प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

Pradhan Mantri Mudra Yojana

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आजकल की वो खबर है, जिसके बारे में लोग जानना चाहते है कि, मुद्रा योजना क्या है?, इसके लिए आवेदन करने के लिए क्या मानदंड है?, ब्याज की दर क्या है?, आवेदन करने की क्या प्रक्रिया है?, और आवेदन पत्र कहाँ से प्राप्त होगा? आदि। इस तरह के सवालों के लिए यह लेख, उन लोगों के लिए एक विवरण की तरह है, जो इसके बारे में अधिक जानना चाहते है। हम अपने इस लेख के माध्यम से प्रधानमंत्री योजना क्या है, इसके क्या लाभ है, और इसके लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं आदि की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना या मुद्रा बैंक योजना

भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, ने भारतीय सरकार में आते ही भारत को विकास की ओर उन्मुख करने के लिए अनेक योजनाएं लागू की है, जिनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं; जन-धन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्वच्छ भारत अभियान, कौशल विकास योजना आदि हैं। भारत में स्वरोजगार को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने, 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की घोषणा की जिसके अन्तर्गत गरीबों को अपना कारोबार चलाने के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य कुटीर उद्योगों को और अधिक विकसित करके रोजगार के स्तर को बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना क्या है?

प्रधानमंत्री मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी या सूक्ष्‍म इकाई विकास पुनर्वित्‍त एजेंसी) योजना की घोषणा, 8 अप्रैल 2015 को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा, सिडबी बैंक की रजत जयंती के अवसर पर की गई थी। मुद्रा की पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी या सूक्ष्‍म इकाई विकास पुनर्वित्‍त एजेंसी है। यह योजना छोटे कारोबारियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सभी छोटी वित्त संस्थाओं जो कुटीर उद्योगों को विनिर्माण, व्यापार एवं सेवा गतिविधियों के लिए ऋण प्रदान करते हैं, के विकास और पुनर्वित्त के लिए जिम्मेदार है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तगर्त, एक मुद्रा बैंक की स्थापना संवैधानिक संस्था के रुप में की गई है, जो अपने शुरुआती चरणों में सिडबी बैंक की ईकाई के रुप में कार्य करेगा। यह बैंक प्रधानमंत्री योजना में 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करेगा।

मुद्रा बैंक की रुप-रेखा और कार्यप्रणाली

प्रधानमंत्री मोदी जी, ने लघु उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा बैंक को स्थापित किया है, जिसके अन्तर्गत सभी प्रकार के छोटे स्तर के व्यापारियों को ऋण प्रदान किया जाएगा। इसकी ब्याज की दर प्रचलित दरों से 1.5% – 2% तक कम हो सकती है। मुद्रा बैंक के कामकाज की रूपरेखा के बारे में निर्णय लेने के लिए संबंधित हितधारकों की बैठक आयोजित की गयी थी। वित्तीय सेवा विभाग में सचिव डॉ. हसमुख अधिया की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की गयी थी, जिसमें सूक्ष्म वित्त संस्थानों, एन.बी.एफ.सी, बैंकों, नाबार्ड, सिडबी और आर.बी.आई. समेत सभी हितधारकों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। मुद्रा बैंक के कामकाज से जुड़ी वास्तविक रूपरेखा मुद्रा बैंक का औपचारिक शुभारंभ होने के बाद तय की गई है। सूत्रों के अनुसार, मुद्रा बैंक पंजीकृत छोटे उद्योगों को सीधे तौर पर ऋण देगा। वहीं निचले स्‍तर के उद्यमियों के लिए मुद्रा बैंक अलग-अलग एन.जी.ओ की भी सहायता ले सकता है। मुद्रा बैंक सभी राज्‍यों में अपनी शाखा भी स्‍थापित कर सकता है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत उपलब्ध ऋणों के प्रकार और ऋण की अधिकतम सीमा

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत स्थापित मुद्रा बैंक द्वारा छोटी निर्माणी ईकाईयों और दुकानदारों को ऋण प्रदान करने के साथ ही सब्जी वालों, सैलून, खोमचें वालों का भी ऋण प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में प्रत्येक क्षेत्र के अनुसार योजना का निर्माण किया जाएगा। इसे तीन प्रकार के ऋण देने के लिए वर्गीकृत किया गया है:

  • शिशु ऋण – शिशु ऋण योजना के अन्तर्गत 50 हजार तक का ऋण दिया जाएगा। शिशु ऋण व्यापार शुरु करने के पहले चरण पर प्रदान किया जाता है। इसके लिए किसी भी ऋणाधार की आवश्यकता नहीं होती, यहाँ तक कि ऋण प्रक्रिया का भी कोई शुल्क अदा नहीं किया जाता। इस ऋण की ब्याज दर 1% प्रति माह (महीना) होगी और इसके पुनर्भुगतान की अधिकतम सीमा 5 साल है।
  • किशोर ऋण – किशोर ऋण योजना के अन्तर्गत 50 हजार से 5 लाख की धनराशि तक ऋण प्रदान किया जाएगा।
  • तरुण ऋण – तरुण ऋण योजना के अन्तर्गत 5 लाख से 10 साथ की धनराशि तक का ऋण दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण की उपलब्धता

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत स्थापित मुद्रा बैंक के द्वारा प्रदान किया जाने वाला ऋण दुकानदारों, सब्जी के ठेले वालों, सैलून वालों, छोटे कारोबारियों, कुटीर उद्योगों के साथ ही निम्नलिखित के लिए भी उपलब्ध है:

  • वाहन ऋण – व्यापारिक वाहन ऋण, कार ऋण, दुपहिया वाहन ऋण।
  • व्यवसाय किस्त ऋण – आवश्यक कार्यशील पूँजी के लिए, प्लांट और मशीनरी खरीदने के लिए, ऑफिस या कार्यालय के पुनर्निर्माण आदि के लिए ऋण।
  • व्यवसाय सूमूह ऋण और ग्रामीण व्यवसाय साख – ओवर ड्राफ्ट, ड्रोप लाइन ओवर ड्राफ्ट और कार्यशील पूँजी पर ऋण।

 

प्रधानमंत्री योजना के अन्तर्गत व्यवसाय ऋण कैसे उपलब्ध होगा?

जैसा कि, अभी मुद्रा बैंक अपने आप में पूर्णरुप से स्ववित्त पोषित संस्था नहीं हैं, इसे भविष्य में पूर्ण वित्त संस्था के रुप में परिवर्तित किया जाएगा। इसलिए, मुद्रा बैंक ने 27 सरकारी क्षेत्र के बैंकों, 17 निजी क्षेत्र के बैंकों, 27 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और 25 सूक्ष्म वित्त संस्थाओं को नामांकित किया है। मुद्रा योजना के अन्तर्गत नेतृत्व करने वाले संस्थान निम्नलिखित है:

  • निर्धारित व्यावसायिक बैंक (सार्वजनिक या निजी बैंक)।
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आर.आर.बी.)।
  • निर्धारित शहरी सहकारी बैंक।
  • राज्य सहकारी बैंक।
  • सूक्ष्म वित्तीय संस्थाएं (जैसे: एन.एफ.सी., ट्रस्ट, संस्था आदि।)।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण प्राप्त करने की पात्रताएं

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण प्राप्त करने के लिए मुद्रा ऋण आवेदन के साथ निम्नलिखित विवरणों को जमा करना पड़ता है:

  • स्वहस्तान्तरित पहचान पत्र (वोटर कार्ड / ड्रिराइविंग लाइसेंस / आधार कार्ड / पासपोर्ट आदि)।
  • आवास प्रमाण पत्र (वर्तमान फोन का बिल / बिजली का बिल / वोटर कार्ड / आधार कार्ड / बैंक स्टेटमेंट / पासपोर्ट आदि)।
  • ऋण प्राप्त करने वाले की दो पास पोर्ट साइज की फोटो।
  • जाति प्रमाण पत्र; जैसे – अन्य पिछड़ी जाति / अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अल्पसंख्यक आदि।
  • खरीदने वाली मशीन या अन्य वस्तु का उद्धरण या विवरण।
  • आपूर्ति कर्ता का नाम / मशीन कै विवरण / मशीन का मूल्य / या खरीदी गई वस्तु।

मुद्रा बैंक से ऋण के लिए आवेदन करने के मानदंड

सरकार ने यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि, मुद्रा बैंक के माध्यम से कोई भी छोटे स्तर का उद्यमी ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है। न केवल छोटे स्तर पर कार्य शुरु करने वाले बल्कि महिला उद्यमी भी इस ऋण के लिए आवेदन कर सकती है। यद्यपि, किसी भी वर्ग या महिलाओं के लिए विशेषरुप से कोई भी आरक्षण नहीं है, यहाँ तक कि, किसी भी प्राथमिकता को भी प्रदर्शित नहीं किया गया है।

मुद्रा ऋण केवल छोटे व्यवसायियों के लिए ही है। इसके लिए कोई भी विशेष मानदंड नहीं है। लेकिन एक चीज बिल्कुल स्पष्ट है कि, यदि आप ऋण प्राप्त करना चाहते हो तो आपका लाभ अधिकतम होना चाहिए। यह ऋण शिक्षा के उद्देश्य से नहीं है, आप इस ऋण से घर या कोई व्यक्तिगत वाहन नहीं खरीद सकते हैं। यदि आप कोई व्यावसायिक उद्देश्य से कोई वाहन खरीदना चाहते हैं तो आप खरीद सकते हैं लेकिन आप उससे व्यक्तिगत उद्देश्यों से नहीं खरीद सकते हैं। निम्नलिखित कार्यों के लिए मुद्रा ऋण नहीं ले सकते है:

  • व्यक्तिगत आवश्यकताएं।
  • शिक्षा के उद्देश्य से।
  • व्यक्तिगत कार या बाइक खरीदने के लिए।
  • धनी व्यापारी।

मुद्रा बैंक का लक्ष्य

मुद्रा बैंक के लक्ष्य निम्नलिखित है:

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सूक्ष्‍म व्‍यवसायों के लिए स्‍थानीय ऋण आपूर्ति की एक अच्‍छी संरचना का निर्माण करना।
  • छोटे उद्योग वित्त पोषण व्यवसायों के लिेए नीति और दिशा निर्देशों को निर्धारित करना।
  • सूक्ष्म वित्तीय संस्थाओं का पंजीकरण।
  • सूक्ष्म वित्तीय संस्थाओं का मूल्यांकन।
  • अल्प वित्त संस्थाओं को मान्यता प्रदान करना।
  • कुटीर उद्योगों के लिए ऋण प्रदान करने वालों के लिए मानक नियम पत्रों के समूह का विकास।
  • उचित ग्राहक सुरक्षा सिद्धान्तों और वसूली के नियमों को सुनिश्चित करना।
  • सभी के लिए सही तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देना।
  • क्षेत्र में विकास एवं तकनीकी गतिविधियों को समर्थन।

 

मुद्रा बैंक के मुख्य उद्देश्य

प्रधानमंत्री योजना के अन्तर्गत स्थापित मुद्रा बैंक के निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य हैं:

  • सभी सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एम.एफ.आई.) को पंजीकृत करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एम.एफ.आई. तक पहुँचने में मदद मिलेगी, जो उनकी आवश्यकताओं को पूरा करते हों और जिनका पुराना प्रदर्शन सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एम.एफ.आई.) में प्रतियोगिता और प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
  • सूक्ष्म व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए साख गारंटी योजना (क्रेडिट गारंटी स्कीम) बनाई गई है।
  • वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक उपलब्ध कराना।
  • छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज प्रदान कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।
  • सूक्ष्म वित्त के ऋणदाताओं और कर्जों को नियमित करना और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
  • सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एम.एफ.आई.) और छोटे व्यापारियों, फुटकर विक्रेताओं (रिटेलर्स), स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली संस्थाओं को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
  • कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशा-निर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य प्रक्रिया या दिशानिर्देशों का पालन करना है, उसे बनाने में मुद्रा मदद करेगा।
  • मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ की हड्डी बनेगा।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की विशेषताएं

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की विशेषताएं निम्नलिखित है:

  • इस योजना के तहत छोटे उद्यमियों को कम ब्याज दर पर 50 हजार – 10 लाख की धनराशि तक का ऋण प्रदान किया जाएगा।
  • केन्द्र सरकार मुद्रा योजना पर 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसके लिए 3,000 करोड़ धनराशि की क्रेडिट गारंटी रखी गई है।
  • मुद्रा बैंक छोटे वित्तीय संस्थानों को पुनर्वित्त प्रदान करेगा ताकि वे प्रधानमंत्री योजना के अन्तर्गत छोटे उद्यमियों को ऋण प्रदान कर सकें।
  • मुद्रा बैंक पूरे भारत के 5.77 करोड़ सूक्ष्म व्यापार ईकाईयों की मदद करेगा।
  • मुद्रा बैंक योजना का दायरा बढ़ाने के लिए डाक विभाग के विशाल नेटवर्क का प्रयोग किया जाएगा।
  • मुद्रा बैंक के अन्तर्गत महिलाओं, अनुसूचित जाति / जनजाति के उद्यमियों को ऋण देने में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • यह भारत में युवा रोजगार और कौशल को बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के महत्व और लाभ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने, छोटे कारोबारियों को व्यवसाय में बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुद्रा बैंक योजना की घोषणा की है, जिसकी शुरुआत वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट (2015-16) में 20 हजार करोड़ कोष और 3 हजार करोड़ रुपये साख गारंटी रखकर की है। यह योजना बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, क्योंकि यह न छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन देती है, बल्कि विकास को देश के सबसे छोटे स्तर से शुरु करती है। इस योजना के प्रमुख लाभ और महत्व निम्नलिखित है:

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए मुद्रा बैंक सूक्ष्म-वित्त संस्थानों को पुनर्वित्त प्रदान करेगा।
  • कर्ज देने में एससी/एसटी उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • मुद्रा योजना से युवा, शिक्षित अथवा कुशल कामगारों का विश्वास काफी हद तक बढ़ेगा, जो अब प्रथम पीढ़ी के उद्यमी बनने के लिए प्रेरित होंगे।
  • मौजूदा छोटे कारोबारी भी अपनी गतिविधियों का विस्तार करने में सक्षम हो सकेंगे।
  • मुद्रा बैंक ठेले और खोमचे वालों को भी ऋण उपलब्‍ध करायेगा।
  • इस योजना के तहत पापड़, अचार आदि का व्‍यापार कर रही कारोबारी महिलाओं को भी इस बैंक की ओर से ऋण प्रदान किया जायेगा।
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत छोटी मोटी दुकान, ब्यूटी पार्लर, मैकेनिक, दर्जी, कुम्हार तथा ऐसा ही छोटा मोटा धंधा करने वालों को भी ऋण देने का प्रावधान किया गया है।

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