हम सभी का जीवन अच्छे और बुरे अनुभवों का एक मिश्रण है। मुझे लगता है, कि हर किसी के जीवन में कुछ ऐसा अवश्य हुआ होगा जो की अविस्मरणीय होगा। इस प्रकार की अविस्मरणीय चीजें या तो अच्छी या बुरी भी हो सकती है। इस प्रकार का अनुभव हमारी यादों से कभी नहीं मिटता और यह जीवन भर हमें याद रहती है। इस तरह की घटनाएं हमारे पुरे जीवन को अच्छे या बुरे में परिवर्तित कर देती है। मैं आशा करता हूं कि आप सभी के जीवन में वो दिन या एक ऐसी घटना अवश्य हुई होंगी जिसे भूलना बहुत ही मुश्किल होता है।
मेरे मन में भी कुछ अविस्मरणीय यादें हैं, लेकिन उनमें से एक ऐसी घटना है जिसे मैं अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकता हूं। इस विषय पर मैंने इस निबंध के माध्यम से विस्तार पूर्वक चर्चा की है। मुझे यकीन है कि इस विषय के बारे में इस निबंध के माध्यम से आपको बहुत सहायता मिलेगी।
परिचय
मुझे आज भी वो दिन याद है जब मैंने पहली बार विश्वविद्यालय में कदम रखा था। जो सपना मैंने बचपन से देखा था वो उस दिन साकार हो गया था। उस दिन का अनुभव मुझे आज भी याद है। हम सभी के जीवन में कुछ खास दिन होते है, जो हमें हमेशा याद रहता है।
उस दिन की यादें
मै गांव में पला बढ़ा था और मेरी प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई थी। मेरा विश्वविद्यालय शहर में था। विश्वविद्यालय का वातावरण मेरे लिए बिल्कुल नया था। मेरे हाथ में मेरा परिचय पत्र था, जिसे लेकर मै विश्वविद्यालय के विभाग में गया और मेरा पहली कक्षा शुरू होने वाली थी। उस कक्षा में में बैठना मेरे लिए सौभाग्य था और यहां से मेरे करियर की शुरुआत हुई। मैंने वहां मित्र बनाये और गुरुओं का सम्मान किया। आज मै ऊंचे पद पर हूँ। आज भी मुझे मेरा वो पहला दिन याद है।
उस दिन की सीख
उस दिन मैंने यह जाना कि अगर आप सपने देखते है और उन सपनो को पूरा करने के लिए परिश्रम करते है तो सपने सच हो जाते है। उस दिन मै इसका प्रत्यक्ष प्रमाण था। उस दिन के बाद से मुझे आगे की शिक्षा प्राप्त करने और जीवन जीने के लिए एक नई ऊर्जा मिल गई।
निष्कर्ष
सभी के जीवन में कुछ ऐसे पल होते है, जो उनके लिए बहुत खास होते है। हमें उन पलों को याद रखना चाहिए और उन पलों से सीखना भी चाहिए। हमारे जीवन के ये खास पल हमारे जीवन में खुशियों के स्त्रोत होते है। इन पलों का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व होता है।
परिचय
हमारे जीवन में दिन और समय बहुत ही तेजी के साथ बीतता हैं। हमारे जीवन का हर दिन एक जैसा नहीं होता है। अगर हम बीते दिनों के बारे में सोचे तो बीता हर दिन कैसा था, यह हमें ठीक से याद नहीं रहता। जीवन में कुछ दिन ऐसे भी होते हैं, जिसे हम आसानी से कभी नहीं भुला सकते और यही यादें एक अमिट याद बन जाती है। जब हम अपने जीवन की ऐसी घटनाओं को फिर से याद करते हैं, तो वो घटनाएं या तो हमें खुश कर जाती हैं या बहुत उदास कर देती हैं। यह सब हमारे उस बीते दिन के अनुभव पर निर्भर करता है।
अविस्मरणीय स्मृति क्या है?
मुझे उम्मीद है कि इस दुनिया में हर किसी ने ऐसा नहीं सोचा होगा कि एक असामान्य दिन उनके जिंदगी का सबसे यादगार दिन बन जाएगा। ये हमारी जिंदगी का एक ऐसा पल है जो हमारे जिंदा रहने तक हमारी यादों में हमारे साथ रहती है। यह एक अच्छी या बुरी यादों के रूप में हो सकती है।
यदि यह जीवन की एक अच्छी और सुखद यादों के रूप में होती है तो हम चाहते हैं कि हम जीवन भर इसे साथ रखें, और यदि यह एक दुखद पल के रूप में हो तो हम कभी नहीं चाहते कि यह हमारे साथ रहें। ऐसे दोनों ही मामलों में, घटना हमारे लिए एक अविस्मरणीय घटना के रूप में शामिल हो जाती है। जब कभी भी हमसे अपने किसी अविस्मरणीय दिन के बारे में कोई सवाल करता है तो, जो हम अपने जीवन की वो घटनाएं सबसे पहले याद आती है जिन्हें हम कभी भी भुला नहीं पाते है।
मेरा अनुभव: मेरे जीवन में अविस्मरणीय दिन
मैं अपने जीवन में एक दिन की यादें आपके साथ साझा करना चाहता हूं, जिसे मैं अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकता हूं। वास्तव में जो मेरे जीवन में जो हुआ मैं नहीं चाहता कि ऐसा और किसी के साथ हो। जीवन में जब भी मैं उस घटना को याद करता हूं तो मैं बहुत ही दुखी हो जाता हूं। मेरे नियमित जीवन में यह दिन भी एक सामान्य जीवन की ही तरह था।
उस दिन मैं सुबह जल्दी उठा और स्कूल जाने के लिए तैयार हुआ था। हमेशा की तरह सब कुछ सामान्य रूप से था। मेरा क्लास खत्म हुआ और मैं कुछ समय दोस्तों के साथ बिताने के बाद मैं अपने घर वापस आ गया था। उस दिन मैं अपने कोचिंग क्लास के लिए नहीं गया, क्योंकि मैं थका हुआ था और अच्छा महसूस नहीं कर रहा था।
शाम का समय था और मैं अपने परिवार के साथ बैठकर चाय पी रहा था। तभी अचानक किसी ने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी, वह मेरे ही पड़ोस की चाची थी। उन्होंने हमें बताया कि मेरे ही स्कूल के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है और उसका पोस्टमॉर्टम का मामला उनके पति की निगरानी में किया जा रहा है। यह खबर सुनकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, मैं थोड़ा दुखी भी हुआ पर मैं जो कर रहा था उस कार्य को जारी रखा।
चौंकाने वाली खबर – उस दिन मेरे पिताजी के मोबाईल पर एक फोन आया था, क्योंकि उन दिनों मेरे पास अपना कोई निजी मोबाइल फोन नहीं था। बाद में मेरे पिताजी ने जो कुछ भी कहा मैं वो सब सुनकर चौक गया। आत्महत्या करने वाला छात्र कोई और नहीं बल्कि मेरा सबसे अच्छा दोस्त था। यह सब सुनकर वास्तव में मैं समझ नहीं पा रहा था कि मैं क्या करूँ और क्या कहूं। मैंने जो कुछ भी सुना मुझे उस बात पर विश्वास ही नहीं हुआ। मुझे वो सब दिन याद आने लगे जो दोपहर को हमने आपस में एक साथ बिताया करते थे।
मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि यह मेरी आखिरी मुलाकात होगी जब मैं उससे दोपहर को मिला था। मैं इस खबर से इतना स्तब्ध था कि मैं कुछ बोल नहीं पा रहा था और मैं रो भी नहीं पा रहा था। उसके घर जाने और उसके शव को देखने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी। क्योंकि यह एक आत्महत्या का मामला था इसलिए यह एक पुलिस केस बन गया था। मामले की जांच के लिए पुलिस हमारे स्कूल परिसर में आ कर हमें 2-3 बार पूछताछ भी कर चुकी थी।
बाद में यह पता चला कि वह डिप्रेशन में था। मैं उसके डिप्रेशन के बारे में जानता था पर मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि वो इस प्रकार अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला लेगा। वो स्कूल का बहुत ही मेधावी छात्र था। उसकी आत्मा की शांति के लिए स्कूल में एक दिन की छुट्टी भी रखी गयी थी। मेरी जिंदगी का सिर्फ वो ही दिन नहीं बल्कि मेरा वह पूरा महीना ही खराब रहा। उन दिनों मैं कई रातों को चैन से सो भी नहीं सका।
मेरे दोस्त ने अपने जन्मदिन के ठीक एक दिन पहले आत्महत्या कर ली। मैं बहुत ही उदास और दुखी था, क्योंकि मैंने अपने सच्चे हुए एक अच्छे मित्र को खो दिया था। इसके साथ ही मैं बहुत ही गुस्से में भी था। मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि वह इतना डरपोक होगा कि आत्महत्या जैसी घटना को अंजाम देगा। बाद मैं मैंने खुद को यह सांत्वना देकर समझाया कि यह प्रकृति और नियति का खेल है, इसे कभी कोई बदल नहीं सकता है।
उस दिन का मेरे जीवन में प्रभाव – उस दिन हुई घटना की वजह से मैंने अपने जीवन में कभी किसी को अपना सबसे अच्छे दोस्त बनाने की कभी कोशिश नहीं की। ये सब कुछ इतना अचानक से हुआ की मैं अन्दर से बहुत ही स्तब्ध रह गया। उस दिन के बाद मैं थोड़ा डरा-डरा सा भी रहने लगा। उस दिन से मैं हमेशा ही सोचता हूं कि इस जिंदगी का कोई भरोसा नहीं की इसके साथ कब क्या हो जायेगा। इसके बाद उस दिन से मेरे मन में किसी अपने का खोने का डर हमेशा ही मेरे मन में बना रहता है।
उस दिन के बाद से मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं अपनी जिंदगी में किसी को ऐसी जगह नहीं दे सकता या उसे अपना नहीं बना सकता। मेरे अंदर एक नकारात्मकता का डर मेरे भीतर आ गया था। वह आज और हमेशा ही मेरी यादों के साथ जिन्दा रहेगा। मुझे अपने जीवन में उस दिन की यादों को दूर करना बहुत ही मुश्किल सा लगता है। मैं उसके संग बिताये लम्हों को याद करके बहुत ही दुखी हो जाता हूं और मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपने आपको उसके लिए कभी माफ नहीं कर पाउँगा।
क्या अविस्मरणीय यादें हमारे लिए खास होती हैं?
मनुष्य इस धरती पर ईश्वर की रचना का सबसे महत्वपूर्ण रूप है। इस पृथ्वी पर केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जिसे भगवान के द्वारा मस्तिष्क प्रदान किया गया है, जो हमारी यादों की क्षमता को एकत्रित करके रखती है। हमारे जीवन में जो भी घटनाएं होती है वो या तो सुखःद होती है या दुखद। जीवन में यादे हमेशा खाश होती हैं, ये यादें हमें कभी सुखद तो कभी दुखद एहसास कराती हैं क्योंकि ये हमारे जीवन की पिछली घटनाओं के बारे में होती है जो हमारी यादों में शामिल होती हैं।
ऐसा हो सकता है कि उनमें से कुछ यादें मुस्कान लिए संजोई होती हैं तो कुछ हमारी आखों को नम कर जाती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये हमें हमारी पिछली घटनाओं और हमारे पिछले जीवन के अनुभवों से हमें जोड़ता है। इस प्रकार ये यादें हमारे लिए बहुत ही खास होती हैं।
निष्कर्ष
मेरे सबसे अच्छे दोस्त की मृत्यु वाला दिन मेरे जीवन में कभी भी न भूलने वाली एक स्मृति है। यह सबकुछ इतना अचानक हुआ कि मैं इसे कभी नहीं भूल सकता हूं। यह एक ऐसा दिन था जब मुझे अपने जीवन में अपने एक अच्छे दोस्त के खोने का एहसास को समझा। मैं आशा करता हूं कि अब वो जहा भी होगा, जिस दुनिया में होगा खुश होगा। मैं भगवान से उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। भगवान उसके माता-पिता को उसके खो जाने के दर्द को सहने की हिम्मत दें और उन्हें अपने बेटे के रूप में हुई क्षति से उनको उबारे।