हम मे से कुछ लोग आकाश को छूना चाहते है तो कुछ आसमान तक पहुचना चाहते है। लेकिन मैं यहां आकाश के नीले रंग के रहस्य के बारे मे बताना चाहता हूं। हम मे से बहुत से लोग इस तथ्य और कुछ अन्य तथ्यों के कारण अलग-अलग रंगों और उसकी तरंग दैर्ध्य के बारे मे कोई नही जानता है। इन निबंधों को पढ़े और जानें की आसमान नीला क्यों है।
आकाश नीला क्यों है पर लघु और दीर्घ निबन्ध (Short and Long Essays on Why the Sky is Blue, Aakash Neela kyon hai par Nibandh Hindi mein)
निबन्ध 1 (250 शब्द) – आकाश नीला क्यों है?
परिचय
हमारे इन्द्रधनुष मे अलग-अलग रंग होते है और ये सभी एक साथ मिलकर दुनिया को बहुत खूबसूरत बनाते है। यहां पत्तियों, महासागर, आकाश, आदि जैसी कई चीजों के लिए कुछ चुने रंग होते है। हम मे से बहुत से लोग अब इस रहस्य को सुलझाना चाहते है कि किसी चीज का रंग ऐसा क्यो होता है। वास्तव मे हमारा ब्रम्हान्ड बहुत रहस्यमयी है, हमे इसके बारे मे हर दिन कुछ नयी चीजों का पता चलता है।
आकाश का रंग (The Colour of the Sky)
आकाश के नीले रंग के पीछे एक विज्ञान है। जैसा कि हम जानते है कि हमारे सूर्य की किरणों मे सात रंग होते है और जब ये वायुमंडल मे पहुँचते है, तो ये सारे रंग बिखर जाते हैं। जिस रंग मे बिखराव अधिक होता है, वह लाल और निले रंग का होता है। जिसके कारण हमे आकाश के ज्यादातर जगहों पर नीला रंग दिखाई देता है।
सात रंग क्या है (What are the Seven Colours)
लाल और नीले रंग के अलावा सूरज की किरणों से निकलने वाला अन्य रंग है बैगनी, जामुनी (इंडीगों), नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। और जो भी अन्य रंग हमे दिखायी देता है वो सभी प्रमुख रंगो मे समायोजित होता है।
क्योकि लाल रंग अन्य रंगो की तुलना में कम तितर-बितर होता है, इसलिए इसका उपयोग सड़को पर साइन बोर्ड पर किया जाता है। इनको वाहनों के पीछे भी देखा जा सकता है। क्योकि यह बहुत कम तितर-बितर होता है इसलिए इसे दूर से ही देखा जा सकता है।
निष्कर्ष
यह हमारी प्रकृति है जिसने हमे ऐसे सुन्दर रंग भेट किए है और इसके परिणामस्वरुप आकाश हमे नीला और पर्यावरण हमे हरा दिखाई देता है, आदि। ये सभी चीजे एक चमत्कार की तरह दिखती है जो कि विज्ञान का एक हिस्सा है। आजकल प्रदुषण के कारण हम अपने वातावरण के मूल सुंदरता को नही देख पाते है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी पृथ्वी और प्रकृति की रक्षा करे।
निबन्ध 2 (400 शब्द) – नीले आकाश के पीछे का विज्ञान
परिचय
नीला रंग हम मे से कई लोगों का पसंदीदा रंग होता है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि यह रंग कहां से आया है? हममे से अधिकांश लोग आकाश को छूना चाहते है, लेकिन क्या किसी ने आकाश के किनारे को कभी देखा है? इस तरह के प्रश्न कभी-कभी मुझे विस्मित कर देते है और वास्तव मे मै इसके पीछे के कारणों को जानना चाहता हूं। आइए इसके पीछे के विज्ञान के बारे मे हम कुछ विस्तृत जानकारी देते है।
रंग का विज्ञान
हमारे आसपास कई रंग है, या हम कह सकते है कि आप कई रंगो को देखते है। कभी-कभी आपने यह अवश्य देखा होगा कि आपने एक ड्रेस खरीदी थी और वह शोरुम मे कुछ गहरे रंग की दिख रही थी और जब आपने उसे घर मे पहना तो वह थोड़ी हल्के रंग की दिखी। यह विशेष तौर पर आनलाइन शॉपिंग के दौरान होता है। क्या आप इसके पीछे का कारण जानते है? वास्तव मे यह प्रकाश का जादू है। कम या ज्यादा प्रकाश की उपस्थिति मे कपड़े का रंग बदला हुआ दिखाई देता है।
इसी प्रकार जब विभिन्न रंग सूर्य की किरणों से परावर्तित होती है तो वो बिखर जाती है और इस कारण हम विभिन्न रंगों को देख सकते है। अब सवाल यह उठता है कि आपको आकाश नीला क्यो दिखाई देता है?
जब सूरज से किरणों का उत्सर्जन होता है और जब यह हमारे वातावरण मे पहुचती है, तो वायुमंडल मे मौजूद छोटे-छोटे कणो की मदद मे यह अपवर्तित हो जाती है। प्रकाश तरंगों के रुप मे यात्रा करती है और आगे यही सफेद किरणे अलग-अलग रंगों मे हवा मे बिखर जाती है। इन सातों रंगों मे नीला रंग सबसे अधिक बिखरता है। इसी का नतीजा है कि आकाश हमे नीला दिखाई देता है। जब आप वायुमंडल से बाहर जाएंगे तो वातावरण का कमी के कारण आपको सबकुछ काला दिखाई देने लगता है। वातावरण के अभाव मे बिखराव की प्रकिया मे बाधा पहुचती है और परिणाम स्वरुप हम कुछ भी नहीं देख पाते है।
यह किसने खोजा?
जॉन टिंडल वह व्यक्ति थे जिन्होंने इस घटना की खोज की थी और इसे रेले (Rayleigh scattering) बिखराव के रुप मे नामित किया। उन्होने 1859 मे इस बारे मे बताया था। वास्तव मे यह सबसे महत्वपूर्ण खोजों मे से एक था जो कि हमारे वातावरण मे आम तौर दिखाई देने वाले रंग विज्ञान के पीछे के कई वैज्ञानिक कारणों के बारे मे बताया था। क्योकि इस बिखराव के कारण ही समुद्र नीला, सूर्यास्त मे कई रंग और ईन्द्रधनुष आदि दिखाई देते है।
निष्कर्ष
विज्ञान ने हमारे लिए कई चीजों को आसान बना दिया है और दिन-प्रतिदिन नये खोजों और अविष्कारों ने न केवल हमारे जीवन को आसान बनाया है बल्कि हमे नयी चीजों को सीखने मे भी हमारी मदद करता है। इस प्रकार कि विस्तृत जानकारी कई मायनों मे हमारे लिए बहुत सहायक होती है। आप विज्ञान से हमेशा जुड़े रहिए और यह हमेशा आपको अपने चमत्कारों से विस्मित करता रहेगा।
निबन्ध 3 (600 शब्द) – आकाश का वास्तविक रंग क्या है?
परिचय
यह विज्ञान ही है जिसके कारण हमने दुनिया के बारे मे जाना, विभिन्न स्थानों, विभिन्न खोजों इत्यादि के बारे मे जाना है, और उनमे से एक रंग विज्ञान भी है। यह रंग विज्ञान हमे रंग के बारे मे बताता है। मान लिजिए कि कुछ पीले रंग का दिखता है, तो उसके पीछे का कारण क्या हो सकता है? यह सब आज के दिनों मे काफी आसान हो गया है लेकिन कुछ दशक पहले यह केवल एक रहस्य था। इसी तरह आकाश और उसके रंग के पीछे का केवल एक विज्ञान है। यह केवल आकाश नही है, बल्की महासागर भी इसी कारण से नीला दिखाई देता है। पृथ्वी स्वंय ही एक नीला ग्रह है।
नीले रंग का इतिहास (History of Blue Colour)
1859 मे जॉन टिंडल ने जब इसकी खोज की थी तो पृथ्वी पर आकाश नीला ही क्यो दिखाई दिया। लेकिन नीले रंग के खोज के पीछे एक इतिहास है। पिरामिड मिस्र की सभ्यता कि एक निशनी है और कुछ कलाकारों ने उसी के आधार पर कॉच के छोटे पिरामिड भी बनाये थे। नतीजतन, उन्होने यह देखा कि जब सूरज की किरणे पिरामिड मे प्रवेश करती है तो वो बिखर जाती है। उनहोने नीले रंग पर ध्यान दिया क्योकि यह सबसे अधिक फैला हुआ था। यह पहला मौका था जब लोगों ने नीले रंग पर ध्यान दिया।
हमारे आकाश का मुख्य रंग क्या है? (What is the Real Colour of Our Sky)
हमारे वायुमंडल मे कई परतें है और कुछ पानी की बूंदे भी यहां हर जगह मौजूद है। जब सूर्य की किरणें हमारे वायुमंडल मे प्रवेश करती है तो यह अपवर्तित हो जाती है और बिखर जाती है। यह बिल्कुल कांच के पिरामिड की तरह ही होता है और नीले रंग का बिखराव सबसे अधिक होता है और इसी कारण आकाश नीला दिखाई देता है। मूल रुप से यह सफेद रौशनी ही है जिसमे सातों रंग शामिल होते है।
प्रकाश की किरणे तरंग के रुप मे आगे की ओर चलती है और विभिन्न रंगो के अलग-अलग तरंग दैर्ध्य होते है। नीले रंग की तरंग दैर्ध्य सबसे छोटी होती है इसी कारण उसमे बिखराव अधिक होता है। उदाहरण के लिए आप लाल रंग के सिग्नल को दूर से ही देख सकते है, और आपने लाल रंग से लिखे कई साइन बोर्ड देखे होंगे। ऐसा इसलिए होता है कि लाल रंग वायुमडंल मे बहुत कम बिखरता है जिसके कारण यह हमे दूर से ही नजर आ जाता है।
अंतरिक्ष से आकाश कैसा दिखता है (How does the Sky Look from Space)
उपरोक्त वैज्ञानिक कारणों को देखते हुए हम यह कह सकते है कि आकाश रंगहीन है और हमारे वातावरण के कारण ही हमे नीला दिखाई देता है। हम सभी को अपने वातावरण का शुक्रगुजार होना चाहिए जिसकी वजह से हमारी दुनिया इतनी खुबसुरत दिखाई देती है। जब अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष मे जाते है तो हमारे पृथ्वी के आसपास के वातावरण की कमी के कारण अंतरीक्ष से आकाश काला दिखाई देता है। वायुमंडल हमारे ग्रह पर बहुत महत्वपुर्ण भुमिका निभाते है लेकिन हम अपने वायुमंडल की परवाह नही करते है।
हमे अपने ग्रह का ध्यान रखना होगा और प्रदुषण नियंत्रण के तरीकों पर काम करना होगा। अन्यथा हमारे वायुमंडल के ओजोन की परत को नुकसान होगा और इसके कारण हमे हमेशा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इन दिनों कुछ हानिकारक गैसो के कारण हमारा वातावरण काफी गर्म हो गया है। जिसके कारण हमारे वातावरण मे प्रकाश कम उपस्थित रहता है और यही कारण है कि हमारा आकाश जैसा दिखना चहिए वैसा दिखता नही है। कोविड-19 को कुछ हद तक श्रेय जाता है जिसने हमारे वातावरण को स्वचछ बनाया और हमें आकाश का मूल रंग नीला रंग दिखाई देता है।
जॉन टिंडल ने आकाश के नीले रंग की खोज कैसे की (How ‘John Tyndall’ Discovered the Blue Colour of the Sky)
जॉन एक वैज्ञानिक थे और वो अपने कई प्रयोगो के कारण जाने जाते है। एक बार उन्होने दो टेस्ट ट्यूब का इस्तेमाल किया और टेस्ट ट्यूब को ऐसे पकड़ा कि सूर्य की किरणे एक दूसरे मे जा गिरी। इस तरह से उन्होने देखा कि एक छोर से नीला दिखाई दे रही थी, जबकि दूसरी तरफ से लाल दिखाई दे रही थी। इस शोध से उन्होने हमारे आकाश के नीले रंग होने के कारण को स्पष्ट किया।
निष्कर्ष
मै यह कह सकता हूं कि रंग हमारे जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और इन विभिन्न रंगो के बारे मे हमे एक विशेष धारणा रखनी होगी। एक बात का मै अवश्य उल्लेख और करना चाहूंगा और वो है विज्ञान। वास्तव मे विज्ञान और तकनीक ने हमारे जीवन को बहुत ही सरल और सहज बना दिया है। जब किसी चीज के बारे मे हमे सही व्याख्या मिलती है तो सारी चीजें स्पष्ट हो जाती है। यदि उसकी खोज नही की जाती तो कई अन्य प्रयोग नही किए जा सकते थे। वास्तव मे विज्ञान केवल प्रगति के लिए जाना जाता है, और यह कभी नही रुकता है। पृथ्वी से आकाश के नीले रंग का दिखने का कारण हल हो गया और वो द्रव्यमान पर नही चले गए है।