क्या आप सोच सकते हैं कि यदि पृथ्वी पर पेड़ न होते तो क्या होता? इन पेड़ों के बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव है। पौधे और जानवर इस ग्रह पर जैविक समुदाय के दो प्रमुख रूप हैं। छोटे जीवों, मनुष्यों, बड़े जानवरों से लेकर लगभग पृथ्वी का हर प्राणी इन्हीं पेड़ों पर उनका अस्तित्व निर्भर करता है। हमें इन पौधों के महत्त्व के बारे में अधिक से अधिक जानने की आवश्यकत है। मैंने यहां पेड़ों के महत्व के बारे में एक निबंध प्रस्तुत किया है। यह निबंध छात्रों को उनके असाइनमेंट में सहायक हो सकता है।
पौधे हमारे लिए इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं पर दीर्घ निबंध (Essay on Why Plants are so Important for us in Hindi, Paudhe hamare liye etna Mahatvapurna kyon hai par Nibandh Hindi mein)
1500 Words Essay
परिचय
इस पृथ्वी पर कई तरह के पेड़-पौधे मौजूद हैं। ये पौधे पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण जैविक कारक के रूप में उपस्थित हैं। धरती के द्वारा प्रदान की गयी ये एक अनमोल उपहार के रूप में है। पेड़ के रूप में ये पृथ्वी पर कई जीवों के घर के रूप में हैं। प्रकृति के इस अनमोल इकाई का लगातार भारी विनाश वास्तव में बहुत दुःख और चिंता का विषय है। हमें अपने जीवन और इस पृथ्वी की रक्षा के लिए इन पेड़ों के विनाश के बारे में कुछ गहनीय चिंता करने की आवश्यकता हैं।
पौधे: मानव जाति के लिए प्रकृति का एक अनमोल उपहार
जब हम छोटे थे तो हमें ये भी नहीं पता था कि पौधों में भी जीवन होता है और यह हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण होता हैं। बाद में हमें बताया और पढ़ाया गया कि पौधे भी हमारी तरह जीवित जीव हैं, पर वो मनुष्य की तरह अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं। वो सभी चुपचाप इस धरती पर रहने वाले सभी प्राणियों की देखभाल और उनकी जरूरतों को पूरा करते हैं। अधिकांश पौधों के पत्तों का रंग हरा होता हैं और वो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया कर खुद ही अपना भोजन बनाते हैं।
इन पौधों में जान होती हैं पर ये एक स्थान से दूसरे स्थान तक चल कर नहीं जाते हैं। वो अपनी मजबूत जड़ों के कारण एक जगह स्थिर रहते हैं। बाद में वो बड़े होकर एक बड़े पेड़ का रूप लेते हैं। जड़ी-बूटियां, झाड़ियां छोटे और बड़े पेड़ पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के पौधों के रूप हैं। पौधों की विशेषताएं उनके मिलने के स्थान अनुसार भिन्न होती हैं। पृथ्वी पर मौजूद हर तरह के पौधे हमारे लिए हर तरह से आवश्यक और विशेष होते हैं।
पौधों का महत्त्व
पौधे इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं। पृथ्वी पर जीवों के विकास के समय से ही यह उनके लिए बहुत ही आवश्यक हैं। हमारे जीवन में पौधों का कितना महत्त्व है मैंने निचे सूचीबद्ध किया हैं।
- सभी जीवों के लिए भोजन प्रदाता
हरे पौधे स्वपोषी कहलाते हैं। वो सूर्य के प्रकाश से अपना भोजन स्वयं ही बना सकते हैं। पशु और मनुष्य अपने भोजन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन पौधों पर ही निर्भर रहते हैं। पौधों को उत्पादक भी कहा जाता है। मनुष्य अपनी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाने का काम करता है। पौधे हमें विभिन्न प्रकार के अनाज, दालें, फल, सब्जियां आदि हमें प्रदान करते हैं। विभिन्न प्रकार के पौधों से उत्पाद पृथ्वी पर रहने वाले जीवों के लिए भोजन देते हैं। अगर हम मांसाहारी की बात करें तो वो भी अप्रत्यक्ष रूप से इन पौधों पर ही आश्रित होते हैं, क्योंकि वो पशु अपने भोजन के लिए इन पेड़-पौधों को ही खाते हैं।
- हमारे लिए ऑक्सीजन प्रदाता
ऑक्सीजन एक प्राकृतिक गैस है, जो जीवों के जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह वह गैस है जो जीवों के श्वसन के लिए बहुत ही आवश्यक है। ऑक्सीजन के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होगा। पौधे ही हमारे जीवन के लिए एकमात्र ऑक्सीजन के प्रदाता के रूप में जाने जाते है। वो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपने खाद्य प्रक्रिया के उत्पादन में हमारे लिए ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं।
- लकड़ी और अन्य उत्पाद प्रदान कराते है
इन पेड़ों से हमें विभिन्न प्रकार के लकड़ियां प्राप्त होती हैं, जिसे हम विभिन्न प्रकार के फर्नीचर और अपने रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग में लाते हैं। ये सभी प्रकार की चीजें हमें इन पेड़ों से ही प्राप्त होती है। विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे हमें तेल, रबर, कपड़े, रेशे, इत्यादि प्रदान करते हैं जिनका उपयोगी हम अपने जीवन जीने के तरीकों में करते है।
- दवाई बनाने के उपयोग में
झाड़ियों और पौधों के रूप में हमें कई प्रकार की जड़ी-बूटियां और औषधियां प्राप्त होती हैं। इन पौधों के विभिन्न भाग जैसे – पत्ते, छाल, फल आदि के द्वारा विभिन्न रोगों को दूर करने के लिए दवाएं तैयार करने और प्राकृतिक तरीके से इनका उपयोग उपचार के लिए किया जाता हैं। प्राचीन समय में लोग शरीर के घाव या अन्य ऊपरी या अंदर की बीमारियों को ठीक करने के लिए पौधों के अंगों को निकले रस को सीधे तौर पर इस्तेमाल करते थे।
- मृदा अपवर्तन रोकने में सहायक
पौधे मिट्टी के ऊपरी परत को अपनी जड़ों से बांधे रखती हैं और उनकी परत को बनाये रखने में सहायक होती हैं। पौधे और वनस्पतियों की जेड़े मिट्टी को बांधे रखती हैं और वर्षा से मिट्टी के कटाव को रोकती हैं। इसके अलावा पौधे वर्षा के जल को सोखती हैं और अपवाह और अपव्यय को रोकने में मदद करती हैं। जड़े वर्षा के जल को अवशोषित कर लेती है, जो बाद में पेड़ों के पोषण में काम आती है। इस तरह से हमारे भूमि का जलस्तर भी बढ़ता है और उस जल को पिने के काम में भी लाया जाता है।
- आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण
विभिन धर्मों में कई पौधों को बहुत ही पवित्र माना जाता है। कुछ पौधों के फूलों को भी पवित्र माना जाता हैं, जिसका उपयोग भगवान की पूजा के लिए किया जाता हैं। ऐसे पौधे आध्यात्मिकता के साथ प्रकृति की सुंदरता को भी एक नया रूप देते हैं। विभिन्न प्रकार के पौधों से भरा प्राकृतिक नजारा हमारे तन और मन को आनंदित और खुशी प्रदान कराता है।
पौधे: प्राकृतिक वायु शोधक होते हैं
उधोगों से निकलने वाला जहरीला धुआं, वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन और अन्य कई तरह की गैसे हमारे आसपास के वातावरण की गुणवत्ता को बिगाड़ देती हैं। इस प्रकार की गैसे वातावरण में जीवित जीवों के अस्तित्व के लिए बहुत खतरनाक होती हैं। इन गैसों में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड हमारे ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। ग्रीनहाउस भी एक ऐसा कारक है जो हमारे वातावरण के ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। पौधे अपना भोजन बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं और ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं। पौधे हमारे वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को ज्यादा से ज्यादा अपने अंदर लेने का काम करते हैं। वो वायु में प्रदूषण पैदा करने वाली गैसीय प्रदूषकों को अवशोषित कर पर्यावरण की शुद्धता को बनाये रखती हैं।
पौधे पृथ्वी पर जलचक्र का निर्माण करते हैं
महासागरों, नदियों और अन्य जल निकायों से जल का सीधा वाष्पीकरण होता है और पौधे इस जल को फिर से धरती पर लाने में काफी सहायक होते हैं, इसे ही जलचक्र कहते है। पौधे पृथ्वी पर जल विज्ञान चक्र को विनियमित करने में भी अपना योगदान देते हैं। पौधों से वाष्पोत्सर्जन के रूप में जो पानी निकलता है, वो हमारी हवा में वाष्पित हो जाता है। वह पानी जो पृथ्वी के अंदर मौजूद होते है वो पेड़ों की जड़ों द्वारा अवशोषित किया जाता है। इस प्रकार मिट्टी के अंदर भूमिगत जल भी पृथ्वी के जलचक्र के नियंत्रण में अपना योगदान देता है। वाष्पोत्सर्जन की घटना वर्षा के परिणामस्वरूप हमारे वातावरण को ठंडा रखने में भी सहायक होती है।
क्या मानवीय गतिविधियां पौधों की प्रजातियों को विलुप्ति के कगार पर ले जा रही हैं?
मानवीय गतिविधियां जैसे औद्योगीकरण, शहरीकरण, इमारतों और अन्य परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पेड़-पौधों के विनाश का कारण बन रही हैं। इंसानों के स्वार्थ के कारण पौधों की कई प्रजातियां इस धरती से विलुप्त हो चुकी हैं। हम उन पेड़-पौधों को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं जो चुपचाप हमारी हर आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। एक आरामदायक जीवन के लिए और मनुष्यों की अनेक इच्छाओं ने पेड़ों को अत्यधिक कटाई की है और अपने व्यावसायिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वनस्पतियों की कई प्रजातियों को खत्म कर दिया है।
वनों की अत्यधिक कटाई से लाखों जीवों को अपने घरों से बेघर और भूखा रहना पड़ रहा है जिनका अस्तित्व केवल उन्हीं पेड़ों पर निर्भर करता हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पृथ्वी कई जीवों और वनस्पतियों का घर हैं, जो एक साथ रहते है और एकदूसरे पर निर्भर रहते हैं। हमें अपने लालच के लिए अन्य जीवों के अस्तित्व को खतरे में डालने का कोई अधिकार नहीं है।
पौधों का संरक्षण करना इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है और प्रकृति के प्रति की गई हमारी लापरवाही की प्रतिपूर्ति के लिए यह सबसे अच्छा माध्यम है कि हमें अपने जीवन के लिए पौधों के महत्त्व को समझने की आवश्यकता हैं। वनों की कटाई और उनके विलुप्त होने से पौधों की हानि पृथ्वी पर जीवित जीवों के अस्तित्व को बहुत प्रभावित करेगी।
निष्कर्ष
पौधे पृथ्वी के हर एक जीवों को अपनी ओर से कुछ न कुछ दे रहे है और इसक बदले में उन्हें कुछ नहीं मिलता हैं। वो हमें सब कुछ मुफ्त में देते हैं और इस उम्मीद में जीते हैं की हम उनकी देखभाल करेंगे। मुझे यह बताते हुए बहुत दुःख होता है कि मनुष्य प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भूल गया है। पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन तभी मौजूद होता है जब की प्रत्येक इकाई संतुलित अवस्था में हो। हमें पौधों को कटने और विलुप्त होने से बचाने का प्रयास करना चाहिए और अधिक से अधिक पौधे लगाने और जंगलों के फैलाने में सहयोग करना चाहिए।