कौमी एकता सप्ताह 2022
कौमी एकता सप्ताह 2022 में शनिवार (19 नवंबर) से शुक्रवार (25 नवंबर) तक मनाया जाएगा।
कौमी एकता सप्ताह
कौमी एकता सप्ताह या राष्ट्रीय एकता सप्ताह पूरे भारत में हर साल 19 नवंबर से 25 नवंबर तक मनाया जाता है। कौमी एकता सप्ताह के पूरे सप्ताह के समारोह के दौरान विशिष्ट विषयों से संबंधित प्रत्येक दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। कुछ कार्यक्रम जैसे बैठकों, सेमिनारों, संगोष्ठियों, विशेष रूप से महान कार्यों, सांस्कृतिक गतिविधियाँ इस समारोह की विषय-वस्तु (राष्ट्रीय एकता या कौमी एकता सप्ताह, धर्मनिरपेक्षता, अहिंसा, भाषाई सौहार्द, विरोधी सांप्रदायिकता, सांस्कृतिक एकता, कमजोर वर्गों के विकास और खुशहाली, अल्पसंख्यकों के महिला और संरक्षण के मुद्दों) को उजागर करने के लिए आयोजित की जाती है। सप्ताह के उत्सव राष्ट्रीय एकता की शपथ के साथ शुरू होता है।
कौमी एकता सप्ताह और सार्वजनिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की ताकत को मजबूत करने के लिए और बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है। पूरे सप्ताह का समारोह पुरानी परंपराओं, संस्कृति और सहिष्णुता की कीमत और भाईचारे की भारतीय समाज में एक बहु-धार्मिक और बहु सांस्कृतिक धर्मों की पुष्टि करने के लिए सभी को एक नया अवसर प्रदान करता है। ये सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए भी देश में निहित शक्ति और लचीलेपन को उजागर करने में सहायता करता है।
राष्ट्रीय एकता समारोह के दौरान भारत की स्वतंत्रता और ईमानदारी को संरक्षण और मजबूत करने की प्रतिज्ञा ली जाती है। प्रतिज्ञा में ये दृढ़ निश्चय किया जाता है कि सभी प्रकार के मतभेदों के साथ ही भाषा, संस्कृति, धर्म, क्षेत्र और राजनीतिक आपत्तियों के विवादों को निपटाने के लिये अहिंसा, शांति और विश्वास को जारी रखा जायेगा।
पूरे सप्ताह समारोह के शीर्षक हैं:
- 19 नवंबर को राष्ट्रीय एकता दिवस।
- 20 नवंबर को अल्पसंख्यक कल्याण दिवस।
- 21 नवंबर को भाषाई सद्भाव दिवस।
- 22 नवंबर को कमजोर वर्गों का दिवस।
- 23 नवंबर को सांस्कृतिक एकता दिवस।
- 24 नवंबर को महिला दिवस।
- 25 नवंबर को संरक्षण दिवस।
कौमी एकता सप्ताह भारत में कैसे मनाया जाता है
कौमी एकता सप्ताह समारोह की शुरुआत चिह्नित करने के लिए प्रशासन द्वारा एक साइकिल रैली आयोजित की जाती है। पूरे सप्ताह के समारोह का उद्देश्य पूरे भारत में अलग संस्कृति के लोगों के बीच अखंडता, प्रेम, सद्भाव और भाईचारे की भावना का प्रसार करना है। साइकिल रैली में पूरे देश से विभिन्न स्कूलों से छात्र और गैर सरकारी संगठनों से स्वयंसेवक भाग लेते हैं।
कौमी एकता सप्ताह 19 नवंबर से शुरु होकर 25 नवंबर तक मनाया जाता है। कौमी एकता सप्ताह के अंतर्गत विद्यालयों, सरकारी कार्यलयों तथा संस्थानों में संगोष्ठी, भाषण, नाटक मंचन जैसे विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जिसमें लोग देश की एकता और अखंडता के वर्तमान परिदृश्य को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हैं। इसके साथ ही इसके उन्नति के लिए किए जा सकने कार्यों के विषय में चर्चा करते हैं तथा कार्यक्रम में अंत में सभी लोग मिलकर राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए शपथ लेते है।
इसके अलावा कौमी एकता सप्ताह के विभिन्न दिनों में निम्मलिखित प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है
- कौमी एकता सप्ताह के अंतर्गत 19 नवंबर को एकता दिवस के पर्व पर संप्रदायवाद विरोधी थीम और गोष्ठियां आयोजित की जाती है।
- 20 नवंबर को अल्पसंख्यक कल्याण दिवस के अवसर पर दंगा संभावित शहरों में सौहार्द जुलूस निकाला जाता है।
- 21 नवंबर को भाषाई सौहार्द दिवस पर साक्षरता कार्यक्रम तथा कवि सम्मेलन आयोजित किये जाते हैं।
- 22 नवंबर को कमजोर वर्ग दिवस के उपलक्ष्य पर भूमिहीन श्रमिकों को जमीन वितरण का कार्य किया जाता है।
- 23 नवंबर को राष्ट्रीय एकता दिवस पर भारतीय विविधता को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
- 24 नवंबर को महिला दिवस के इस दिन भारतीय समाज और राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के भूमिका बताने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- इसी तरह इस सप्ताह के आखरी दिन यानी 25 नवंबर को सरंक्षण दिवस मनाया जाता है और इस दिन लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता लाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
इसके अलावा गृह मंत्रालय के स्वशासी संगठन नेशनल फाउण्डेशन फॉर काम्युनल हॉरमोनी द्वारा कौमी एकता सप्ताह के दौरान साम्प्रदायिक सौहार्द अभियान चालाया जाता है और इसके आखिरी दिन 25 नवंबर को साम्प्रदायिक सौहार्द झंडा दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
कौमी एकता सप्ताह भारत में क्यों मनाया जाता है
कौमी एकता दिवस देश भर में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। मुख्यतः इसके अंतर्गत राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत बनाने, सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने और देश को उदारता तथा धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को बढ़ाने का कार्य किया जाता है। जैसा कि हम जानते हैं हमारा देश विविधताओं से परिपूर्ण है और हमारे देश में विभिन्न भाषओं, धर्मों, जातियों और संप्रदायों के लोग रहते हैं, इसलिए यह काफी आवश्यक है कि हममें एकता तथा आत्मीयता की भावना हो और हम-एकदूसरे के साथ भाईचारे के साथ रहें।
कौमी एकता का यह सप्ताह हमारे देश के विविधता में एकता के संदेश को चरितार्थ करने का कार्य करता है। यह हमारे देश के विभिन्न लोगों में एकता की भावना को बढ़ाने का कार्य करता है तथा इस बात पर जोर देता है कि हम एक-दूसरे के प्रति जाति, भाषा या धर्म के आधार पर किसी तरह का भेदभाव ना करें। इसके साथ ही अपने देश के लोगों में एकता और अखंडता को बनाये रखने के लिए कार्यरत रहें और यहीं बातें कौमी एकता सप्ताह को मनाने का मुख्य कारण है।
कौमी एकता सप्ताह का महत्व
कौमी एकता सप्ताह का यह पर्व हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह पर्व ना सिर्फ तमाम संप्रदायों के मध्य सद्भावना बढ़ाने का कार्य करता है बल्कि की लोगो भाईचारा और एकता के भावना को भी बढ़ाता है। यह सप्ताह 19 नवंबर को राष्ट्रीय एकता दिवस से शुरु होकर 25 नवंबर संरक्षण दिवस को खत्म होता है। यह पर्व हमारे देश के विभिन्न जातियों, धर्मों और संप्रदायो को एकसाथ लाने का कार्य करता है क्योंकि हम एक-दूसरे से भिन्न होकर भी एक ही है और हमारी असली पहचान हमारी राष्ट्रीयता यानी की हमारा भारतीय होना है तथा हमारी एकता ही हमारी असली शक्ति है। यहीं कारण है कौमी एकता का सप्ताह हमारे लिए इतना महत्व रखता है और हमें इसे भव्य तरीके से मनाना चाहिए।