हिंदी को हमारे देश में राज भाषा का दर्जा प्राप्त है और क्योंकि इसे सबसे अधिक लोगो द्वारा बोला जाता है, इसलिए इसे जन-जन की भाषा के रुप में भी जाना जाता है। वैसे देखा जाये तो हिंदी का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है पर आधुनिक काल यानि सन् 1850 के पश्चात इसमें सबसे अधिक उन्नति हुई। देश के स्वंत्रता के पश्चात 14 सिंतबर 1949 को संविधान सभा द्वारा यह निर्णय लिया गया कि हिंदी देश की राजभाषा होगी, इसी कारण प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है।
प्रसिद्ध लोगों द्वारा हिंदी दिवस पर बेस्ट कोट्स (Best Quotes on Hindi Diwas by Famous Personalities in Hindi)
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हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। – कमलापति त्रिपाठी
भारत के विकास में हिंदी का योगदान अति महत्वपूर्ण हैं. यदि हम भारत को विकसित देश के रूप में देखना चाहते हैं तो हिंदी के महत्व को हम सबको समझना होगा। – दुनियाहैगोल
हिंदी हृदय की भाषा हैं, जिसकी वजह से हमारे शब्द हृदय से निकलते हैं और हृदय तक पहुँचते हैं। – अज्ञात
हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है और यदि मुझसे भारत के लिए एकमात्र भाषा का नाम लेने की कहा जाए तो वह निश्चित रूप से हिन्दी ही है। – कामराज
हिन्दी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है। – सुमित्रानंदन पंत
कोई राष्ट्र अपनी भाषा को छोड़कर राष्ट्र नहीं कहला सकता। भाषा की रक्षा सीमाओं की रक्षा से भी जरूरी है। – थास्मिस डेविस
निज भाषा उन्नति अहै, सब भाषा को मूल, बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटै न हिय को शूल।— भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
‘हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है’। – महात्मा गांधी
जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। – डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। कमलापति त्रिपाठी
जो सम्मान, संस्कृति और अपनापन हिंदी बोलने से आता हैं, वह अंग्रेजी में दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता हैं। – अज्ञात
हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता। पंडित गोविंद बल्लभ पंत
हिन्दी पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्य है. उसे हम सबको अपनाना है। – लालबहादुर शास्त्री
परदेशी वस्तु और परदेशी भाषा का भरोसा मत रखो अपने में अपनी भाषा में उन्नति करो। – भारतेंदु हरिश्चन्द्र
हिन्दी देश की एकता की कड़ी है। – डॉ. जाकिर हुसैन
हिन्दी के द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। – महर्षि स्वामी दयानन्द
हिंदी है हम और हिंदी हमारी पहचान हैं। – अज्ञात
हिन्दी सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से विश्व की भाषाओं में महानतम स्थान रखती है। – डॉ. अमरनाथ झा
देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जानेवाली हिन्दी राष्ट्रभाषा – पद की अधिकारिणी है। – सुभाषचन्द्र बोस
हिन्दी की एक निश्चित धारा है, निश्चित संस्कार है। – जैनेन्द्रकुमार
हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा तो है ही, यही जनतंत्रात्मक भारत में राजभाषा भी होगी। – राजगोपालाचारी
हमारी नागरी लिपी दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपी है। राहुल सांकृ्त्यायन
देश की किसी संपर्क भाषा की आवश्यकता होती है और वह (भारत में) केवल हिन्दी ही हो सकती है। – श्रीमती इंदिरा गांधी
जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य का गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। – डॉ. राजेंद्र प्रसाद
हिन्दी एक जानदार भाषा है; वह जितनी बढ़ेगी देश को उतना ही लाभ होगा। – जवाहरलाल नेहरू
सभी भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपी आवश्यक है तो वो देवनागरी ही हो सकती है। – जस्टिस कृष्णस्वामी अय्यर
हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोता है। – समित्रानंदन पंत
‘यद्यपि मैं उन लोगों में से हूँ, जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है’। – लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना भाषा का प्रश्न नहीं अपितु देशाभिमान का प्रश्न है। – एन. निजलिंगप्पा
हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है, जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है। – मैथिलीशरण गुप्त
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है। – महात्मा गांधी
जब तक इस देश का राजकाज अपनी भाषा (हिन्दी) में नहीं चलता तब तक हम यह नहीं कह सकते कि इस देश में स्वराज्य है। – मोरारजी देसाई
हिंदी आम बोलचाल की ‘महाभाषा’ है। – जॉर्ज ग्रियर्सन
राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। – महात्मा गांधी
प्रान्तीय ईर्ष्या–द्वेष को दूर करने में जितनी सहायता इस हिंदी प्रचार से मिलेगी, उतनी दूसरी किसी चीज़ से नहीं मिल सकती। – सुभाषचंद्र बोस
मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं सह नहीं सकता। – आचार्य विनोबा भावे
हिंदी किसी एक प्रदेश की भाषा नहीं बल्कि देश में सर्वत्र बोली जाने वाली भाषा है। – विलियम केरी
मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी भाषा के अध्ययन में लगावें. हम यही समझे कि हमारे प्रथम धर्मों में से एक धर्म यह भी है। – विनोबा भावे
हिंदी मेरी माँ ने मुझे सिखाया हैं, इसलिए इसके प्रति प्रेम और सम्मान मेरे हृदय में अन्य भाषाओँ की अपेक्षा अधिक हैं। – अज्ञात
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