विभिन्न प्रकार के नेटवर्किंग साइट्स और वर्चुअल एप्लीकेशन के समूह को ही सोशल मीडिया कहा जाता है। सोशल मीडिया एक प्रकार का आभासी यंत्रजाल है जिसमें सैकड़ों भाषाओं में करोड़ों साइट्स और एप्लीकेशन मौजूद हैं। आज हम एक निबंध के माध्यम से सोशल मीडिया पर चर्चा करेंगे जिसका प्रयोग आप सभी अपने स्कूलों में सोशल मीडिया पर वाद विवाद (Debate/Speech on Social Media Boon or Bane) में, UPSC जैसी अन्य की परीक्षाओं (Social Media Boon or Bane Essay UPSC) के लिए कर सकते हैं।
उम्मीद करता हूँ ये निबंध आपके लिए उपयोगी होगा।
प्रस्तावना
वर्तमान समय में सोशल मीडिया सबसे तेजी से विस्तार करने वाले वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म के रूप में उभरा है। सोशल मीडिया का विस्तार दुनिया के हर उस कोने तक है जहां इंसान मौजूद है। आज के समय में सोशल मीडिया बाकी सभी प्लेटफॉर्म्स से कहीं ज्यादा विकसित है और इसपर लोगों की अथाह भीड़ इसे और भी अधिक विशाल बनाती है। सोशल मीडिया लोगों की दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन चुका है जिसे अब खत्म करना असंभव सा लगता है। सोशल मीडिया बहुत से लोगों के जीवन में मनोरंजन, शिक्षा और अवसर के रूप में मौजूद है।
सोशल मीडिया क्या है? (What is Social Media?)
सोशल मीडिया या सामाजिक मीडिया वर्तमान समय में सभी के जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है जिसके बिना प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को अधूरा महसूस करने लगा है। लोगों में सोशल मीडिया के प्रति इस प्रकार का लगाव उन्हें इसपर निर्भर बना रहा है। सोशल मीडिया लोगों के शिक्षा, मनोरंज, आय तथा कार्यक्रम संचालन मंच आदि का एक सुविधाजनक जरिया है। सोशल मीडिया लोगों का काम और अधिक आसान बनाने के साथ साथ अपनी तरफ इतना आकर्षित करता है कि लोग इसके पीछे अपनी रोजाना जिंदगी का एक कीमती वक्त गवा देते हैं।
सोशल मीडिया का भारत में उदय (Rise of Social Media in India)
वर्ष 2004 में फेसबुक कि शुरुआत होने के बाद जब फेसबुक का आगमन भारत में हुआ तभी से भारत के लोगों का सोशल मीडिया की तरफ आकर्षण बढ़ता नजर आया। लोगों ने फेसबुक को खूब पसंद किया उसके बाद 2006 में विडियो स्ट्रीमिंग सोशल मीडिया ऐप यूट्यूब की शुरुआत हुई जिसे भी लोगों ने भारी संख्या में इस्तेमाल किया और धीरे धीरे यह लोगों के लिए मनोरंजन और आय का साधन बन गया। समय बढ़ने के साथ साथ ट्विटर, व्हाट्सएप, टिंडर, इंस्टाग्राम, टिक-टॉक आदि सोशल मीडिया एप्लीकेशन्स आते रहे और लोग सोशल मीडिया के धारा में बहते चले गए।
सोशल मीडिया की वर्तमान स्थिति (Current Status of Social Media)
वर्तमान समय में सोशल मीडिया का विस्तार इस प्रकार से है कि लोग जगने के बाद से लेकर सोने से पहले तक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। सोशल मीडिया से लोगों का लगाव इस प्रकार का है कि अब बहुत से लोग अपनी पूरी दिनचर्या को तस्वीर या चलचित्र के माध्यम से सोशल मीडिया पर प्रेषित करते हैं। लोगों ने क्या खाया है, क्या पहना है, कहाँ घूमने गए हैं आदि चीजें सोशल मीडिया पर साझा करने के साथ साथ वो वर्तमान समय पे क्या महसूस कर रहे हैं, ये तक सोशल मीडिया पर साझा करते हैं।
अगर आंकड़ों की बात करें तो बीते दो वर्षों में व्हाट्सएप पर 10%, यूट्यूब पर 12%, फेसबुक पर 6%, इंस्टाग्राम पर 8% तथा ट्विटर पर 5% उपयोगकर्ताओं का इजाफा हुआ है। नए सर्वेक्षणों के अनुसार भारत में तकरीबन 44.8 करोड़ लोग सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। अगर भारत के छात्रों की बात करें तो लगभग 37.6 करोड़ छात्र सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। विश्व भर के यूट्यूबर्स में 16% यूट्यूबर्स अकेले भारत के हैं यह जनसंख्या लगभग 22.5 करोड़ की है।
हमारे जीवन में सोशल मीडिया की भूमिका या महत्व (Role or Importance of Social Media in Our Life)
वर्तमान समय में सोशल मीडिया हमारे जीवन में हमारी एक गहरी आदत की तरह बन चुकी है। सोशल मीडिया ने आज के दौर में लगभग सभी क्षेत्रों में अपनी एक अहम भूमिका निभाई है। बात चाहे आईटी सेक्टर की, कृषि सेक्टर की, चिकित्सा क्षेत्र की या फिर शिक्षा क्षेत्र की करें हर कहीं सोशल मीडिया किसी न किसी रूप से अपनी हिस्सेदारी निभाती है।
सोशल मीडिया के माध्यम से लोग पिछड़े से पिछड़े इलाकों से अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने रख सकते हैं। लोगों को सोशल मीडिया के जरिए आय के एक से एक अवसर प्राप्त हो जाते हैं। सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जिसकी मदद से लोग अपने घर एक कमरे में बैठकर लाखों का आय कर सकते हैं। आज के समय में किसी भी कार्यक्रम को प्रसारित करने का एक बेहतरीन मंच है सोशल मीडिया।
सोशल मीडिया के लाभ (Advantage of Social Media)
सोशल मीडिया के प्रमुख लाभ निम्नलिखित है-
सोशल मीडिया के नुक्सान (Disadvantage of Social Media)
सोशल मीडिया के प्रमुख नुक्सान निम्नलिखित हैं-
सोशल मीडिया – वरदान या अभिशाप (Social Media is a Blessing or Curse)
दुनिया में किसी भी चीज का आविष्कार कभी भी अभिशाप के रूप में नहीं किया जाता। अब तक जीतने भी आविष्कारकों ने अपने आविष्कार किए उन सभी की अपने आविष्कार को लेकर एक समाज के लिए एक बेहतर मंसा ही रही है। कोई भी वस्तु एक अच्छे और भले उद्देश्य से बनाई जाती है लेकिन वह वस्तु एक वरदान साहिब होगी या अभिशाप ये तो उस व्यक्ति के हाथों में जाने के बाद पता चलेगा कि उस व्यक्ति ने उस वस्तु का किस तरह से इस्तेमाल किया।
बहुत से लोग फेसबुक व्हाट्सएप आदि का प्रयोग अच्छे सूचनाओं को साझा करने के लिए करते हैं तो वहीं कुछ लोग सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलाने का काम करते हैं लेकिन इस बात से इनकार करना गलत होगा कि फेसबुक व्हाट्सएप आदि का निर्माण अच्छे उद्देश्य के लिए किया गया है। अगर सोशल मीडिया को गलत हाथों में जाने से रोक लिया जाए या उन गलत मानसिकता वाले लोगों को थोड़ी समझ आ जाए तो सोशल मीडिया शत प्रतिशत एक वरदान कहलाएगा परंतु अभी के समय में सोशल मीडिया को सिर्फ वरदान कहाँ भी सही नहीं होगा। सोशल मीडियाका कुछ हिस्सा ऐसा है जो समाज को किसी न किसी रूप से क्षति पहुंचा रहा है।
निष्कर्ष
सोशल मीडिया पर जिस प्रकार की निर्भरता इस वक्त लोगों की है उसे देखकर तो यही अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में सबसे अधिक विकसित प्लेटफ़ॉर्म सोशल मीडिया का ही होने वाला है। भले ही आज कल सारे काम सोशल मीडिया पर होते हैं लेकिन हमें अपना कम से कम समय ही वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म पर देना चाहिए तथा हमें ज्यादा से ज्यादा भौतिक रूप से सक्रिय रहना चाहिए। सोशल मीडिया के सीमित और सही इस्तेमाल से ही ये एक वरदान की तरह साबित होगा। सोशल मीडिया पर इस आर्टिकल (Article on Social Media Boon or Bane) के साथ साथ हमारी साइट www.hindikiduniya.com पर और भी बहुत से निबंध मौजूद हैं जिनसे आपको काफी मदद मिल सकती है।
उत्तर – सोशल मीडिया हजारों साइट्स और एप्लीकेशन का आभासी यंत्रजाल है।
उत्तर – विश्व में लगभग 450 करोड़ जनसंख्या सोशल मीडिया पर सक्रिय है।
उत्तर – वेबइंडेक्स के अनुसार हर व्यक्ति प्रतिदिन औसतन 2 घंटे 24 मिनट सोशल मीडिया पर देता है।
उत्तर – फेसबुक का संचालन वर्ष 2004 से शुरू हुआ।
उत्तर – व्हाट्सएप का संचालन वर्ष 2009 से शुरू हुआ।