डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म अप्रैल 14 अप्रैल 1891 को महू सेना छावनी, केंद्रीय प्रांत सांसद महाराष्ट्र में हुआ था। लोग प्रेमपूर्वक इन्हें बाबा साहब अंबेडकर के नाम से भी संबोधित करते है। वह अपने समय में भारत के उच्चतम शिक्षित व्यक्तियों में से एक थे। उनका जीवन सदैव संघर्षो से भरा रहा उनके जन्म के चार वर्षो बाद ही उनकी माँ का निधन हो गया था और दलित परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें सदैव ही जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा, फिर भी इन समस्याओं के बावजूद उन्होंने हिम्मत नही हारी और ब्रिटेन और अमेरिका के नामी विश्वविद्यालयों से शिक्षा हासिल की और फिर कभी पीछे मुड़कर नही देखा।
‘बाबा साहब हमारे भाग्य विधाता’
भारत के संविधान निर्माता,
दलित-शोषितों के भाग्य विधाता।
लोगों को दिया समानता का अधिकार,
बनायी जनता की सरकार।
न्याय और जातिवाद से लिया लोहा,
लोगों के मन को मोहा।
महिलाओं और दलितों को दिये अधिकार,
सबके सपनों को किया साकार।
दलितों के अधिकारों के लिए किया संघर्ष,
हर चुनौती को स्वीकार किया सहर्ष।
राष्ट्र निर्माण के लिए किया कार्य,
हर चुनौती को किया स्वीकार।
देशहित के लिए सहे हर अपमान,
इसलिए आओ करें बाबा साहब का सम्मान।
‘हमारे बाबा साहब’
सबके प्यारे डॉ भीमराव अंबेडकर,
लोगों में सबसे दुलारे बाबा साहब अंबेडकर।
14 अप्रैल को आता इनका जन्म दिवस,
लोगों के लिए कार्य किया इन्होंने बर बस।
जीवन था उनका संघर्षों से भरा,
फिर भी अपने हर वादे को किया पूरा।
देशहित में किया संविधान निर्माण,
गरीबों निर्बलों के जीवन में डाले नये प्राण।
उनके दिखाये रास्ते पर हमें चलना होगा,
संविधान की बातों पर अमल करना होगा।
नियम कानून द्वारा सबको दिये नये विचार,
अपने प्रयासों से किया सबके सपनों को साकार।
आओ मिलकर करें उनका सम्मान,
उनके बातों को मानकर रखे उनका मान।
गरीबों के लिए मसीहा बनकर आये बाबा साहब,
शोषित हों या पिछड़े पूरे किये सबके ख्वाब,
यही है कारण की इतने महान थे हमारे बाबा साहब।
‘ऐसे थे बाबा साहब अबेंडकर’
नाम उनका डॉ भीमराव अंबेडकर,
जीवन भर दूसरों की सहायता के लिए रहे तत्पर।
अनेकों कष्टों को सहकर पाया शिक्षा का अधिकार,
जातिप्रथा और छुआछुत की समस्या पर किया वार।
संविधान बनाकर दिया दबे कुचलों को अधिकार,
ऐसे थे हमारे बाबा साहब अंबेडकर।
मध्य प्रदेश के महू में लिया जन्म,
मानवता को मान लिया अपना कर्म।
रास्ते में आयी तमाम विपत्तियां,
लेकिन हर चुनौती का डटकर किया सामना।
देशहित में किये कई महान कार्य,
लोगो के अधिकारों हेतु किया संविधान निर्माण।
दबे-कुचलों और शोषितों को राह दिखाया,
आजादी और आत्मसम्मान का महत्व बतलाया।
इसलिए तो ऐसे थे हमारे बाबा साहब अंबेडकर,
जिन्होंने किया हर विपत्ति का सामना डटकर।