प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (प्राईम मिनिस्टर क्रॉप इनश्योरेंस स्किम)
भारतीय अर्थव्यवस्था के कृषि प्रधान होने के कारण भारतीय सरकार ने समय-समय पर कृषि के विकास के लिये अनेक योजनाओं को शुरु किया, जिसमें से कुछ योजनाएं, जैसे: गहन कृषि विकास कार्यक्रम (1960-61), गहन कृषि क्षेत्र कार्यक्रम (1964-65), हरित क्रान्ति (1966-67), सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (1973) आदि। लेकिन इन सभी योजनाओं के बाद भी कृषि क्षेत्र की अनिश्चिताओं का समाधान नहीं हुआ, जिससे आज 21वीं सदी में भी किसान सुरक्षित नहीं है।
[googleaddsfull status=”1″]
मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से भारत के हरेक क्षेत्र में विकास के प्रोत्साहन के लिये अनेक योजनाओं को शुरु किया है, जिसमें किसानों की फसल के संबंध में अनिश्चितताओं को दूर करने के लिये, भारत के प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने, 13 जनवरी 2016, बुद्धवार को, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (प्राईम मिनिस्टर क्रॉप इनश्योरेंस स्किम) को मंजूरी दे दी। ये योजना 13 जनवरी को लोहड़ी (किसानों का त्योहार) के शुभ अवसर पर भारतीय प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी द्वारा किसानों के लिए तौहफा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुयी हानि को किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम करायेगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंन्द्र मोदी, द्वारा शुरु की गयी योजना है, जिसके शुरु करने के प्रस्ताव को 13 जनवरी 2016, को केन्द्रीय मंत्रीपरिषद ने अपनी मंजूरी दी है। इस योजना के लिये 8,800 करोड़ रुपयों को खर्च किया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत, किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिये 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करेगा।
प्राईम मिनिस्टर क्रॉप इनश्योरेंस स्किम, पूरी तरह से किसानों के हित को ध्यान में रख कर बनायी गयी है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के खिलाफ किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की किस्तों को बहुत नीचा रखा गया है, जिनका प्रत्येक स्तर का किसान आसानी से भुगतान कर सके। ये योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है, वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिये किसानों को 5% प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों के त्योहार लोहड़ी, मकर संक्रान्ति, पोंगल, बिहू के शुभ अवसर पर भारतीय किसानों के लिये उपहार है। किसानों के कल्याण के लिये इस फसल बीमा योजना में शामिल किये गये मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं:
[googleadds status=”1″]
पूरे विश्व में भारतीय व्यवस्था सबसे अनोखी अर्थव्यवस्था को धारण किया हुये है। भारतीय अर्थव्यवस्था को कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था कहा जाता है क्योंकि भारत की लगभग 71% जनसंख्या कृषि आधारित उद्योगो से अपना जीवन यापन करती है साथ ही पूरे विश्व में लगभग 1.5% खाद्य उत्पादकों का निर्यात भी करता है। भारत दूसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पादक देश है जो सकल घरेलू उत्पादन का लगभग 14.2% आय का भाग रखता है। इस तरह, ये स्पष्ट हो जाता है कि भारत की लगभग आधी से ज्यादा जनसंख्या और देश की कुल राष्ट्रीय आय का लगभग 14% आय का भाग कृषि से प्राप्त होता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था को एक मजबूत आधार मिलता है। अतः कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कही जाती है।
भारत में कृषि की इतनी अधिक महत्ता के बाद भी भारतीय कृषि, प्रकृति की अनिश्चित कालीन दशा पर निर्भर है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से भारतीय सरकार ने देश के विकास के लिये औद्योगिकीकरण पर विशेष बल दिया जिसमें कहीं न कहीं कृषि पिछड़ गयी, हांलाकि, कृषि के विकास के लिये भी भारतीय सरकार ने अनेक कार्यक्रम चलाये जिसमें हरित क्रान्ति (1966-67 में शुरु) किसानों की फसल के लिये सबसे बड़ी योजना थी, जिसने कृषि के क्षेत्र में एक नयी क्रान्ति को जन्म दिया और भारत में गिरती हुयी कृषि की अवस्था में सुधार किया।
लेकिन सरकार द्वारा किये गये इतने प्रयासों के बाद भी भारतीय कृषि संरचना की स्वरुप में बदलाव नहीं हुआ। हांलाकि, भारत में कृषि के विकास से संबंधित अनेक योजनाएं अस्तित्व में है, किन्तु वो पूरी तरह से किसानों के कृषि संबंधित जोखिमों और अनिश्चिताओं को कम नहीं करती हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बहुत हद तक प्राकृतिक आपदाओं (जैसे: सूखा, बाढ़, बारिश आदि) से किसानों को सुरक्षा प्रदान करती है। ये पुरानी योजनाओं में व्याप्त बुराईयों को दूर करके बीमा प्रदान करने वाले क्षेत्रों और बीमा के अन्तगर्त आने वाली सभी फसलों की सही-सही व्याख्या करती है।
किसानों के सबसे बड़े त्योहारों के समय में, पी.एम. मोदी ने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को, केन्द्रीय मंत्रीपरिषद से पारित कराकर, भारतीय किसानों के लिये बहुत बड़ी सौगात दी है। ये योजना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण योजना है क्योंकि ये भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार कृषि से जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऐसे समय में अस्तित्व में आयी है जब भारत दीर्घकालीन ग्रामीण संकट का सामना कर रहा है, इसलिये इस योजना के कैबिनेट से पास हो जाने के तुरंत बाद से महत्व खुद-ब-खुद बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त इस योजना के कुछ प्रमुख महत्व और लाभ निम्नलिखित है:
[googleadsthird status=”1″]
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सन्दर्भ में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं ने अपने विचार ट्वीटर पर साझा किये हैं, जो निम्नलिखित है:
“प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों के हित में सरकार द्वारा लिया गया ऐतिहासिक निर्णय है।” – राजनाथ सिंह।
“किसान बहनों-भाईयों आप सब जब लोहड़ी, पोंगल, बिहु जैसे अलग-अलग त्योहार मना रहे हैं, तब सरकार की ओर से एक भेंट – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।” – नरेन्द्र मोदी।
“प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: आपदाओं को बढ़ाया गया – जल भराव, फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान के भरपाई को शामिल किया गया।” – नरेन्द्र मोदी।
“ये एक ऐतिहासिक दिन है, मेरा मानना है कि किसानों के कल्याण से प्रेरित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन लायेगी।” – नरेन्द्र मोदी।
“प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अब तक जितनी योजनाएं थी उनकी विशेषताओं को तो समाहित करती ही है लेकिन साथ ही जो कमियाँ थी उनका प्रभावी समाधान भी देती है।” – नरेन्द्र मोदी।
“अब तक की सबसे कम प्रीमियम दर, सरल टेक्नालॉजी जैसे मोबाइल फोन का उपयोग कर नुकसान का त्वरित आंकलन, निश्चित समय सीमा में पूरे दावे का भुगतान।” – नरेन्द्र मोदी।
“किसान बहनों-भाईयों और भी कई पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा से जुड़ना सरल है, लाभ लेना सुगम है। आप जुड़िये जरुर।” – नरेन्द्र मोदी।
“स्वतंत्रता के बाद ये पहली बार है, कि फसल बीमा योजना का सरलीकरण और किसानों द्वारा सामना की जाने वाली अन्य समस्याओं को सुधारा गया है।” – बी.जे.पी. अध्यक्ष अमित शाह।
“हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के किसानों से किये गये वादे को नया फसल बीमा – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लाकर पूरा करने के लिये बधाई देते हैं। ये नया बीमा फलों और सब्जियों को भी शामिल करता है।” – रघुबर दास।