आज हम सभी के हाथ में एक टुल है, जिसे मोबाइल कहते हैं। मोबाइल की लत से आशय मोबाइल के न होने पर असहज (discomfort) महसूस करने से है। वर्तमान में हम बहुत अधिक हद तक मोबाइल पर निर्भर है। इसके ऑफ हो जाने पर या गिर जाने पर ऐसा लगता है जैसे सीने पर चोट लगी है। प्रतीत होता है जैसे डिजीटल इंडिया का मार्ग मोबाइल से होकर ही गुज़रता है। मोबाइल का साइज़ उसे यात्रा अनुकूल (Travel Friendly) बनाता है, इस वजह से लोगों को और अधिक मोबाइल की लत (बुरी आदत) होती जा रही है। यह हर लहजे से हमारे आने वाले जीवन के लिए बुरा है।
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परिचय
मोबाइल फ़ोन हमारे जीवन का अभिन्न अंग हो गया है, इसके आभाव में हमारे अनेकों महत्वपूर्ण काम रुक जाते हैं। जब व्यक्ति खुद को अपने मोबाइल फ़ोन से दूर नहीं रख पाता, इस स्थिति को मोबाइल की लत कहते हैं। मोबाइल फ़ोन का अविष्कार वर्तमान में व्यक्ति के लिए वरदान है।
मोबाइल फ़ोन की लत क्या है
मोबाइल की लत में हम स्वयं को अपने मोबाइल से दूर नहीं रख पाते हैं। कोई विषेश काम न होने पर भी हम मोबाइल को स्क्रोल करते रहते हैं। आज के समय में हमें मोबाइल की इतनी बुरी लत है, इसका अनुमान आप इस वाक्य से लगा सकते हैं- ‘मोबाइल की लत को दूर करने के उपाय हम घंटों लगाकर मोबाइल पर ही ढुंढते हैं’। यह आदत हमारे जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करता है।
मोबाइल की लत हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है
हमारे स्वास्थ्य पर मोबाइल फ़ोन के लत का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके अधिक उपयोग से व्यक्ति में चिड़चीड़ापन का होना, हमेशा सिर दर्द की समस्या, नेत्र संबंधित समस्या, अनिंद्रा व मोबाइल के हानिकार रेडिएशन से हृदय संबंधित रोग भी हो सकते हैं।
निष्कर्ष
कुछ साल पहले तक मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल कर पाना सबके बस में नहीं था, पर समय बीतने के साथ आज आम तौर पर यह सभी के पास देखा जा सकता हैं। मोबाइल की लत ने हमारे जीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है, अतः हमें इस लत को दूर करने के प्रयास करने चाहिए।
यूट्यूब पर देखें: मोबाइल की लत पर निबंध
परिचय
जब कोई व्यक्ति मोबाइल के अभाव में स्वयं को असहज महसूस करता है, उसे मोबाइल का लत कहते है। बेशक मोबाइल ने हमारा अनेकों काम आसान किया है पर समय बीतने के साथ हम मोबाइल के अधिन हो गए है। मोबाइल के ऑफ हो जाने पर कई लोगों का मूड भी ऑफ हो जाता है। वह गुस्सा करने लगते हैं। यह सही संकेत नहीं तथा इसका साफ तौर पर यह मतलब है आप ‘नोमोफोबिया’ के शिकार हो गए है। यह ज़रूरत से ज्यादा मोबाइल के उपयोग करने से होता है।
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हमारे जीवन पर मोबाइल की लत का प्रभाव
किसी भी सामाग्री की लत व्यक्ति को अनेक समस्याओं से घेर देता है। मोबाइल की लत भी मनुष्य के साथ यही व्यवहार करता है। इसमें व्यक्ति अपने जीवन में अनेक समस्याओं से घिर जाता है-
निष्कर्ष
मात्र शराब सिगरेट की लत ही व्यक्ति के जीवन को संकट में नहीं डालते अपितु संसार के किसी भी वस्तु या सामाग्री की लत हमारे लिए हानिकारक है। उनमें से एक मोबाइल फ़ोन की लत है। जिसके वजह से जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनेक समस्याएं व्यक्ति के लिए उत्पन्न होती हैं।
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परिचय
मोबइल फ़ोन हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है तथा इसका अविष्कार यंत्रों की दुनिया में क्रांति लेकर आया है। आज के समय में हमारे बहुत सारे काम मोबाइल की सहायता से घर-बैठे ही कुछ मीनट में हो जाते हैं। पर मोबाइल के इतना अधिक उपयोग ने हमें उसका आदी बना दिया है। जिसके वजह से हम एक पल के लिए भी अपने मोबाइल को खुद से दूर नहीं रखना चाहते हैं। यह हमारे जीवन पर अनुचित प्रभाव डालता है।
नोमोफोबीया क्या है
मोबाइल के न मिलने पर या खो जाने पर हम सभी परेशान हो जाते है पर बहुत अधिक चिंता का होना नोमोफोबीया कहलाता हैं। इसमें मोबाइल के न होने पर व्यक्ति असहज महसूस करता है तथा उसे बहुत अधिक घबराहट होने लगता है। विश्व भर में किए गए शोध से पता चला है, नोमोफोबिया की शिकायत तेजी से बढ़ती जा रही है। मोबाइल फ़ोन को बहुत अधिक चलाने से यह बीमारी हो सकती है।
नोमोफोबीया के लक्षण
यह कुछ लक्षण है, जिससे मालुम चलता है व्यक्ति नोमोफोबिया का शिकार हो चुँका है, अतः सही समय पर इससे छुटकारा पाने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए।
मोबाइल की अधीनता
मोबाइल की लत ने व्यक्ति को अपने अधीन कर लिया है। गैजेट हमारे उपयोग के लिए है पर यहां गैजेट्स हमारा उपयोग कर रहे हैं। व्यक्ति को मोबाइल की ऐसी लत है की वह पास बैठे लोगों से बात करने के स्थान पर सोशल मीडिया पर मित्रों से लगा रहता है। इससे उसके अपनों से आपसी संबंध कमज़ोर होते चले जाते है। साथ ही व्यकि के जीवन की विभिन्न पहलुओं को भी यह लत प्रभावित करता है जैसे स्वास्थ्य, आजीविका (career), अध्ययन आदि।
निष्कर्ष
मोबाइल के लत से होने वाली बीमारी को नोमोफोबिया कहते हैं। इसके लक्षण को पढ़ कर साफ तौर पर पता चलता है व्यक्ति कितना ज्यादा इस यंत्र के अधीन है। नोमोफोबिया हमें अपनों से दूर करता है और इसके साथ स्वास्थ्य संबंधित अनेक समस्याएं व्यक्ति को देता है जैसे सिर दर्द, गर्दन दर्द, नेत्र रोग आदि। इस बीमारी का व्यक्ति को सही समय पर पता चलना आवश्यक है, नहीं तो इसके बुरे परिणाम हो सकते हैं।
परिचय
विशेष काम में मशरूफ होने के दौरान, किसी विज्ञापन का नोटीफिकेशन आने पर यह जानते हुए की इस नोटीफिकेशन का हमारे लिए कोइ महत्व नहीं मोबाइल को देखे बिना न रह पाना मोबाइल की लत है। किसी जरूरी समारोह के दौरान यह सोचना मोबाइल देखलु कहीं किसी का कॉल तो नहीं आया, मोबाइल अडिक्शन है। इसमें कोई संदेह नहीं मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग हो गया है, व्यक्ति उठने के बाद सबसे पहले मोबाइल देखता है, पर किसी भी सामाग्री, वस्तु या व्यक्ति के लत का हमेशा घातक परिणाम होता है।
जैसे हर सिक्के के दो पहलु होते है वैसे ही मोबाइल फ़ोन के लाभ तथा हानि दोनों हैं और यह हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
मोबाइल फ़ोन के लाभ
मोबाइल फ़ोन के हानि
उपाय
निष्कर्ष
मोबाइल के लाभ तथा हानि दोनों होते हैं। सहीं प्रकार से उपयोग करने पर यह हमारा काम आसान करता है पर मोबाइल की लत में, व्यक्ति के मोबाइल उपयोग करने के स्थान पर मोबाइल व्यक्ति का उपयोग करने लगाता है। अतः हमें मोबाइल की लत में नहीं पड़ना चाहिए।