तोता एक रंगबिरंगे पंखों वाला एक आकर्षक पक्षी है। यह अपनी बुद्धिमत्ता के लिए भी जाना जाता है। इसमें सीखने की बहुत ही तीव्र क्षमता होती है साथ-साथ यह विभिन्न आवाज भी पैदा करता है। तोते की ये खास विशेषताएं लोगों को आकर्षित करने और उन्हें अपने पालतू पक्षी के रूप में रखने के लिए आकर्षित करता हैं। वे आमतौर पर समूहों में रहते हैं और उनकी प्रकृति सामाजिक होती हैं। आज हम आपके लिए तोते पर अलग-अलग शब्द सीमा में निम्नलिखित निबंध लेकर आये हैं जो आपको अपने स्कूल का असाइनमेंट पूरा करने में मदद कर सकता हैं।
परिचय
तोता शब्द जैसे ही मेरे दिमाग में आता है, राम-राम की रट लगाने वाले एक पक्षी की छवि और कई अन्य शब्द जो इस पक्षी का वर्णन करते हैं वो सामने आने लगते हैं, क्योंकि मेरे पड़ोस में एक पालतू तोता रहता है। तोते पक्षियों की जाति में सबसे बुद्धिमान पक्षियों में से एक हैं। उन्हें मानवीय आवाज़ की नकल करने की प्रतिभा प्राकृतिक रूप से प्रदान होती है। उन्हें केवल उनकी बुद्धिमत्ता के कारण विभिन्न फिल्मों और शो में चित्रित किया गया है। उदाहरण के लिए आप फिल्म ‘दिल्ली सफारी’ में एलेक्स को ही ले लीजिये।
एक तोते के गुण
तोता एक मजबूत और घुमावदार चोंच, छोटे शरीर और 8 पंजे वाले पैरों वाला जीव है, जिसके प्रत्येक पैर में दो अंगूठे सामने और दो पीछे की तरफ होते हैं। अलग-अलग शरीर के रंगों और विशेषताओं के साथ इनकी कई प्रजातियां होती हैं। नर और मादा को केवल देखकर उनमे अंतर नहीं किया जा सकता। वे आमतौर पर समूहों में रहते हैं और झुंड में उड़ते हैं।
वे विभिन्न बीजों, फलों, सूखे मेवों, सब्जियों और छोटे कीड़ों को अपना आहार बनाते हैं। जब इन पक्षियों को पालतू बनाया जाता है तो उनकी देखभाल के लिए उन्हें हमेशा साथ रखना चाहिए और साफ-सफाई के रखरखाव के साथ उचित आहार भी दिया जाना चाहिए। वे आमतौर पर उस वातावरण से बहुत कुछ सीखते हैं जिसमें वे निवास करते हैं और साथ ही मनुष्यों से भी। तोते की कुछ प्रजातियों की उम्र 70 वर्ष तक होती है। लेकिन औसतन, उनका जीवनकाल 30-50 वर्षों तक का होता है।
यह अपनी आकर्षक विशेषता और खुशनुमा प्रकृति के कारण है, यह कई लोगों द्वारा पाला जाता है।
निष्कर्ष
तोते करामाती और आकर्षक पक्षी होती हैं जिनमें अलग-अलग विशेषताएं हैं। वे इंसानों के साथ दोस्ताना व्यवहार करते हैं। वे खुशी और भलाई का प्रतीक होते हैं।
परिचय
तोते इस ब्रह्मांड के सुंदर पक्षी जीवों में से एक हैं जिन्हें असीम बुद्धि प्रदान की गयी हैं। वे अपने बुद्धिमता स्तर को 5 साल के बच्चे के बराबर कर सकते हैं। वे अक्सर मनुष्यों द्वारा अपने पालतू पक्षी के रूप में अपने खास रंग, आकर्षक स्वरुप, बुद्धिमान और सामाजिक प्रकृति में विविधता के कारण चुने जाते हैं।
तोतों का बसेरा
तोते आमतौर पर उष्णकटिबंधीय जलवायु में रहने के लिए ज्यादा उपयुक्त होते हैं और पुराने पतझड़ वाले पेड़ों और चट्टानों की दरारों में बसते हैं। तोते ज्यादातर दुनिया के गर्म जलवायु क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इनकी प्रजातियों में से कुछ ठंडे जलवायु के लिए भी उपयुक्त हैं।
तोते के बारे में कुछ विशेष तथ्य
तोते: संस्कृति के एक हिस्से के रूप में
तोते विभिन्न देशों के राष्ट्रीय झंडों का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व भी करते हैं। तोते का नाम विभिन्न कहानियों, कथाओं, हास्य और धर्मों में दर्शाया गया है। तोते की विभिन्न प्रजातियों को बेहतरी और सुंदरता का संकेत माना जाता है। प्राचीन समय में उन्हें पालतू बनाया गया था क्योंकि वे राजसी गौरव का संकेत हुआ करते थे।
लोग सजावट के उद्देश्य से तोते के पंख का उपयोग करते हैं। इसे बौद्ध कला और शास्त्रों में काफी लोकप्रिय माना गया है; हमें तोते से संबंधित कई कहानियाँ मिल जाती हैं।
सिटैकोसिस – तोते और अन्य पक्षी परिवार में होने वाली बीमारी
यह एक जीवाणु रोग है जो कई पक्षियों में पाया जाता है, इसकी वजह से पक्षी बीमार होते हैं और फिर मर भी जाते है। यह तोते की आबादी में गिरावट का एक बड़ा कारण भी है। यह रोग पक्षियों में बहुत संक्रामक होता है और पक्षियों द्वारा मानव को भी संक्रमित करता है।
यह बैक्टीरिया पक्षी के पाचन तंत्र या श्वसन नली में प्रवेश कर जाते हैं। जब कोई स्वस्थ पक्षी संक्रमित सूखे लीद से युक्त धूल या वायु कणों का सेवन करता है तो यह उससे संक्रमित हो जाते हैं। यह जीवाणु दूषित भोजन और पानी का सेवन करने से भी उनके शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसकी वजह से पक्षी धीमी गति से बीमार होते जाते है। बहुत से पक्षी इस बीमारी के वाहक भी होते हैं।
इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि पालतू पक्षियों की देखभाल करनी चाहिए। अगर हम पक्षियों को पालतू जानवर के रूप में रख रहे हैं, तो हमें उनकी स्वच्छता और उनके रहने की उचित देखभाल अवश्य करनी चाहिए।
निष्कर्ष
लम्बे समय से तोते को पालतू जानवर के रूप में रखा जाता रहा है। वे मनुष्यों के साथ काफी अनुकूलता रखते हैं। यहां तक कि वे इंसानों से शर्माते और डरते भी नहीं हैं। उनकी देखभाल और सुरक्षा पर बड़ा कदम उठाया जाना चाहिए।
परिचय
तोते सिटासीडाय परिवार के सदस्य हैं, जिसमें तक़रीबन 350 से अधिक प्रजातियां होती हैं। कुछ प्रजातियों जैसे मैकॉ, एमेज़ोन, लवबर्ड, कॉकैटोस, आदि इसमें शामिल हैं। तोते की विभिन्न प्रजातियां रंगीन और अलग-अलग विशेषताओं वाली होती हैं। तोते के शरीर की ख़ास विशेषताएं होती हैं। इसकी एक मजबूत चोंच होती है, जिसके प्रत्येक पैर में चार अंगूठे होते हैं, और फिर उसके सिर पर आँखें होती हैं। वे आमतौर पर समूहों में रहते हैं और समूहों में उड़ते भी हैं। हालाँकि इनकी कुछ प्रजातियां ऐसी भी हैं जो उड़ नहीं सकती।
तोते की बुद्धिमता
पालतू के रूप में तोता
प्राचीन काल से एक तोते को पालतू पक्षी के रूप में रखने का प्रावधान रहा है। उनकी खासियत ने इंसानों को लंबे समय तक आकर्षित किया है। वे इंसान के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता रखते हैं और साथ ही बेहद समझदार भी हैं।
पक्षी को एक पिंजरे में रखना मेरे अनुसार उचित कार्य नहीं है, क्योंकि एक छोटे से पिंजरे में वो अपने जीवन की स्वतंत्रता का आनंद नहीं ले सकते। लेकिन अगर उन्हें पालतू जानवर के रूप में रखा जाता है, तो उनकी उचित तरीके से देखभाल करना आवश्यक है।
अधिकांशतः यह देखा गया है कि लोग पालतू पक्षियों को अधिक समय तक संभाल नहीं पाते हैं और दूसरों को सौंप देते हैं, और इसलिए पक्षी को कई मालिकों के साथ अपना जीवन बिताना पड़ता है।
विलुप्त होने के जोखिम पर तोते
तोते की विभिन्न प्रजातियां विलुप्त होने के जोखिम का सामना कर रही हैं और कई को लुप्तप्राय प्रजातियों के तहत वर्गीकृत कर दिया गया है। रहने की जगहों का विनाश, विखंडन, शिकार, कैद, इन प्रजातियों को विलुप्त होने की ओर ले जाने वाले मुख्य कारक हैं। तोते आमतौर पर पुराने पेड़ों की छाल में निवास करते हैं, लेकिन पेड़ों की व्यापक कटाई की वजह से ये पक्षी अपने रहने की जगहों को खोते जा रहे हैं और भोजन तथा स्थान के लिए इन्हें प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
उनके विलुप्त होने का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण है उनकी आकर्षक विशेषता, जो इन पक्षियों का वर्चस्व है। उनका उपयोग व्यापार उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
वे बीजों के फैलाव और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इसलिए इन पक्षियों को संरक्षित करने की अत्यंत आवश्यकता है अन्यथा; भविष्य में उन्हें देख पाना तक मुश्किल हो जाएगा।
निष्कर्ष
तोते हमारी जैव विविधता में खूबसूरती जोड़ते हैं। युवा तोते दिखने में बहुत रंगीन और प्यारे होते हैं। हमें अपनी तरफ से प्रयास करना चाहिए कि पक्षियों को पिंजरों में बंद नहीं करना चाहिए। उन्हें भी स्वतंत्रता का आनंद लेने देना चाहिए। इसके अलावा यदि कोई एक पक्षी को पालतू जानवर के रूप में रख रहा है, तो उन्हें इसकी देखभाल और स्वतंत्रता भी सुनिश्चित करनी चाहिए।