मुस्कान या मुस्कुराहट पर कविता

Poem on Smile

मुस्कुराता हुआ हर चेहरा और मासूमियत से भरी मुस्कान कौन नहीं चाहता। मुस्कान को तो सफलता की चाभी भी कहते हैं। इसे पता लगता है की मुस्कराहट भरी जीवन किसी भी व्यक्ति के लिए कितना जरुरी है। लेखक ने मुस्कान को अपना शीर्षक बनाकर क्या खूब कविता लिखा है जिसे पढ़कर ही मुस्कराहट भरी जिंदगी की चाह हो जाए। मुस्कराहट तो चेहरे का नूर ही बदल देती है। मुस्कान सबके दुखो का नाश कर दिल में जीने की नई उमंग ले आता है। लेखक ने इन सारी बातों का ध्यान रखते हुए बहुत सारी कविताओं की रचना की है जो मुस्कराहट भरी जिंदगी की कामना पर प्रकाश डालती है।

मुस्कान पर कवितायें (Poems on Smile in Hindi)

कविता 1

‘मुस्कुराता हुआ हर चेहरा’

मुस्कुराता हुआ हर चेहरा अच्छा लगता है,

चेहरे का नूर ही कुछ अलग सा लगता है,

लोग कहते है कि मुस्कान हर दर्द को छिपा लेती है,

वही मुस्कुराहट किसी की खुशी की वजह बन जाती है,

किसी के जीवन में नई आशाओं का संचार करती है,

किसी के जीवन से दुखों का नाश करती है,

चेहरे पर मुस्कान की खाशियत ही यही है।

 

अपनों के चहरे की मुस्कान सूकून देती है,

चिन्ताओं से मुक्ति का अहसास देती है,

पूछ ले जरा कोई मुस्कान के साथ तकलीफ आपकी

तो उस मायूसी से भरे संसार में नए हौसलों को उड़ान देती है।

 

किसी मासूम बच्चे के चहरे की मुस्कान,

दिल में जीने की नई उमंग जगाती है,

कह दे कोई मुस्कुराकर साथ हूँ मैं तेरे हर पल,

तो वो मुस्कान अकेलेपन के डर को भी दूर कर जाती है।

                         ————— वन्दना शर्मा।

 

कविता 2

‘मासूमियत से भरी मुस्कान’

मासूमियत से भरी होती है मुस्कान,

दिल की खुशी की पहचान होती है मुस्कान,

लगता है जब कोई बेगाना अपना सा,

तो इस छुपे हुए राज को खोलती है मुस्कान।

 

होठों के घरोंदे में छुपी रहती है मुस्कान,

जीवन को सुलझाती पहेली है मुस्कान,

रुठ जाए जब कोई अपना किसी बात पर,

तो उसको मनाने की जीत में शामिल होती है मुस्कान।

 

अपनी मंजिल को पाने पर छलकती है मुस्कान,

निराशा भरे जीवन में आशा का संचार है मुस्कान,

जीत की नई परिभाषा है मुस्कान,

बेरंग दुनिया में रंगीन हौसला है मुस्कान।

 

न जाने कितने रुपों में होती है ये मुस्कान,

पर आखिर में होती है ये दिल की खुशी का ही परिणाम।

 

अन्तिम शब्दों में है ये वन्दना शर्मा का पैगाम,

मुस्कुराते रहो हर पल, सुबह और शाम,

न जाने आपकी मुस्कान ही हो,

किसी की जिंदगी में जीने की चाहत का जाम।

                             ———- वन्दना शर्मा।

 

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