कौशल विकास अभियान ‘स्किल इंडिया मिशन’ : कौशल भारत – कुशल भारत
भारत में दस साल की कांग्रेस पार्टी के सत्ता शासन के बाद 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ विजय प्राप्त की और इस जीत का श्रेय उस समय के गुजरात मुख्यमंत्री, वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। मोदी सरकार, ने 2014 से ही, सत्ता में आने के बाद से, भारत के विकास के लिये अनेक कार्यक्रम शुरु किये जैसे: ‘डिजीटल इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’ आदि। इन कार्यक्रमों के बाद मोदी सरकार ने “कौशल विकास अभियान ‘स्किल इंडिया’ ” कार्यक्रम को शुरु किया है। ये एक बहु-आयामी विकास योजना है। इसके अन्तर्गत भारतीयों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जायेगी जिससे कि वो अधिक से अधिक रोजगार का सृजन कर सकें।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (स्किल इंडिया मिशन) – कौशल भारत कुशल भारत की शुरुआत
प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी, ने अपने स्वप्न “स्किल इंडिया” को, नई दिल्ली में “राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन” के रुप में, शुरु किया। जिसमें स्पष्ट किया कि ये सरकार की गरीबी के खिलाफ एक जंग हैं और भारत का प्रत्येक गरीब और वंचित युवा इस जंग का सिपाही है। इस योजना की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी ने 15 जुलाई 2015 को अन्तर्राष्ट्रीय युवा कौशल दिवस पर की थी। साथ ही इस योजना का लोगो (प्रतीक चिन्ह) और टैग लाइन का अनावरण भी किया था।
मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिये अनेक कार्यक्रमों को शुरु किया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये सबसे महत्वपूर्ण कदम भारत में कौशल विकास योजना कार्यक्रमों की शुरुआत है। “कौशल भारत – कुशल भारत” की योजना भी इसी का एक भाग है। “स्किल इंडिया मिशन” योजना के अन्तर्गत चार अन्य योजनाओं (राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, कौशल विकास और उद्यमिता के लिये राष्ट्रीय नीति, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और कौशल ऋण योजना) को सम्मलित करके शुरु की गयी है।
स्किल इंड़िया मिशन के उद्देश्य और मुख्य तथ्य
देश को विकसित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जुलाई 2015 को पूरे भारत में लगभग 40 करोड़ भारतीयों, को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत, 2022 तक प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से “कुशल भारत- कौशल भारत” योजना को शुरु किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित करके उनकी कार्य क्षमता को बढ़ावा देना है। मुख्यरुप से कौशल विकास योजना का उद्देश्य भारत के युवाओं के कौशल के विकास के लिये उन क्षेत्रों में अवसर प्रदान करना है जो कई वर्षों से अविकसित है। इसके साथ ही साथ विकास करने के नये क्षेत्रों की पहचान करके उन्हें विकसित करने के प्रयास करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में, “कौशल विकास योजना, केवल जेब में रुपये भरना ऐसा नहीं है, बल्कि गरीबों के जीवन को आत्मविश्वास से भरना है।” इस प्रकार इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- गरीबी के कारण जो बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं उनके अन्दर छिपे कौशल को विकसित करना।
- योजनाबद्ध तरीके से गरीबों और गरीब नौजवानों को संगठित करके उनके कौशल को सही दिशा में प्रशिक्षित करके गरीबी का उन्मूलन करना।
- गरीबी को दूर करने के साथ-साथ गरीब लोगों, परिवारों तथा युवाओं में नया सामर्थ भर के आगे बढ़ने का आत्मविश्वास लाना तथा देश में नयी ऊर्जा लाने का प्रयास करना।
- सभी राज्यों और संघ राज्यों को संगठित करके आई.आई.टी. की इकाईयों के माध्यम से दुनिया में स्वंय को स्थापित करना।
- भारत की लगभग 65% जनसंख्या (जिनकी आयु 35 वर्ष से कम है) को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये कौशल एंव अवसर प्रदान करना।
- देश के युवा और नौजवानों के लिये रोजगार उपलब्ध कराने के लिये उन्हें रोजगार के योग्य बनाने के लिये पूरी एक व्यवस्था के निर्माण को देश की प्राथमिकताओं में शामिल करना।
- आने वाले दशकों में पूरी दुनिया में कार्यकुशल जनसंख्या की आवश्यकता को पूरी करने के लिये विश्व के रोजगार बाजार का अध्ययन करके उसके अनुसार देश के युवाओं को प्रत्येक क्षेत्र में आज से ही कुशल बनाना।
- देश के युवा जिस कौशल (जैसे: गाड़ी चलाना, कपड़े सिलना, अच्छी तरह से खाना बनाना, साफ-सफाई करना, मकैनिक का काम करना, बाल काटना, आदि) को परंपरागत रुप से जानते हैं, उसके उस कौशल को और निखारकर व प्रशिक्षित करके उस व्यक्ति के कौशल को सरकार द्वारा मान्यता प्रदान करना।
- कौशल विकास के साथ उद्यमिता और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना।
- सभी तकनीकी संस्थाओं को विश्व में बदलती तकनीकी के अनुसार गतिशील बनाना।
इस कौशल विकास योजना में नया क्या है?
एन.डी.ए. सरकार द्वारा शुरु की गयी कौशल भारत – कुशल भारत योजना नयी योजना नही है इससे पहले यू.पी.ए. सरकार ने भी स्किल डेवल्पड योजना को शुरु किया था। यू.पी.ए. सरकार ने, वर्ष 2022 तक लगभग 500 मिलियन भारतीयों में कौशल विकास करने के लक्ष्य को रखा था। लेकिन एन.डी.ए. सरकार द्वारा इस लक्ष्य को बढ़ा कर 40 करोड़ कर दिया गया है। इस योजना में न केवल उद्यमी संस्थाओं को जोड़ा हैं बल्कि, पूरे भारत में कार्यरत सभी गैर-सरकारी संस्थानों से भी संबंध स्थापित किया है। इससे पहले ये योजना 20 मंत्रालयों द्वारा संचालित की जाती अब मोदी सरकार ने इसे एक मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है, जो बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है।
न केवल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम नया हैं, बल्कि इसका मंत्रालय और उद्देश्य भी नये है। पहले ये 20 अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा संचालित किया जाता था अब सभी को एक साथ कर दिया गया है। इस तरह ये योजना पूरी तरह से नयी है जो न केवल नये अवसरों, क्षेत्र और स्थानों में कौशल विकास को करती है बल्कि जिन क्षेत्रों में कौशल विकास की संभावनाएं हैं उन्हें ढूँढती भी है। इस नये मंत्रालय (कौशल और उद्यमिता विकास मंत्रालय) की भूमिका इन 20 मंत्रालयों के समन्वय के साथ खत्म नहीं होती बल्कि ये कौशल विकास पर चलायी जा रही सभी योजनाओं के लिये जवाब देय भी है।
स्किल इंडिया मिशन के लक्ष्य और दिये जाने वाले प्रशिक्षण के प्रकार
कौशल भारत – कुशल भारत योजना का मुख्य लक्ष्य देश के गरीब व वंचित युवा है, जिनके पास हुनर तो है पर उसके लिये कोई संस्थागत प्रशिक्षण नहीं लिया है और न ही इसकी कोई मान्यता उनके पास होती है। युवाओं के इस हुनर को प्रशिक्षण द्वारा निखारकर बाजार योग्य बनाकर प्रमाण-पत्र देते हुये उनके लिए रोजगार का सृजन करना ही इस योजना का मुख्य लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ने इस योजना की घोषणा के समय ही स्पष्ट किया था कि कौशल भारत – कुशल भारत योजना का लक्ष्य युवाओं में कौशल के विकास के साथ-साथ उनका मूल्य संवर्धन करना है।
इस योजना का लक्ष्य भारत में तकनीकी शिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाकर उसे विश्व मांग के अनुरुप ढालना हैं। इस योजना की घोषणा के समय पी.एम. मोदी ने भाषण देते हुये कहा था कि भारत में परंपरागत शिक्षा पाठ्यक्रम प्रचलन में जिससे कि हम विश्व में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के साथ अपने आप को गतिशील नहीं बना पाये हैं और आज भी बेराजगार है। इसके लिये आवश्यक है कि हम अपने शैक्षिक पाठ्यक्रम में विश्व मांग के अनुसार बदलाव लाये। आने वाले दशकों में किस तरह के कोशल की माँग सबसे अधिक की जायेगी उसका अध्ययन करके अपने देश में उस अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार यदि युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे तो भारत के युवाओं को रोजगार के सबसे अधिक अवसर मिलेंगे। इस तरह कौशल भारत – कुशल भारत एक आन्दोलन है, न कि सिर्फ एक कार्यक्रम।
विशेष कार्यक्रम को पूरा करने वाले युवाओं को मंत्रालय द्वारा प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। एक-बार प्रमाण पत्र मिलने के बाद इस सभी सरकारी व निजी, यहाँ तक कि विदेशी संगठनों, संस्थाओं और उद्यमों द्वारा भी वैध माना जायेगा। प्रशिक्षण देने के लिये विभिन्न श्रेणियों को लिया गया है; जैसे: वो बच्चे जिन्होंने स्कूल या कॉलेज छोड़ दिया है, और कुछ बहुत अधिक प्रतिभाशाली लड़कें और लड़कियाँ आदि। इसके साथ ही गाँव के वो लोग जो हस्तशिल्प, कृषि, बागवानी आदि का परंपरागत कौशल रखते है, उनकी आय को अधिक करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। कौशल भारत – कुशल भारत सम्पूर्ण राष्ट्र का कार्यक्रम है।
कौशल भारत – कुशल भारत मिशन के लाभ
कौशल भारत मिशन को अन्तर्गत मोदी सरकार ने गरीब व वंचित युवाओं प्रशिक्षित करके बेरोजगारी की समस्या और गरीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस मिशन का उद्देश्य उचित प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं में आत्मविश्वास को लाना है जिससे की उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो सके। इस योजना के माध्यम से सरकारी, निजी और गैर-सरकारी संस्थानों के साथ साथ शैक्षिक संस्थाएं भी सम्मलित होकर कार्य करेंगी। इस मिशन के कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित है:
- कौशल विकास योजना के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित करके भारत में बेरोजगारी की समस्या के निवारण में सहायता।
- उत्पादकता में वृद्धि।
- भारत से गरीबी खत्म करने में सहायक।
- भारतीयों में छिपी हुई योग्यता को बढ़ावा देने में सहायक।
- राष्ट्रीय आय के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि।
- लोगों की जीवन निर्वाह आय में वृद्धि।
- भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार।
कौशल भारत – कुशल भारत अभियान को जागरुकता अभियानों के साथ सभी लोगो को उनके हुनर में कुशल करके भारत से बहु-आयामी समस्याओं का निराकरण करना है। प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में, “मैं भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के लिये पूरे राष्ट्र को प्रतिज्ञा करने के लिये आह्वान करता हूँ।”