आये गम कितने भूल जाता हूँ
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ।
तुमसे तो प्यार है मुझे इतना,
बे बुलाये ही चला आता हूँ
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ।
छोटी सी बात पे तुम रूठ गये
इसलिए मै तुम्हें मनाता हूँ
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ।
राजे दिल को छुपा न पाउँगा,
बैठिये आप को सुनाता हूँ
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ।
दर्द अपना लिए जमाने में
ठोकरे दर बर कि खाता हूँ
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ।
नन्दू भी न भूल नही पायेगे
उनकी यादें गले लगाता हूँ
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ।
आये गम कितने भूल जाता हूँ
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ।