विश्व रक्त दाता दिवस 2021 पूरे विश्वभर के लोगों द्वारा 14 जून, सोमवार को मनाया गया।
विश्व रक्त दाता दिवस 2019 का विषय “सभी के लिए सुरक्षित रक्त” था। यह थीम दुनिया भर की सभी सरकारों, हेल्थ केयर संस्थानों और ब्लड बैंकों को उन सभी रोगियों के लिए रक्त की पर्याप्त मांग को पूरा करने के लिए कार्यवाही का आह्वान था, जिन्हें रक्त आधान की आवश्यकता हो।
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इस वर्ष विश्व रक्त दाता दिवस के लिए मेजबान देश रवांडा था। इस गौरवपूर्ण अवसर के लिए वैश्विक कार्यक्रम का आयोजन 14 जून को किगाली, रवांडा में हुआ।
इस महत्त्वपूर्ण दिन को मनाया जाता है ताकि , रक्तदान के बारे में लोगो में जागरूकता बढ़े और उन सभी लोगों को धन्यवाद देने के लिए, जिन्होंने आपने जीवन कॉल में कभी रक्तदान किया है और अनेको कीमती जीवन को बचाया है। इस माध्यम ने लोगों को रक्तदान करने के लिए भी प्रोत्साहित किया ताकि वे अपना योगदान किसी और के जीवन बचाने में दे सकें।
मणिपाल के कस्तूरबा अस्पताल में एक डोनर हेल्थ क्लिनिक का शुभारंभ किया गया और 08 जून को इस अवसर पर रक्तदाताओं को सम्मानित भी किया। लोगों को प्रेरित करने और रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस अवसर पर एक रक्तदान जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था।
डब्ल्यूएचओ फिलीपींस ने मौके से पहले विश्व रक्तदाता दिवस का निरीक्षण करने के लिए 13 जून को फिलीपींस रक्त केंद्र में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया। डब्ल्यूएचओ ने दुनिया भर के लोगों से स्वेच्छा से रक्तदान करने और कीमती जीवन बचाने का भी आग्रह किया।
अमर उजाला फाउंडेशन ने इस अवसर पर 100 से अधिक शहरों में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। लोगों द्वारा दान किया गया रक्त सरकारी अस्पतालों के रक्त बैंकों को दिया गया था। इस आयोजन का समर्थन मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा किया गया था।
14 जून को पूरे विश्व के बहुत सारे देशों में लोगों के द्वारा हर वर्ष विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है। इसे हर वर्ष 14 जून को 1868 में पैदा हुए कार्ल लैंडस्टेनर के जन्मदिन पर मनाया जाता है। स्वस्थ व्यक्ति के द्वारा स्वेच्छा से और बिना पैसे के सुरक्षित रक्त दाता (इसके उत्पाद सहित) की जरुरत के बारे में लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य से वर्ष 2004 में पहली बार इस कार्यक्रम को मनाने की शुरुआत की गयी थी। रक्त दाता इस दिन एक मुख्य भूमिका में होता है क्योंकि वो जरुरतमंद व्यक्ति को जीवन बचाने वाला रक्त दान करते हैं।
वर्ष 2004 में “विश्व स्वास्थ्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संघ तथा रेड क्रिसेंट समाज” के द्वारा 14 जून को वार्षिक तौर पर मनाने के लिये पहली बार इसकी शुरुआत और स्थापना हुयी। पर्याप्त रक्त आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षित और बिना भुगतान वाले रक्त दाता, स्वेच्छा से रक्त-दान देने वाले को बढ़ावा देने, अपने बहुमूल्य कदम के लिये रक्त-दान करने वाले को धन्यवाद कहने के लिये पूरे विश्व के सभी देशों को प्रोत्साहित करने के लिये 58वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में 2005 में मई महीने में इसके 192 सदस्य राज्यों के साथ डबल्यूएचओ के द्वारा विश्व रक्त दाता दिवस की आधिकारिक रुप से स्थापना की गयी थी।
कार्ल लैंडस्टेनर (एक महान वैज्ञानिक जिन्होंने एबीओ रक्त समूह तंत्र के अपने महान खोज के लिये नोबल पुरस्कार प्राप्त किया है) के जन्मदिवस को याद करने के लिये साथ ही साथ राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इसको मनाने के लिये सभी रक्त दाताओं को एक अनमोल मौका प्रदान करने के लिये विश्व रक्त दाता दिवस लाता है।
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पूरी दुनिया में कहीं भी जरुरतमंद व्यक्ति के लिये रक्त-आधान और रक्त उत्पाद आधान की जरुरत को पूरा करने के लिये विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है। ये अभियान हर साल लाखों लोगों की जान बचाता है और रक्त प्राप्त करने वाले व्यक्ति के चेहरे पर एक प्राकृतिक मुस्कुराहट देता है। रक्त-आधान लंबे और गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के लिये उन्हें प्रेरित करता है और कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी जीवन से जुड़े खतरों से पीड़ित मरीज को मदद प्रदान करता है। ये पूरे विश्वभर में ढ़ेर सारी जटिल मेडिकल और सर्जिकल प्रक्रिया को सुलझा देता है। गर्भावस्था से पहले और बाद के दौरान महिलाओं का ध्यान रखने के लिये ये अभियान एक बड़ी जीवन बचाने वाली भूमिका निभाता है।
“अपने राष्ट्रीय रक्त सेवा, फ्रैंकाइस डू सैंग (इएफएस)” के माध्यम से फ्रांस के द्वारा विश्व रक्त दाता दिवस 2013 को मनाया गया था। फ्रांस 1950 से ही स्वैच्छिक और बिना भुगतान वाले रक्त-दान के प्रचार के कार्य में शामिल था। वर्ष 2013 के उत्सव का नारा था “जीवन को उपहार दो: रक्त-दान करें” जब मरीजों के लिये रक्त-दान के मूल्यों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए इसने अपने 10वें वर्षगाँठ की घोषणा की थी।
दान दिये गये रक्त का इस्तेमाल गंभीर रुप से रक्त की कमी से जूझ रही महिला, बच्चे, दुर्घटना के दौरान अत्यधिक खून बह जाने के बाद पीड़ीत को, सर्जिकल मरीज को, कैंसर पीड़ीत को, थैलेस्सेमिया मरीज को, हिमोफिलीया से पीड़ीत लोग, लाल खून की कोशिका की कमी, खून की गड़बड़ी, खून का थक्के की गड़बड़ी से जूझ रहे लोगों को दिया जाता है।
उचित दान के लिये पर्याप्त रक्त के प्रबंधन के दौरान बहुत सारे जीवन के खतरों की चुनौतियों का सामना एक पर्याप्त रक्त आपूर्ति से रहित जगह करती है। खून की पर्याप्त आपूर्ति और इसके उत्पादों को स्व-प्रेरित, बिना भुगतान वाले और स्वैच्छिक रक्त दाताओं के द्वारा नियमित और सुरक्षित दान के द्वारा ही केवल पूरा किया जा सकता है।
विश्व रक्त दाता दिवस के कुछ उद्देश्यों को यहाँ नीचे दिया गया है:
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पूरे विश्वभर में रक्त दान के महत्व के साथ ही साथ सुरक्षित रक्त आधान की जरुरत के लिये लोगों को जागरुक बनाने के लिये हर वर्ष विश्व रक्त दाता दिवस को मनाया जाता है। इसे मनाने के लिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ढ़ेर सारी क्रिया-कलाप और कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
स्वास्थ्य देख-भाल संगठन जैसे “विश्व स्वास्थ्य संगठन, रेड क्रॉस अंतरराष्ट्रीय संघ और रेड क्रीसेंट समाज (आईएफआरसी), रक्त दाता संगठन का अंतरराष्ट्रीय संघ (आईएफबीडीओ) और रक्त आधान का अंतरराष्ट्रीय समाज (आईएसबीटी)” वैश्विक स्तर पर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिये एक-साथ काम करती हैं।
बहुत वर्षों से यूरोप के परिषद के द्वारा अभियान को मनाने की तैयारी की जाती है। पूरे विश्वभर में लगभग 92 मिलियन लोगों के द्वारा रक्त दान करने के बावजूद सुरक्षित रक्त आधान की जरुरत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। सार्वजनिक स्थलों, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में क्रिया-कलापों में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन, सभा, परिचर्चा, बहस, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, समाचार पत्रों में संबंधित लेखों और कहानियों का प्रकाशन, वैज्ञानिक सम्मेलन, पूरे विश्वभर में लेखों का प्रकाशन, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक जर्नल, खेल क्रिया-कलाप और दूसरी विज्ञापन-संबंधी गतिविधियाँ शामिल रहती हैं।
विश्व रक्त दाता दिवस पर कथन