जैसे की सच बोलना किसी व्यक्ति की पहचान बन जाती है, उसी प्रकार सदाचार भी आपको समाज में एक अलग नाम और पहचान दिलाता है। हम सदैव अच्छे गुणों को सीखने के लिये अग्रसित रहते हैं और हमे उन गुणों में सदाचार को भी जरुर शामिल करना चाहिए।
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परिचय
सदाचार एक ऐसा विषय है जो हर मनुष्य को जरुर सीखना चाहिए और इसकी उपयोगिता हर उम्र के लोगो को कही न कही जरुर होती है। एक बच्चे के चरित्र का निर्माण बचपन से ही होने लगता है और सबसे पहला जगह उसका घर होता है, उसके बाद वह स्थान जहाँ वो खेलता है और आस पास के लोग। बच्चे हर जगह से कुछ न कुछ सीखते रहते हैं इसलिये अभिभावकों को यह ध्यान देते रहना चाहिए की बच्चे कुछ गलत न सीखे।
सदाचार का महत्त्व
सदाचार का महत्त्व हमारे जीवन में बहुत अधिक होता है। कई बार लोग हमे हमारे नाम से अधिक व्यवहार से जानते हैं। जैसे की हम कही जा रहे हों तो रास्ते में कोई बीच में खड़ा हो, तो हम उसे डटने या उचें स्वर में बात करने से अच्छा है की नम्रता से बोले और हमारे बोलने के अंदाज मात्र से सामने वाला हमारे व्यहार का अंदाजा आसानी से लगा सकता है। सदाचार आपके व्यक्तित्व को परिभाषित करता है।
जीवन जीने का सही तरीका
कई बार लोगों को यह बात सताती है की जीवन को सही तरीके से कैसे जीया जाये? तो उत्तर यह है की एक व्यक्ति को अपने जीवन में अच्छा आचरण, वाणी में मधुरता और जीवन को सयंम के साथ जीना चाहिए। क्योंकि वो उसका व्यक्तित्व ही होता है जो अमर होता है और ये सदाचार के माध्यम से ही आता है। जीवन में पैसे बहुत लोग कमाते हैं परंतु नाम कम ही कमा पाते हैं।
निष्कर्ष
सदाचार जीवन जीने का सही तरीका है और हम सबको इसका पालन करना चाहिए। आपके व्यवहार में शालीनता आपके जीवन को और आनंद से भर देती है। ऐसे लोगों से हर कोई बात करना चाहता है जिसका व्यवहार उत्तम हो। बच्चों को शुरू से सदाचार सिखायें और जीवन में नेक कर्म करने की प्रेरणा देते रहें।
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परिचय
कहते हैं की यदि मनुष्य का कोई सबसे अच्छा मित्र हो सकता है तो वो है सदाचार। क्यों की यह कभी आपको धोका नहीं देगा और आजीवन एक पूंजी की तरह आपके साथ रहता है। सदाचार का अर्थ अपने बड़ो की बात मनना, अपने व्यवहार में मधुरता और दूसरों का निःस्वार्थ भाव से सेवा करना, आदि होता है। एक सदाचारी व्यक्ति सदैव जीवन में नाम कमाता है और उसे मरणोपरांत भी याद किया जाता है।
सदाचार का आपके जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव
सदाचार आपके चरित्र निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। यह आपके जीवन को तो सुंदर बनता है ही, साथ ही आपके व्यक्तित्व को भी निखारता है। एक अच्छे आचरण वाले व्यक्ति की पूछ हर जगह होती है। कई बार किसी का आचरण कोई ऐसा कार्य करवा देता है की जिसकी उम्मीद न हो। हर किसी को यह जरुर सीखना चाहिए। एक सदाचारी सदैव सभी प्रकार के बुरे कर्मों जैसे की क्रोध, ईर्ष्या, आदि से दूर रहता है और उसका जीवन सदैव सुखमयी होता है। यह कभी आपमें घमंड नहीं आने देता और बेहद निर्मल एवं शांत स्वभाव का बनाता है।
जीवन का अलंकार है सदाचार
जीवन हर कोई जीता है पर लोगों में भेद किस प्रकार पता चलता है? लोगों में अंतर उनके व्यवहार, बोलने के तरीके से, वे किस प्रकार लोगो की सहायता करते हैं, इन सब बातों से लोगों में अंतर पता चलता है। और हम कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को ही याद करते हैं जो सदैव आपकी सहायता करतें हो, आपसे मृदु वाच्य बोलते हों। ये सभी गुण आपके व्यक्तित्व को और निखार देती हैं और आपके जीवन में अलंकर की तरह काम करती हैं।
हमारे इतिहास में ऐसे कई उदहारण हैं जो इस बात को प्रमाणित करते हैं जैसे की हमारे देश के बापू। भला गांधीज को कौन नहीं जनता, उन्होंने नैतिकता की शिक्षा दी और सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। हम सब आज भी उन्हें उनके सदाचार की लिये जानते हैं। इसके अलावा इतिहास में ऐसे कई नाम दर्ज हैं जो सदाचार के बहुत अच्छे उदहारण हैं।
निष्कर्ष
हम यह कह सकते हैं की एक सदाचारी अच्छे आचरण का प्रत्यक्ष उदहारण होता है। जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाई आ जाये वे कभी पीछे नहीं भागते और डट कर मुसीबतों का सामना करते हैं। सदाचार कभी आपको मुसीबत में नहीं डालता, इस लिये अपने बच्चों को सदाचार अवश्य सिखाएं और उन्हें सदैव इसका पालन करने की सीख दें। उन्हें समाज के कल्याण का हिस्सा बनना सिखाएं और अपने जीवन का उद्देश्य केवल धन कमाना मात्र न रह कर जन हित में कुछ समय देना भी सिखाएं। यूं तो बच्चे जो देखते हैं वाही सीखते हैं, इस लिये आप भी इन बातों को प्रयोग में लायें और जीवन में कुछ अलग कर के जाएँ।
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परिचय
वैसे देखा जाये तो सदाचार शब्द सत और आचार शब्द से मिल कर बना है। जिसका शाब्दिक अर्थ अच्छा और आचरण है। यह शब्द केवल अच्छे आचरण मात्र तक सीमित नहीं है, अपितु इसका अर्थ बहुत ही व्यापक होता है। सदाचरण आपके जीवन को सही गति और दिशा देता है, जो व्यक्ति को बहुत आगे ले जाता है। ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी निराश नहीं होता। कई बार आपका व्यवहार आपके बिगड़े काम बना देता है। अर्थात हम यह कह सकते हैं की सदाचार किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं होता और हर व्यक्ति को इसे जरुर अपनाना चाहिए।
सदाचारी के गुण
एक सदाचारी कभी भी केवल अपने हित के बारे में नहीं सोचता, वह अपने साथ-साथ समाज के हित एवं कल्याण का अभिन्न हिस्सा बन जाता है। उनकी सोच स्पष्ट होती है, सदैव लोक कल्याण उनकी प्राथमिकता होती है, वे सम्पर्पण का भाव रखते हैं, सदैव सत्य के साथी होते हैं, जिनकी वाणी में शहद जैसी मिठास होती है, जो कुरूणा का सागर अपने साथ लिये फिरते है और आवश्कता पड़ने पर सदैव आपके साथ खड़े रहते हैं। हालांकि ऐसे लोग हमारे समाज में बहुत कम हैं, परंतु हैं, और हम इनकी संख्या बढ़ा सकते हैं वो भी स्वयं में ये परिवर्तन ला कर।
वे क्रोध, ईर्ष्या जैसे भावना से दूर रहते हैं और कभी किसी की बुराई करने में समय व्यतीत नहीं करते। वे किसी काम को छोटा नहीं समझते और हमेशा सबको आगे बढ़ने की शिक्षा देते हैं। वे सैदव सकारात्मक होते हैं और उनसे बात कर के हमरा भी नजरिया बदल जाता है। इतने गुणों के धनि व्यक्ति इतने आसानी से नहीं मिलते, इस लिये कोशिश करें की ऐसे विचारों को आप अपने जीवन में अवश्य लायें और दूसरों के लिये एक आदर्श आप भी बनें।
एक सदचारी व्यक्ति
एक सदाचारी व्यक्ति जीवन में सदैव आपकी मदद करता है अब वह किस रूप में आपसे मिलता है ये देखने वाली बात है;
यदि आपका मित्र सदाचारी है तो कभी भी उसका साथ न छोड़ें क्यों की वे खुद तो सत्य के राह पर चलते हैं ही साथ ही साथ आपको भी ले जाते हैं। आप यदि भटक भी जाएँ तो ये आपको भटकने नहीं देते और भगवन के किसी दूत की तरह आपका साथ देते हैं। इनमे छल नहीं होता और कभी भी आपसे आगे निकले के होड़ में आपका नुकसान नहीं करते। इस लिये ऐसे मित्र को कभी न छोड़ें।
वे आपके जीवन के सच्चे मार्गदर्शक बन जाते हैं और आपके सार्वंगिक विकास पर ध्यान देते हैं। कहने का अर्थ यह है की आप एक सदाचारी का साथ कभी न छोड़े और उनसे सीखे और अपने जीवन को भी उनके सदाचारी इत्र की तरह महकाएं।
निष्कर्ष
सदाचार को अपने जीवन में अपनाना बहुत ही बड़ी बात है और यह अचानक नहीं आता इसके लिये एकांत में बैठ के मंथन करना पड़ता है। समाज को अपना परिवार समझना पड़ता है और इस प्रकार दूसरों की मदद कर के हम सदाचार का पालन कर सकते हैं और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं।