बातों और तथ्यों को अच्छे तरीके से याद रखने और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए इसका अभ्यास करना बहुत ही आवश्यक है। कक्षा में पढ़ाये गए सभी विषयों को लम्बे समय तक याद रखने और उसका अभ्यास करने के लिए होमवर्क एक अच्छा तरीका है। इसलिए अध्यापक छात्रों को होमवर्क देते है। हर छात्र इस बात को समझे और होमवर्क को गंभीरता से उस विषय का अभ्यास करें।
होमवर्क अच्छा है या बुरा
छात्रों को हर दिन कुछ नया सीखने और सिखाई गई चीजों का अभ्यास करने के लिए अध्यपक के द्वारा होमवर्क का कार्य दिया जाता है, और अगले दिन इस कार्य को करके लाने को कहा जाता है। इस कार्य को करने के लिए छात्रों को कड़ी मेहनत और अभ्यास करना पड़ता है। छात्रों पर होमवर्क का कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्म प्रभाव भी होता है, आइये इसके बारे में जानने की कोशिश करते है।
सकारात्मक प्रभाव:
कक्षा में हमने जो भी पढ़ा होमवर्क के द्वारा हम उसकी पुनरावृत्ति कर सकते हैं। कक्षा में ऐसा हो सकता है कि जो कुछ भी हमने पढ़ा उसे कम समय के कारण अच्छे से समझ नहीं पाएं। लेकिन हम होमवर्क से उस विषय को संशोधन कर अच्छे से समझ सकते है। इससे हमारा अभ्यास और मन की शंका दोनों दूर हो जाती है, और इस पुनरावृत्ति से हम उस तथ्य के मतलब को लम्बे समय तक के लिए याद रख सकते है।
रोजाना के होमवर्क से हमने जो भी कक्षा में पढ़ा, उसका अभ्यास हो जाता है, और हम उसके मतलब को भी आसानी से समझ सकते है। यदि हमें किसी भी चीज को समझनें में कोई समस्या होती है, तो जब हम होमवर्क करते है तो हमें कक्षा में बताई गई सारी बातें याद आ जाती है। जिसे हम होमवर्क के द्वारा याद करके उसे समझकर उसका अध्ययन कर उसे दिमाग में बिठा लेते है। इसके कारण परीक्षा के दौरान हमें पढ़ाई के दबाव से हमें थोड़ी राहत मिलती है, और फलस्वरूप हमारे अंदर परीक्षा का डर काफी काम हो जाता है। होमवर्क करने के दौरान हम अपने सारे उलझन और आने वाली समस्या को अभ्यास करके सुलझा लेते हैं। इससे परीक्षा में हमें अच्छे अंक लाने में भी मदद मिलती हैं।
होमवर्क के द्वारा हमें रोजाना पढ़ाई और बताई गई सारी बातों से एक या अधिक बार गुजरना पड़ता है। होमवर्क के कार्य में लिखना और पढ़ना दोनों प्रकार के कार्य आते है, जिससे हमें लिखने और पढ़ने के तरीकों से हमारा अभ्यास होता है और उससे हमारी समझने की क्षमता भी बढ़ती हैं।
कक्षा में हमारे अध्यापक बच्चों को उसके सवालों, जबाबों कार्यों और उनके नए प्रोजेक्ट के तरीकों से उनके मूल्यांकन करने में मदद मिलती है। होमवर्क छात्र के सभी उलझनों को खत्म करके उस विषय के बारे में अलग तरीके से सोचने, समझने, और उसको अपने ढंग से नया रूप देने की कोशिश करते हैं। जिसके कारण उनके माता-पिता और अध्यापक को उनके मूल्यांकन और अंक तालिका में अच्छा करने का भरोसा भी दिलाती है।
होमवर्क के द्वारा छात्र अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपनी प्रगति का रास्ता बनाते है। इसके द्वारा छात्र अपने समय का विश्लेषण कर उसे प्रबंधित करता है। इससे छात्र अपने होमवर्क को समय से करने, खेलने, टी.वी. देखने, अपने दोस्तों से मिलने, इत्यादि के लिए अपने समय को प्रतिबंधित करता है। आगे चलकर भविष्य में वो इसमें निपुण हो जाता है जो उसे भविष्य में सफल बनाने में मदद करता है।
रोजाना और छुट्टी के दिनों में होमवर्क के द्वारा ही छात्र अपनी एकाग्रता को बढ़ाता है। अपने होमवर्क से वह अपनी सोच, याद करने की शक्ति, अपने कौशल को और बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसके कारण वह अपने कार्यों के प्रति काफी जिम्मेदार हो जाता है और सारे कार्य खुद से ही करने लगता है।
नकारात्मक प्रभाव:
अत्यधिक होमवर्क किसी भी छात्र के लिए बोझ का काम करता है। इसके कारण छात्र का समग्र विकास में बांधा आती है। कोई भी छात्र रोजाना या अत्यधिक होमवर्क के कारण उसके अंदर तनाव और चिड़चिड़ापन आने लगता है, जो उसके स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित करता है।
ज्यादा होमवर्क होने की वजह से छात्र को किसी अन्य गतिविधि में शामिल होने के लिए समय की कमी रहती है। वह इसके लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पाता है। जिस कारण उन्हें अन्य लोगों से मिलने और बात करने का मौका नहीं मिलता और वो अपने को एकदम तन्हा महसूस करने लगते है। यह बात आगे चलकर बहुत खतरनाक हो सकती है।
स्मार्ट तरीके से होमवर्क देना
छात्रों को आसान और रोचक होमवर्क देना चाहिए जिसे वो आनंद के साथ मजे से पूरा करें। ऐसा काम देना चाहिए जिससे उनके सोचने और नए तरीकों का इस्तेमाल हो और उन्हें अपने इस कार्य में आनंद और मजे भी मिले। उनको दिया गया होमवर्क कठिन और बहुत आसान भी नहीं होना चाहिए। उनका होमवर्क ऐसा होना चाहिए जिससे उनकी बुद्धिशक्ति, तरीकों और नई चीजें सीखने का उत्साह उनमें बना रहें।
रोजाना होमवर्क के कारण छात्रों में बोरियत, उदासी, चिड़चिड़ापन, थकान, इत्यादि देखने को मिलता है। इसलिए बच्चों को एक निश्चित अंतराल पर और रोचक होमवर्क देना चाहिए। जिसके कारण उनके ऊपर होमवर्क का कार्य का दबाव कम हो और उनका पूर्ण विकास हो।
क्या होमवर्क छात्रों लिए आवश्यक है?
सभी माता-पिता, अध्यापक और छात्र यही चाहते है कि वो खुद से अपना अध्याय करें और इसके लिए होमवर्क बहुत जरुरी और महत्वपूर्ण है। छात्र जो कुछ भी कक्षा में सिखते है वो उनके लिए काफी नहीं होता, कहीं न कहीं उनके मन में कुछ शक और संकाएं बनी रहती है। उन्हें इन चीजों का मतलब साफ नहीं मिलता है। इस सब संकाओं को दूर करने और अपने बुद्धि और अपने अंदर की शक्ति को पहचानने के लिए स्व-अध्याय बहुत ही आवश्यक है।
प्रारम्भ में होमवर्क थोड़ा उदास और व्यर्थ लगेगा। हमें होमवर्क के मूल्यों को समझना चाहिए, और हमें स्वावलम्बी बनना चाहिए। इसके द्वारा हमें आपस में एक दूसरे से बातें करने और अपने सवालों के जवाब के लिए अपने गुरु, माता-पिता, सहपाठियों या किसी अन्य से समस्या के हल के लिए बात करने की शक्ति जगाता है। मेरी राय में हर छात्र के लिए होमवर्क बहुत ही जरूरी और उपयोगी है। यह उनके सोचने और कुछ नया करने की क्षमता को बढ़ता है।
निष्कर्ष
थोड़े नुकसान के साथ होमवर्क के अपने बहुत ही फायदे है। इससे छात्र समय का उपयोग, अपनी सोचने की क्षमता, कार्यशक्ति और जीवन में नए कार्य सोच को उत्पन्न करता है। थोड़े कम और रोचक होमवर्क के साथ यह सभी छात्रों के जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है।