हर साल हजारों इच्छुक उम्मीदवार इस परीक्षा को उत्तीर्ण करते है और आई.ए.एस., आई.पी.एस., और आई.ई.एस. बनते है। वे अपने माता-पिता, शिक्षकों के साथ-साथ समाज को गौरवान्वित करते है, और दूसरों को उनके जैसा बनने की प्रेरणा देते है। वास्तव में यह पोस्ट (पद) हमारे युवाओं को बहुत मोहित करता है, और इसके लिए युवाओं को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस विषय पर विभिन्न निबंध को यहां दिखाया गया है।
परिचय
एक आई.ए.एस. अधिकारी बनने का सपना हममें से कई लोगों का होता है। जब मैं इसके बारे में सोचता हूँ तो बहुत अच्छा लगता है और मैं मुस्कुराने लगता हूँ। मै जानता हूँ कि इसके लिए बहुत सारी तैयारी और एकाग्रता की जरुरत होती है, लेकिन मेरा भी दृढ़ संकल्प है और मेरा यह सपना एक दिन अवश्य पूरा होगा। यहां तक कि मेरे माता-पिता गर्व महसूस करते है, जब मैं कहता हूँ कि मैं एक आई.ए.एस. बनना चाहता हूँ। मेरे शिक्षक और सहपाठियों का मानना है कि मैं अपने इस कैरियर को लेकर पागल हूँ और निश्चित रुप से एक दिन मैं अवश्य सफल होऊंगा।
मेरी प्रेरणा
मैं एक औसत छात्र हूँ और मैं उस व्यक्ति के कारण आई.ए.एस. बनना चाहता हूँ जिसने मुझे इतना प्रभावित और प्रेरित किया था। मैं अपनी प्रथमिक कक्षाओं के लिए स्कूल आने-जाने का लिए एक रिक्शे का उपयोग करता था। तब वो रिक्शा वाले चाचा जिनकी उम्र उतनी नहीं थी जितना वे दिखते थे, लेकिन वो भोजन और वित्तीय स्थिती अच्छी न होने के कारण वो उम्र से अधिक लग रहे थे। उनका एक बेटा था, जो पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था। लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण कर दिल्ली यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति भी प्राप्त की।
अब तक वो एक औसत छात्र थे और वो अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होने 2 साल सिविल सेवाओं की तैयारी की, और मैंने उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष को देखा है। और 2 साल के बाद उन्होंने आई.ए.एस. की परीक्षा बहुत ही अच्छे रैंक के साथ सफलता पूर्वक उत्तीर्ण कर ली।
मैं यह सोचता हूँ कि आई.ए.एस. उम्मीदवारों के पास एक विशेष मस्तिष्क और कुछ सुपर मेमोरी होती है, लेकिन मैं गलत था। दरअसल, नौकरी में जाने के बाद लोगों को पैसे मिलने लगते है और वो अपने स्वास्थ की देख रेख के साथ-साथ दिखावे पर भी ध्यान देने लगते है। इसलिए वो अच्छे दिखने लगते है और वो यह सोचने लगते है कि वो विशेष सुविधा और लुक्स के साथ ही पैदा हुए है। लेकिन सत्य यह है कि वो नौकरी में आने के बाद ही इसे बनाते है और मैंने ऐसा अपनी आंखो से देखा है।
वास्तव में हम सभी को अपने जीवन में एक प्रेरणा की आवश्यकता होती है और यही आपके जीवन के सोचने के तरीके और कई अन्य चीजों को बदल देता है। यदि एक रिक्शा चालक का बेटा एक आई.ए.एस. अधिकारी हो सकता है तो मैं क्यों नही हो सकता हूँ। मैंने यह भी सीखा कि किसी परीक्षा में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
यश भी उन्ही लोगों को ही मिलता है जिन्होंने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है, और हमें उनके जैसा बनने के लिए प्रेरित किया। मैं वास्तव में अपने माता-पिता को गौरवान्वित महसूस कराना चाहता हूँ और अपने बच्चों को सफल देखना हर माता-पिता का एक सपना होता है। यह भारत में सबसे अधिक प्रशंसनीय व्यवसायों में से एक है।
परिचय
प्रत्येक बच्चे का एक उद्देश्य (लक्ष्य) होता है और वो उसे पाना चाहता है। इसी तरह से, मैं एक आई.ए.एस. अधिकारी बनना चाहता हूँ। सभी अपने सपने देखते है, और यह मेरे पिताजी ही थे, जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और इसके लाभों और महत्व के बारे में बताया था। मुझे वास्तव में यह बहुत पसंद है क्योंकि मैं खुद अपने राष्ट्र के लिए कुछ करना चाहता हूँ। एक दिन मैं आई.ए.एस. बनूंगा क्योंकि इसके लिए मैं दृढ़ संकल्प के साथ कड़ी मेहनत कर रहा हूँ।
एक आई.ए.एस. अधिकारी के कर्तव्य
यह केवल एक नौकरी वाली प्रोफाइल नही है, बल्कि यह एक तरह की जिम्मेदारी है और वास्तव में इनके कर्तव्यों को निभाने के लिए आपको सक्षम होना चाहिए। उनके द्वारा चुने गए क्षेत्र के अनुसार अपनी जिम्मेदारी का वहन करना होता है। लेकिन उनका मख्य उद्देश्य (मकसद) समाजिक सुधार और विकास है। यह एक समाज के रुप में, लोगों के समुह में, स्कूल आदि के विकास के रुप में हो सकता है। एक आई.ए.एस. अधिकारी चुने हुए एक निश्चित क्षेत्र के विकास के लिए नए नियम भी बना सकते है।
मान लीजिए कि आपको लगता है कि आपके नजदीक कोई स्कूल होना चाहिए, तो आप सरकार को सुझाव दे सकते है और इससे आप लोगों की मदद कर सकते है। इसी तरह जिस क्षेत्र में आपकी नियुक्ति होती है यह उस क्षेत्र पर निर्भर करता है। यदि यह एक सार्वजनिक क्षेत्र है तो आपको सामाजिक कार्यों का अवसर मिलेगा, जबकि यदि आप किसी केन्द्रिय स्तर पर है तो आपको सरकार के साथ नए नियम और नई नीतियां बनाने में सरकार के साथ काम करने का अवसर मिलेगा। विभिन्न मंत्रियों के अधीन आई.ए.एस. अधिकारियों का एक समुह होता है और यही अधिकारी उन्हें सलाह देते है, और ये हमारे राष्ट्र के निर्माण और विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
निष्कर्ष
यह केवल एक पोस्ट (पद) नही है बल्कि एक जिम्मेदारी और इस जिम्मेदारी के लिए मानसिक रुप से मजबूत और तैयार होना चाहिए। यहि कारण है कि आई.ए.एस. की परीक्षाएं बहुत कठिन होती है। क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और किसी भी कीमत पर समस्या का सामाधान करना होता है
परिचय
हमारे आस-पास विभिन्न प्रकार के पेशे और नौकरी है। हम में से कुछ लोग सरकारी तो वहीं कुछ साधारणतः एक निजी नौकरी के लिए जाते है। सरकारी निकाय वो है जो राज्य सरकार या केन्द्र सरकार के अधीन होते है। आई.ए.एस. भारत के सर्वोच्च सरकारी पदों में से एक है। हर साल हजारों की संख्या में छात्र इस परीक्षा में हिस्सा लेते है और अपने भाग्य को आजमाते हैं। भव्यता वर्ग वाला यह पद हर किसी को अपनी ओर मोहित करता है और लोग एक आई.ए.एस. बनना चाहते है। भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में यह भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक के रुप में जाना जाता है।
एक आई.ए.एस. बनने की पात्रता
आई.ए.एस. अधिकारी कैसे बने
अपना लक्ष्य निर्धारित करें
एक बार जब आप यह सुनिश्चित कर लेते है कि आपको सिविल की तैयारी करनी है तो आपको इसके लिए स्पष्ट और दृढ़ रहना चाहिए। आपको समय के साथ बार बार अपने लक्ष्य को नहीं बदलना चाहिए, क्योंकि यह संभव है कि आप अपने पहले प्रयास में असफल रहें, लेकिन आपको उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए। यह अभ्यास ही है जो किसी व्यक्ति को संपूर्ण बनाता है, आप मेरा विश्वास करें ऐसे कई उम्मीदवार भी है जिन्होंने अपनी छठवीं कोशिश में परीक्षा को उत्तीर्ण किया है। इसलिए अपनी विफलता को छोड़िए और आगे बढ़िए। आपका अभ्यास, सुधार ओर पुनः प्रयास ही आपको आई.ए.एस. की परीक्षा में सफल बनाने की तीन चांबियाँ है।
दूसरी बात यह कि जो लोग आपको प्रेरित करते है उन्हें कभी नही भूलना चाहिए, क्योंकि प्रेरणा भले ही आपसे दूर हो जाती है लेकिन प्रेरक हमेशा आपके साथ ही बना रहता है। इसलिए प्रेरणा खोजे और खुद पर विश्वास रखे, यह निश्चित रुप से आपकी मदद करेगा।
निष्कर्ष
एक आई.ए.एस. अधिकारी का मुख्य कर्तव्य राष्ट्र की मानसिक क्षमता के साथ उसकी सेवा करना है। वे विभिन्न समस्याओं से निपटने और जरूरतमंदों को सही समाधान देने के लिए पर्याप्त सक्षम होने की भी आवश्यकता है। इन अधिकारियों की नियुक्ति के आधार पर सरकार के साथ-साथ जरूरतमंद कोई अन्य व्यक्ति भी हो सकता है। उनकी नियुक्ति या तो किसी ग्रामीण क्षेत्र में एक डी.एम. के रुप में होती है या तो वे किसी मंत्रालय के अधीन कार्यरत होते है, वो इस बात पर भी निर्भर करता है। सामाजिक कल्याण ही उनका मुख्य उद्देश्य होना चाहिए और अपने राष्ट्र को बेहतरीन बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए। वास्तव में यह बहुत दिलचस्प प्रोफाइल है और इस परीक्षा को पास करने वाले को निश्चित रुप से उसके सर्वश्रेष्ट प्रयास के लिए जानना चाहिए।