2 अक्टूबर को पूरे देश भर में गाधी जयंती का पर्व मनाया जाता है, यह हमारे देश के तीन सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस दिन को महात्मा गाँधी के महान व्यक्तित्व और चरित्र के याद में समर्पित किया गया है तथा इसे पूरे भारतवर्ष में काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है और लोगों द्वारा इस दिन को यादगार बनाने के लिए तरह-तरह के प्रयत्न किए जाते है। इस दिन के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश होने के कारण विद्यालय तथा कार्यलयों में गाँधी जयंती का उत्सव एक दिन पहले ही मनाया जाता है। विद्यार्थी इस दिन विद्यालय की साज-सज्जा में हिस्सा लेते हैं और गाँधी जयंती के अवसर पर अपने शिक्षकों के साथ मिलकर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
‘गांधी जयंती का पर्व’
देखो महात्मा गाँधी की जयंती आई,
बच्चों के चेहरों पर मुस्कान है लाई।
हमारे बापू थे भारतवर्ष के तारणहार,
आजादी के सपने को किया साकार।
भारत के लिए वह सदा जीते-मरते थे,
आजादी के लिए संघर्ष किया करते थे।
खादी द्वारा स्वावलंबन का सपना देखा था,
स्वदेशी का उनका विचार सबसे अनोखा था।
आजादी के लिए सत्याग्रह किया करते थे,
सदा मात्र देश सेवा के लिए जीया करते थे।
भारत की आजादी में है उनका विशेष योगदान,
इसीलिए तो सब करते हैं बापू का सम्मान,
और देते है उन्हें अपने दिलों में स्थान।
देखो उनके कार्यो कभी भूल ना जाओ,
इसलिए तुम इन्हें अपने जीवन में अपनाओ।
तो आओ सब मिलकर सब झूमें गाये,
साथ मिलकर गाँधी जयंती का यह पर्व मनायें।
———–Yogesh Kumar Singh
‘महात्मा गांधी – एक अलग पहचान’
एक व्यक्तित्व थी साधारण सी,
दुबली-पतली जिनकी काया थी।
विचारों में थी गजब की प्रबलता,
जिन्होंने पायी हमेशा सफलता।
जन्म हुआ पोरबंदर में,
और पढ़ाई लंदन में।
नौकरी पायी दक्षिण अफ्रिका में,
और मृत्यु हुई भारत में।
विश्वास के धनी थे वो,
सत्य, अहिंसा थी जिनकी ताकत।
सादगी का जीवन जीते थे वो,
और खादी था उनका प्रिय वस्त्र।
पूरी दुनिया में अलग पहचान बनाकर,
अहिंसा के पुजारी वे कहलाये।
चाहे अधनंगा फकीर लोगों ने कहा,
पर तनिक भी वे ना घबराए।
बड़े-बड़े योद्धा भी न कर सके,
जो इस साधारण काया ने कर दिखाए।
सत्य, अहिंसा के मार्ग को चुन कर,
भारत को अंग्रेजों से आज़ाद कराये।
नमन है ऐसे महापुरुष को,
जो देश के बापू कहलाए।
महात्मा कि उपाधि इन्हे मिली,
और एक सच्चे देश भक्त कहलाए।
सत्य-अहिंसा में है गजब की ताकत,
ये इस महापुरुष ने सिखलाये।
पूरी दुनिया में नाम कमाकर,
वे गर्व से महात्मा गाँधी कहलाये।
———————-Kanak Mishra
‘बापू के विचार’
हर वर्ष गाँधी जयंती तो मनाते हो,
पर बापू के विचारों को ना अपनाते हो।
देश के लिए उन्होंने ना जाने कितने कष्ट सहे,
देश की आजादी की खातिर जेलों में भी रहे।
कहने को तो राष्ट्रपिता का उनको दर्जा देते हो,
फिर भी उनके कार्यों का फर्ज ना अदा करते हो।
आजादी को प्राप्त हुए बीत चुके है इतने वर्ष,
फिर भी देश में स्वेदशी के लिए हो रहा संघर्ष।
यदि हम ऐसे ही विदेशी उत्पाद अपनायेगें,
तो देश के तरक्की में कैसे हाथ बटायेंगे।
बापू ने तो सबको अंहिसा का पाठ सिखाया,
पर ना जाने देश ने इसे क्यों ना अपनाया।
कर दिया उन्होंने देश के लिए सब कुछ कुर्बान,
पर अपने उपलब्धियों पर कभी ना किया अभिमान।
आओ हम सब ले यह प्रण कि बापू के विचारों को अपनायेंगे,
साथ मिलकर देश को तरक्की की राह पर आगे बढ़ायेंगे।
———–Yogesh Kumar Singh