ओणम प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाला एक दक्षिण भारतीय त्योहार है। यह त्योहार सामान्यतः मलयालम हिंदुओं द्वारा मनाए जाता है। मलयालम कैलेंडर के अनुसार ओणम प्रत्येक वर्ष चिंगम महीने में 22 वें नक्षत्र थिरुवनम को पड़ता है। ओणम खासकर भारत के दक्षिणी भाग में केरल राज्य का एक विश्व प्रसिद्ध त्योहार है। केरल के लोग इसे हर वर्ष एक महापर्व की तरह मानते हैं।
एक सीमित क्षेत्र में मनाए जाने के बावजूद इस विश्व प्रसिद्ध त्योहार के बारे में आज हम इस निबंध के माध्यम से जानेंगे।
प्रस्तावना
दक्षिणी भारत के केरल में मनाया जाने वाले ओणम उत्सव की आभा न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में फैली हुई है। बाकी त्योहारों की ही तरह इस पर्व को भी मनाने के लिए केरल के लोग काफी उत्साहित रहते हैं। इस उत्सव की तैयारी से लेकर इसके आयोजन तक सभी लोगों में खुशी की एक लहर सी दौड़ती रहती है। लोग अपने सभी कामों से छुट्टी लेकर ओणम पर्व के रंग में सराबोर हो जाते हैं। ओणम सबके जीवन में हर वर्ष एक नई शुरुआत लेकर आती है। जिसके बाद लोग अपने कार्य को और अधिक ऊर्जा के साथ करते हैं।
ओणम क्या है? (What is Onam?)
भारत के प्रचलित त्योहारों होली, दिवाली, ईद, रक्षा बंधन आदि के अलावा और भी बहुत से ऐसे त्योहार हैं जो किसी राज्य या सीमित क्षेत्र के लोगों द्वारा मनाया जाता है। उन्हीं त्योहारों में से ओणम भी एक धूम धाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। जबकि ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार ओणम अगस्त सितंबर के लम सम आता है। कुछ विद्वानों के अनुसार ओणम, राजा महाबली की याद में मनाए जाने वाला त्योहार है। उनका ये भी मानना है कि ओणम के दौरान राजा महाबली की आत्मा केरल की यात्रा करती है। ओणम को हमेशा से हिन्दू पौराणिक कहानियों से जोड़ कर देखा गया है। ओणम एक फसल उत्सव है जिसे कई पर्वों के साथ आयोजिय किया जाता है। ओणम, विशु और तिरुवथिरा दक्षिण भारत के तीन प्रमुख हिन्दू त्योहार हैं जिनमें ओणम सबसे प्रख्यात त्योहार है।
क्या ओणम एक राष्ट्रीय या सार्वजनिक अवकाश है? (Is Onam a National or Public Holiday?)
ओणम केरल के लोगों के लिए एक नए साल की तरह है। जिस प्रकार से पूरे विश्व में 1 जनवरी को नव वर्ष के रूप में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है उसी प्रकार से ओणम भी मलयालम लोगों के लिए नव वर्ष का एक दूसरा रूप है। ओणम प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाला एक दस दिवसीय पर्व है। सम्पूर्ण केरल राज्य में ओणम के लिए विशेष रूप से सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। ओणम पर्व के दौरान केरल राज्य के सभी स्कूल कॉलेज तथा सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं। ओणम की तैयारी में सभी लोग अपना निजी व्यवसाय भी बंद करके पूरे मन से जुट जाते हैं।
ओणम कहाँ और कैसे मनाया जाता है? (How and Where Onam is Celebrated?)
ओणम का आयोजन केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के लगभग 30 स्थानों पर बढ़े ही धूम धाम से किया जाता है। ओणम के दौरान तरह तरह के प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इनमें प्रमुख हैं- बाघ नृत्य, फूल रंगोली, नाव दौड़, पूजा आराधना, मुखौटा नृत्य, मार्शल नृत्य, महिला नृत्य, संगीत तथा रस्साकसी आदि। ओणम पर्व के शुरुआती साक्ष्य संगम युग की एक तमिल कविता “मतुराइक्कांसी” में मिलता है जिसमें मदुरई के मंदिर में ओणम मनाए जाने का उल्लेख किया गया है। इसी प्रकार 11 वीं शताब्दी के एक शिलालेख से भी ओणम के त्योहार का साक्ष्य मिलता है।
क्या ओणम सभी धर्मों में मनाया जाता है? (Is Onam Celebrated by all Religions?)
मूलतः ओणम केरल में मनाए जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है लेकिन इस त्योहार को सभी समुदाय के लोग बड़े ही हर्षोल्लास से मानते हैं। लैटिन कैथोलिक बिशप सेलविस्टर पोन्नुमुथुन का कहना है कि यह पर्व त्रिवेंद्रम के बेसिक एक्लेशियल कम्युनिटीज (BECs) में वहाँ के स्थानीय रीति रिवाजों के साथ मनाया जाता है, सेलविस्टर पोन्नुमुथुन के अनुसार ये परम्पराएं निलविलक्कू के प्रभाव से शुरू है। ओणम के दौरान हिंदुओं के साथ मिलकर भोजन करना सभी धर्मों की एकता का उदाहरण है।
क्या ओणम एक फ़सल या धार्मिक त्योहार है? (Is Onam a Harvest or Religious Festival)
सभी त्योहारों की तरह ओणम को भी धार्मिक मान्यताओं से जोड़ने की बहुत कोशिश की गई है। इसी क्रम में एक कहानी विष्णु के अवतार परशुराम से संबंधित है जिनके बारे में यह कहा जाता है कि इन्होंने ही अपनी कुल्हाड़ी से पापियों का वध करने के दौरान दक्षिण भारत के केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रों का निर्माण किया था।
ऐसे ही पौराणिक कहानियों में से एक कहानी राजा महाबली कश्यप की है। जो कि एक ब्राह्मण ऋषि थे। जीनके बारे में ये कहा जाता है कि महाबली हिरण्यकश्यप के परपोते और विष्णु भक्त प्रह्लाद के पोते थें। महाबली कश्यप सभी देवताओं को हराकर तीनों लोकों पर अधिकार जमा चुके थे। हारे हुए देवतागढ़ महाबली के विरुद्ध लड़ाई के लिए भगवान विष्णु से मदद मांगी। विष्णु ने वामन रूप धारण करके महाबली से तीन कदम जमीन की मांग की। विष्णु ने तीनों लोक को मात्र दो कदम में ही नाप लिया और तीसरे कदम के लिए महाबली ने अपना सिर आगे कर दिया। महबली की इस श्रद्धा को देख कर भगवान विष्णु ने महाबली को वरदान दिया कि वर्ष में एक बार वह धरती लोक पर आ सकता है और तभी से ओणम पर्व पर महाबली के केरल की यात्रा पर आने की मान्यता है।
पौराणिक कथाओं से हटकर ओणम एक फ़सल त्योहार है जिसमें नए फ़सलों का भोजन तैयार करके केरल के लोग अपने ईस्ट देवताओं को अर्पित करते हैं। ओणम पर्व के दिन सभी लोग उत्सव के रूप में अपने देवी देवताओं को हर वर्ष नए ने फ़सलों की प्राप्ती के लिए धन्यवाद करते हैं।
निष्कर्ष
ओणम पर्व केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्य के साथ साथ भारत और विश्व के भी कुछ हिस्सों में एक महा पर्व की तरह मनाया जाता है। ओणम सभी जाती धर्मों के एकता और अखंडता का प्रतीक है। इस दिन सभी जाती धर्म के लोग एक साथ बैठ कर एक ही परिवार की तरह भोजन करते हैं और अपने सुख दुख एक दूसरे से बांटते हैं। ओणम पर्व बच्चे, बूढ़े, महिलाओं सभी के जिंदगी में एक नए जन्म की तरह है। यह पर्व सदियों से लोगों के लिए एक ऊर्जा और उत्साह का स्रोत बना हुआ है तथा सभी को एकता के पवित्र बंधन में बांधता आया है।
उत्तर – ओणम केरल राज्य का प्रमुख त्योहार है।
उत्तर – ओणम मुख्य रूप से मलयाली हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाला पर्व है।
उत्तर – ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार ओणम अगस्त सितंबर माह में मनाया जाता है।
उत्तर – यह एक फसल त्योहार है?
उत्तर – ओणम का सबसे प्रसिद्ध कार्यक्रम ‘’वल्लमकली’’ नौका दौड़ है।