गरीबी एक तरह स्थिति है, जिसके अंतर्गत व्यक्ति के पास सदैव धन और खुशहाल जीवन के लिए जरुरी वस्तुओं का आभाव बना रहता है। गरीबी की अवस्था में व्यक्ति के जीवन में आजीविका के साधनों का अभाव बना रहता है। जिसके कारण उसे कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है जैसै कि अच्छी शिक्षा ना मिल पाना, अच्छा भोजन ना मिलना आदि। वैसै तो गरीबी के कई कारण हैं पर मूलतः समाज में पैदा होने वाली सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक असमानता इसकी प्रमुख कारण हैं। समाज से गरीबी की समस्या को हटाने के लिए कई सारे प्रयास किये जा रहें है पर इसे और ज्यादा सफल बनाने के लिए आम जनता को भी आगे आना होगा।
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तरक्की का सपना करो साकार, गरीबी को मिटाने हेतु करो विचार।
गरीबी उन्मूलन में सहायता का करो संकल्प, देश को विकसित बनाने का यही है विकल्प।
स्वदेशी का लो संकल्प, देश से गरीबी हटाने का यही है विकल्प।
गरीबी हटाना मजबूरी नही जरुरी है।
गरीबी है दुर्भावना और हिंसा का मूल, इसे मिटाकर बनाना होगा समाज को अनुकूल।
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गरीबी ने पैदा किया है देश में अभाव, इसे मिटाकर ही प्राप्त होगा सद्भाव।
वैसे तो भारत बन चुका है गणतंत्र, पर गरीबी मिटाकर यह बनेगा सही मायनों में स्वतंत्र।
सहायता और संवेदना है तरक्की का आधार, गरीबी हटाने में सहायता करके करो देश को विकसित बनाने का सपना साकार।
देश में गरीबी के कारण फैला हुआ है हाहाकार, इसे मिटाकर स्वर्णिम भारत के सपने को करो साकार।
अमीरी और ऐश्वर्य का न पालो दंभ, गरीबी मिटाने में सहायता करके करो नवयुग का आरंभ।
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गरीबी अभिशाप नहीं एक अवस्था है, इसका मुख्य कारण देश में फैली अव्यवस्था है।
लघु उद्योग एक उपचार है, गरीबी पर कड़ा प्रहार है।
जब स्वदेशी सबकी चाहत होगी, तभी गरीबी से राहत होगी।
गरीबी और लाचारी, यही हैं देश की सबसे बड़ी बीमारी।
गरीबी हटेगी तो होगी तरक्की, इसी में है भलाई हम सब की।
गरीब को ना सताएं, वो भी एक इंसान है, हमारी तरह उसमे भी आत्मसम्मान है।
समय इस बात का गवाह है की शिक्षा गरीबी की दवा है।
बस एक यही बात सबको समझनी है, गरीबी हर अपराध की जननी है।
गरीबी से पिछड़ापन और बर्बादी है, ये राष्ट्र की उत्पादकता को घटाती है।
जिसके चेहरे की उदासी उसकी परिस्थितियां बयाँ करें, ऐसे गरीबों पर आप सर्वदा दया करें।
गरीबी है कैंसर जैसा एक भयानक रोग, जिसका इलाज है शिक्षा और लघु उद्योग।
आज आपको मैं बताता हूँ एक मंत्र, जब गरीबी हटेगी तब होगा वास्तव में लोकतंत्र।
स्वदेशी को अपनायेंगे, देश से गरीबी को मिटायेंगे।
अमीरी और ऐशवर्य का ना पालो दंभ, गरीबी मिटाने में सहायता करके करो नवयुग का आरंभ।
देश को तरक्की की ओर बढ़ाओ, गरीबी के कलंक को मिटाओ।
राष्ट्रीय तरक्की के सपने को साकार करेंगे, गरीबी की समस्या से सब मिलकर लड़ेंगे।
आओ मिलकर करें देश के भले के लिए कार्य, गरीबी की समस्या पर करे वार।
आओ मिलकर करें देश से गरीबी हटाने का काम, ताकि विश्व भर में हो भारत का नाम।
देश से गरीबी की समस्या को हटाना हमारा कर्तव्य ही नही दायित्व भी है।
आओ मिलकर देश को समृद्धि की ओर बढ़ाये, देश से गरीबी हटाने हेतु अनुकूल उपायों को अपनाये।
समृद्धि है तरक्की का सार, यदि नही दूर हुई गरीबी तो सब है बेकार।
देखो विश्व में गरीबी और दरिद्रता फैली हुई है चारो ओर, आओ मिलकर इसे मिटाने हेतु मिलकर लगाये जोर।
बिना एक-दूसरे के प्रति सद्भावना के विश्व से गरीबी हटाना असंभव है।
गरीबी विश्व की सबसे बड़ी कुरुपताओं में से एक है।
गरीबी ही हिंसा और चोरी जैसी समस्याओं का मुख्य कारण हैं।
गरीबी की समस्या को हटाकर ही भारत विकसित राष्ट्र बन सकता है।
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